अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमला
- 7 लोगों की मौत, 32 घायल
- पीएम ने हमले को कायराना हरकत बताया
- मुफ्ती ने कश्मीर के इतिहास में काला धब्बा बताया
- JK पुलिस के आईजी मुनीर खान ने बताया लश्कर ए तैयबा ने रची हमले की साजिश
- पाकिस्तानी आतंकी इस्माइल है हमले का मास्टरमाइंड
- आतंकी हमले के बाद भी नहीं रोकी गई अमरनाथ यात्रा
- श्रद्धालुओं के शव गुजरात के सूरत पहुंचे
- गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने सभी मृतकों के परिवार के लिए 10 लाख रुपये और घायलों को 2 लाख रुपए देने का ऐलान किया
अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकी हमले में मारे गए श्रद्धालुओं के शव गुजरात पहुंच गए हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने सभी मृतकों के परिवार के लिए 10 लाख रुपये और घायलों को 2 लाख रुपए देने का ऐलान किया है.
जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों के बस पर सोमवार को हुए आतंकी हमले में 7 लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले में कई सुरक्षाबलों समेत 32 लोग घायल हुए है.
गुजरात के कुल 17 यात्री इस हमले में घायल हुए थे. विजय रुपानी ने बहादुरी दिलाने के लिए बस ड्राइवर सलीम की सराहना की, उन्होंने कहा कि वे ड्राइवर को बहादुरी का अवॉर्ड दिलवाने की सिफारिश करेंगे.
हमले के बावजूद मंगलवार सुबह भी 3000 से अधिक अमरनाथ यात्रियों का जत्था बेस कैंप से भारी सुरक्षा के बीच पवित्र गुफा बालटाल के लिए रवाना हुआ.
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पीएम सहित नेताओं ने की निंदा
जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश इस तरह की कायराना हरकत के सामने कभी नहीं झुकेगा. उन्होंने कहा कि वो यात्रियों पर हुए इस हमले से बेहद दुखी हैं. उन्होंने मृतकों के परिवारवालों के प्रति संवेदना जताई.
राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हमले की कड़ी निंदा की. इसके बाद वो घायलों से मिलने अस्पताल भी पहुंची. घायलों को श्रीनगर के आर्मी बेस हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है.
आतंकी हमले के बाद श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर यातायात बंद है.
पूरी घटना क्या थी?
जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने बताया कि दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं को लेकर बालटाल से मीर बाजार को जा रही बस पर सोमवार की देर शाम 8.20 बजे बटेंगो में यह हमला हुआ.
हमले में 7 यात्रियों की मौत हो गई. जिसमें पांच महिलाएं शामिल हैं. आतंकियों ने पहले पुलिस दल को निशाना बनाया और फिर यात्रियों को ले जा रही बस पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी.
पुलिस ने बताया कि आतंकवादियों ने गुजरात से आए अमरनाथ यात्रियों से भरी एक मिनी बस पर हमला किया. बस अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकृत नहीं थी, इसलिए बस के साथ सुरक्षा में पुलिस भी नहीं थी.
इंटेलीजेंस सूत्रों के अनुसार इस पूरे हमले में 3 से 5 लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी शामिल थे. लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी इस्माइल इन आतंकियों के ग्रुप को लीड कर रहा था.
हमले के बाद घायलों ने आप बीती बताई. एक पीड़ित ने बताया कि वो बस में सो रहे थे और अचानक ही दोनों तरफ से अंधाधुंध फायरिंग होने लगी.
इस हमले को लेकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और राज्यपाल से बात की है. उधर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घटना का ब्यौरा दिया. केंद्रीय गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने आनन-फानन में ताजा स्थिति का जायजा लेने के लिए बैठक की.
इससे पहले, सन 2000 में आतंकवादियों ने अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाया था, जब पहलगाम में लगे आधार शिविर पर किए गए हमले में 30 व्यक्तियों की मौत हो गई थी.
(इनपुट एएनआई, भाषा और आईएएनएस से)
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