जेएनयू स्टूडेंट यूनियन की पूर्व उपाध्यक्ष और युवा एक्टिविस्ट शेहला रशीद ने ट्वीट कर बताया कि कुछ दिन पहले उन्हें सुसाइड करने का ख्याल आ रहा था. करीब दो हफ्तों तक उन्हें वही ख्याल आते रहे और एक रात तो उन्होंने असल में अपनी जिंदगी खत्म करने के तरीकों पर गौर भी किया. शेहला ने बताया कि उसके अगले दिन ही उन्हें पीरियड आ गया. फिर उन्होंने प्रीमेंस्ट्रुअल स्ट्रेस सिंड्रोम और सुसाइड के बारे में सर्च किया तो Premenstrual Dysphoric Disorder (PMDD) यानी माहवारी से पूर्व बेचैनी की समस्या के बारे में जाना.
शेहला ने पीरियड्स से पहले आने वाले खुदकुशी के ख्याल की चर्चा की है, एक ऐसी कंडिशन जिस पर शायद ही कभी बातचीत की जाती है. शेहला के ट्वीट के बाद कई महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए.
PMDD को समझने से पहले ये जान लें...
माहवारी से पूर्व बेचैनी की समस्या (PMDD) को जानने से पहले ये समझने की कोशिश करते हैं कि प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (Premenstrual Syndrome) या PMS क्या है.
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) को स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया है. शोधकर्ताओं ने 150 से भी अधिक लक्षण बताए हैं, जो इसकी कैटेगरी में आते हैं.
साल 2011 में जर्नल ऑफ वूमन हेल्थ की एक स्टडी में बताया गया कि जिन महिलाओं को मासिक धर्म या पीरियड आता है, उनमें से 20 फीसदी महिलाएं को पीएमएस होता है. यह उन्हें इतना प्रभावित करता है कि उन्हें मदद की जरूरत होती है. इनमें से अधिकतर महिलाएं दर्द के साथ ही कई लक्षणों से जूझती हैं.
डॉक्टर भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि बात जब पीएमएस से जूझते मरीज से व्यवहार की आती है, तो इस संबंध में जागरुकता और गंभीरता की कमी देखी जाती है.
तो आप PMS का पता कैसे लगाएंगे?
- अगर डिप्रेशन यानी अवसाद, अनिद्रा और बहुत अधिक थकान (कम से कम दो मासिक चक्र के दौरान) हो.
- अगर लक्षणों की शुरुआत अण्डोत्सर्ग (ovulation) के आसपास हो और ये आपकी दिनचर्या को काफी हद तक बाधित करे. अण्डोत्सर्ग वह समय है, जब अंडाशय (overies) से अंडा निकलता है.
- अगर ये लक्षण माहवारी शुरू होने के पांच दिन के भीतर खत्म हो जाए, तो आपको पीएमएस है.
पीएमडीडी क्या है?
यह पीएमएस का एक रूप है, जो ज्यादा गंभीर है. अमेरिकी साइकाइट्रिक एसोसिएशन के डायग्नोसिस एंड स्टैटिस्टिकल मैनुअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर्स के अनुसार माहवारी से पहले बेचैनी की समस्या या पीएमडीडी को एक मानसिक स्वास्थ्य विकार माना गया है.
मायो क्लिनिक के अनुसारः
PMDD का कारण स्पष्ट नहीं है. अवसाद ग्रस्त होना और बेचैनी के लक्षण पीएमएस और पीएमडीडी दोनों में समान हैं. इसलिए यह संभव है कि मासिक धर्म के लिए हार्मोन में बदलाव मनोवस्था संबंधी विकार (मूड डिसऑर्डर) के लक्षणों को ज्यादा गंभीर कर देते हैं. पीएमडीडी के इलाज में लक्षणों को रोकने या उसे कम करने पर जोर दिया जाता है. इसके लिए अवसादरोधी (antidepressants) दवा का इस्तेमाल भी किया जा सकता है.
क्या यह संभव है कि जिसे पीएमएस हो, उसकी स्थिति बाद में पीएमडीडी में तब्दील हो जाए? फिट के साथ पहले एक इंटरव्यू में गुड़गांव के मैक्स हॉस्पिटल में स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. निकिता सोबती ने आंकड़ों और इलाज के अभाव के बारे में बात की थी.
समस्या यह है कि भारत में आंकड़ों का अभाव है. एक डॉक्टर के रूप में, हम भी पीएमएस से निपटने के लिए प्रशिक्षित नहीं हैं, जिस पर ध्यान देने की जरूरत है. अगर लंबे समय तक इसका पता न लगे या इसे बिना इलाज के छोड़ दिया जाए, साथ ही अगर गुड हार्मोन (सेराटॉनिन) मस्तिष्क में चक्र दर चक्र स्रावित न हो, तो व्यक्ति को पीएमडीडी हो सकता है. क्या हम इस तरह के मामलों को मनोचिकित्सकों को पास भेज रहे हैं? क्या इसकी पर्याप्त रूप से जांच की जा रही है?
PMDD की वजह भले ही स्पष्ट नहीं है, लेकिन कुछ अध्ययन बताते हैं कि पीएमडीडी सेराटोनिन के स्तर में कमी के कारण होता है. सेराटोनिन वह रसायन है, जो मूड यानी मनोवस्था, नींद, दर्द और ध्यान को नियंत्रित करता है.
ये लक्षण सामान्य रूप से माहवारी शुरू होने के एक सप्ताह पहले और इसके बाद खत्म हो जाते हैं, या माहवारी की अवधि के दौरान तक रहते हैं.
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