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प्रसव को आसान बनाने में कितने कारगर हैं ये तरीके? 

कई ‘प्राकृतिक तरीके’ हैं, जो महिलाओं को बताए जाते हैं, लेकिन उनमें से कितने सही हैं?

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हमारे पूर्वजों के पास हमेशा से स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान और इलाज के अनूठे तरीके रहे हैं. और पीढ़ी दर पीढ़ी इससे वाकिफ होती रही है. जहां कई उपायों में अंधविश्वास का समावेश होता है, तो कुछ उपाय वाकई में प्रभावकारी होते हैं.

जब प्रेग्नेंसी की बात आती है, तो क्या करना है, क्या नहीं करना है, कई तरह की सलाह दी जाती है. कई "प्राकृतिक तरीके" हैं, जो महिलाओं को बताए जाते हैं ताकि डिलीवरी के दौरान जरूरत पड़ने पर काम आ सके. लेकिन इनमें से कितने तो सिर्फ पुराने किस्से हैं. लेकिन हम आपको कुछ कारगर तरीके भी बता रहे हैं.

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यहां हम ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें डॉक्टरों ने भी सही बताया है, और कुछ ऐसे उपायों की चर्चा भी करेंगे, जो पूरी तरह से मिथक हैं और इनके इस्तेमाल की कोशिश में आपको अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहिए.

सेक्स

मुझे यकीन है कि आप में से कई लोगों ने ये सुना होगा (कुछ ने कोशिश भी की होगी) कि जब डिलीवरी का समय पास हो या तारीख आगे निकल गई हो, तो यौन संबंध बनाएं. यह प्रसव को आसान बनाने में मदद करेगा.

कई ‘प्राकृतिक तरीके’, जो महिलाओं को बताए जाते हैं, कितने सही हैं?

सैद्धांतिक रूप से, शायद हां. विज्ञान के मुताबिक, प्रोस्टाग्लैंडिंस वो हार्मोन हैं, जो प्रसव को प्रेरित करने में मदद करते हैं. और आप इन हार्मोनों को स्वाभाविक रूप से कैसे उत्तेजित करते हैं? आपने अनुमान लगाया -सेक्स. यह वास्तव में वीर्य है, जिसमें प्रोस्टाग्लैंडिन शामिल होता है. कुछ डॉक्टर आपको सुझाव देते हैं कि अगर आपकी तारीख नजदीक आ रही है, तो आप इसे आजमाएं. लेकिन अन्य लोग इससे सहमत नहीं हैं.

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अगर आप खुशी के लिए उस समय सेक्स कर रहे हैं, तो ठीक है. ये नुकसान पहुंचाने वाला नहीं है. लेकिन यह प्रसव को प्रेरित करने में मदद करने वाला भी नहीं है क्योंकि इस बारे में कोई पुख्ता सबूत नहीं है. ये शायद सैद्धांतिक रूप में केवल व्याख्या करने योग्य हैं.
डॉ रंजना शर्मा, स्त्री रोग विशेषज्ञ,अपोलो अस्पताल

सेक्स करने से ऑक्सीटोसिन भी निकलता है, जो आगे चलकर बच्चे के जन्म के दौरान यूटरस (गर्भाशय) के संकुचन को बढ़ावा दे सकता है. हालांकि मुश्किल बात ये है कि हर कोई एक बड़े पेट और कुछ गड़बड़ ना होने की आशंका के साथ इसे आजमाने में सहज नहीं हो सकता है.

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एक्सरसाइज

कुछ लोग सोचते हैं कि जब डिलीवरी का समय पास होता है, तो ज्यादा घूमना, एक्सरसाइज करना, योग करना जैसी चीजें करने से बच्चे को बाहर आने में मदद मिलती है. खैर, इस विशेष लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अगर आप ऐसा कर रही हैं, तो बहुत ज्यादा फायदा नहीं होने वाला है.

कई ‘प्राकृतिक तरीके’, जो महिलाओं को बताए जाते हैं, कितने सही हैं?

निश्चित रूप से, ऐसा करने में कोई नुकसान नहीं है, यहां तक कि प्रेग्नेंट महिला को भी आराम मिलेगा और अच्छा महसूस होगा. लेकिन, डॉ शर्मा का कहना है कि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि ऐसा करने से प्रसव (लेबर) को प्रेरित करने में मदद मिलती है.

