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इविवि के 3 प्रोफेसर के खिलाफ वारंट, दलित असिस्टेंट प्रोफेसर के उत्पीड़न का आरोप

Allahabad University: दलित असिस्टेंट प्रोफेसर ने 2016 में जातिगत उत्पीड़न का आरोप लगाकर FIR दर्ज कराई थी

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न्यूज
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यूपी के प्रयागराज (Prayagraj) की इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) के तीन प्रोफेसर के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है जिसमें अब दो प्रोफेसर रिटायर हो चुके हैं. तीनों पर एक दलित असिस्टेंट प्रोफेसर को जातिसूचक शब्द से बुलाने और प्रताड़ित करने का आरोप है. असिस्टेंट प्रोफेसर की शिकायत के बाद 2016 में तीनों प्रोफेसर पर IPC की धारा 354 (C), 504, 506 और SC-ST एक्ट की धारा 3(1)(10) के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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बता दें कि जिन तीन प्रोफेसर के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है उनका नाम प्रो जावेद अख्तर, मनमोहन कृष्ण और प्रहलाद कुमार है. इनमें से मनमोहन कृष्ण और प्रहलाद कुमार अब रिटायर्ड हो चुके हैं.

इन तीनों के खिलाफ ADJ कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.

क्या है मामला?

दरअसल 2016 में एक दलित असिस्टेंट प्रोफेसर ने तीनों पर लगाया था कि उसे जातिसूचक शब्दों से बुलाया गया और गाली गलौज की गई. इसके बाद पीड़िता ने कर्नलगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. यानी एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था.

रिटायर्ड प्रोफेसर मनमोहन कृष्णा, प्रोफेसर प्रहलाद कुमार और कार्यरत प्रोफेसर जावेद अख्तर तीनों इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इकोनॉमिक्स विभाग से हैं.

2016 में दर्ज FIR में दलित असिस्टेंट प्रोफेसर ने आरोप लगाया था कि

"ये शिक्षक अनुसूचित होने के कारण शुरू से ही द्वेष रखते हैं और दुर्भावनावस अनेक प्रकार से उत्पीड़ित करते हैं. इसकी शिकायत मैंने विश्वविद्यालय के कर्नल गंज कोतवाली, अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग तथा राष्ट्रीय महिला आयोग में की है. तब से ही प्रोफेसर प्रहलाद कुमार एवं वर्तमान विभागाध्यक्ष मनमोहन कृष्ण मुझे अपमानित एवं प्रताड़ित करते हैं. आज दिनांक 4.08. 2016 को लगभग 12: 45 बजे दिन में विभागाध्यक्ष ने अपने कक्ष में विभाग के कर्मचारी रमेश से मुझे बुलवाया. जब मैं गई तो पूर्व नियोजित ढंग से वहां प्रोफेसर मनमोहन कृष्ण, प्रोफेसर प्रहलाद कुमार एवं श्री जावेद अख्तर जी पहले से बैठे थे. मेरे पहुंचने पर मनमोहन कृष्ण ने जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए मुझे डांटना शुरू किया एवं 1 घंटे तक मुझे कक्ष में खड़ा कराए रखा. लगातार घूरते रहे. बीच-बीच में अपशब्दों का प्रयोग करते रहें. बार-बार मेरे कहने पर कि मैं जाऊं, तो उन्होंने मुझे मना कर दिया और अनुसूचित जाति की हो अपनी औकात में रहो, कह कर धमकाया. इस घटना से मैं बेहद अपमानित महसूस कर रही हूं. जब से मैंने अपने उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है तभी से प्रोफेसर प्रहलाद कुमार, प्रोफेसर मनमोहन कृष्ण एवं श्री जावेद अख्तर उक्त शिकायत को वापस लेने का दबाव बनाते रहते हैं और अनेक असामाजिक तत्वों को मेरे पास भेजते रहते हैं."

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