मेंटल हेल्थ और भावनात्मक संघर्ष जैसे मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखने वाले प्रिंस विलियम ने अब दावोस में दुनिया भर के नेताओं से मानसिक दिक्कतों पर झिझक को खत्म करने की अपील की है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक प्रिंस विलियम ने बताया कि शुरुआत में उनके मेंटल हेल्थ कैंपेन में कोई भी सेलिब्रिटी शामिल नहीं होना चाह रहा था.
प्रिंस विलियम मानसिक स्वास्थ्य को लेकर साल 2016 से अपनी पत्नी और भाई के साथ मिलकर जागरुकता अभियान चला रहे हैं.
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना बैठक में प्रिंस विलियम ने मेंटल हेल्थ के मामलों में चुप्पी को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी भावनाएं खुलकर सामने रखनी चाहिए.
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान प्रिंस विलियम की दादी क्वीन एलिजाबेथ II ने जनसेवाओं में हिस्सा लिया था. उस जंग के बारे में चर्चा करते हुए प्रिंस विलियम ने बताया कि युद्ध इतना विनाशकारी था कि कई लोगों ने उस सदमे से निपटने का सबसे अच्छा तरीका चुप रहना तय किया.
प्रिंस विलियम ने कहा, ‘हम अपने पैरेंट्स से सीखते हैं, चीजों से जिस तरह हमारे पैरेंट्स निपटते हैं, हम वही सीख लेते हैं.’
उन्होंने बताया कि हमने अपने पूर्वजों से बिना कुछ कहे समस्याओं से निपटना सीखा है. लेकिन उस पैटर्न को तोड़ने का वक्त आ गया है. हमें अपनी बात रखनी चाहिए और इस चुप्पी को खत्म करना चाहिए.
एक समय था, जब ब्रिटेन के शाही परिवार के किसी सदस्य का मेंटल हेल्थ के साथ निजी संघर्ष के बारे में सुनना मुमकिन नहीं था. लेकिन 2017 में प्रिंस विलियम के भाई प्रिंस हैरी ने अपनी मां की मौत के दौरान अपने अनुभव और काउंसलिंग के बारे में बात की.
ब्रिटिश सरकार ने भी देश में बढ़ती मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का संज्ञान लिया है. पिछले साल, सरकार ने अपने नागरिकों के अकेलेपन की देखभाल के लिए एक मंत्री को भी नियुक्त किया था.
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