हां, प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज और शारीरिक रूप से सक्रिय रहने की ज्यादा से ज्यादा कोशिश करें, यह मां और बच्चे दोनों के लिए बेहतर साबित होता है.

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अरंडी का तेल (कैस्टर ऑयल)

संभवतः प्रसव को प्रेरित करने के लिए लोगों के बीच यह उपाय काफी चर्चित है. अगर सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा) पहले से ही "विकसित" हो चुका है, तो शायद ऐसा हो सकता है, लेकिन डॉक्टर इसके खिलाफ चेतावनी देते हैं.

इस लोकप्रिय धारणा की जड़ यह है कि अरंडी का तेल एक प्रकार का रेचक औषधि है, यानी बहुत चिकना होता है, जो दस्त का कारण बनता है. और तब गैस की दिक्कत,आंत में जलन यूटरस में स्थानांतरित हो सकता है और संकुचन का कारण बन सकता है. लेकिन ऐसा इसलिए है क्योंकि आपका पाचन तंत्र काम कर रहा है, लेबर नहीं. और ज्यादातर, इससे बच्चे को बाहर निकालने में कोई मदद नहीं मिलती है.

कई ‘प्राकृतिक तरीके’, जो महिलाओं को बताए जाते हैं, कितने सही हैं?
यह लेबर को प्रेरित करने का एक बहुत बुरा तरीका है, यह अप्रचलित है. यह आपको संकुचन दे सकता है, लेकिन इससे आपके आंत में बहुत ज्यादा ऐंठन भी हो सकती है. इसलिए इसे कभी ना आजमाएं.
डॉ रंजना शर्मा, स्त्री रोग विशेषज्ञ,अपोलो अस्पताल
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व्यावहारिक रूप से, डॉक्टर का कहना है कि जिन महिलाओं ने कोशिश की है, उन्हें परिणाम मिल भी सकता है और नहीं भी. वहीं, शोध के मुताबिक ये पूरी तरह से असुविधा और चिड़चिड़ापन पैदा करने वाला है, जिसके बिना भी लेबर को प्रेरित किया जा सकता है.

मसालेदार खाना, पपीता, अनानास

आपके द्वारा खाया गया कोई भी भोजन लेबर को प्रेरित करने में मदद नहीं करेगा. इसलिए, ऐसा करने की कोशिश करना भी बंद कर दें! मसालेदार भोजन, पपीता, अनानास, जड़ी बूटी, हर्बल चाय -कुछ भी नहीं.

कुछ लोगों को लगता है कि मसालेदार भोजन जैसी चीजें मदद कर सकती हैं क्योंकि यह गैस्ट्रो रिफ्लेक्स का कारण बन सकता है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जीआई ट्रैक्ट का इस तरह के लेबर को प्रेरित करने के लिए यूटरस (गर्भाशय) से सीधा संबंध नहीं है.

ब्रेस्ट उत्तेजित करना

कई ‘प्राकृतिक तरीके’, जो महिलाओं को बताए जाते हैं, कितने सही हैं?
निप्पल की उत्तेजना के कारण ऑक्सीटोसिन रिलीज होता है, जो यूटरस के संकुचन का कारण बनता है. लेकिन, यह लेबर की शुरुआत का कारण हो भी सकता है और नहीं भी. यह किया जा सकता है, लेकिन यह इंड्यूसिंग (उत्प्रेरण) का बहुत अच्छा तरीका नहीं है क्योंकि नाकामयाब होने की दर बहुत अधिक है.
डॉ रंजना शर्मा, स्त्री रोग विशेषज्ञ, अपोलो अस्पताल

तो क्या कोई दूसरा वास्तविक तरीका है, जो स्वाभाविक रूप से बच्चे को अतिरिक्त धक्का देने में कारगर हो?

डॉ शर्मा कहती हैं, ‘जब डिलीवरी का समय करीब होता है, तो तारीख से लगभग एक हफ्ते पहले, हम यूटरस के मुंह सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा) को फैला और खींच सकते हैं. यह एक अनुशंसित, साक्ष्य-आधारित पद्धति है और फिर इसे एक हफ्ते के लिए छोड़ दें, बहुत सारी महिलाएं खुद लेबर में चली जाएंगी’.

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