ADVERTISEMENTREMOVE AD

YouTuber Manish Kashyap ने किया सरेंडर, घर की कुर्की करने पहुंची थी पुलिस

Manish Kashyap के ऊपर तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों पर हमले के झूठे और भ्रामक वीडियो शेयर करने के आरोप हैं.

Published
न्यूज
3 min read
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों पर हमले के झूठे और भ्रामक वीडियो शेयर करने के आरोपी यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) ने पुलिस के एक्शन के बाद खुद सरेंडर कर दिया है.

बिहार पुलिस की टीम पश्चिम चंपारण के महनवा गांव में शनिवार, 18 मार्च की सुबह मनीष कश्यप के घर कुर्की करने पहुंची, लेकिन इसके बाद मनीष ने बेतिया के जगदीशपुर थाने में खुद सरेंडर कर दिया.

0

बिहार पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जानाकरी देते हुए ट्वीट किया और कहा कि "तमिलनाडु में कामकाजी बिहार के निवासियों के लिए असत्य, भ्रामक एवं उन्माद फैलाने वाले वीडियो को प्रसारित करने एवं आर्थिक अपराध थाना कांड सं0 3/23 तथा 4/23 के अभियुक्त मनीष कश्यप ने बिहार पुलिस एवं EOU के दबिश के कारण बेतिया के जगदीशपुर थाने में किया आत्मसमर्पण."

घर कुर्क करने पहुंची थी पुलिस

तमिलनाडु कांड के बाद सुर्खियों में आए बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के महना डुमरी निवासी यूट्यूबर मनीष मनीष कश्यप के खिलाफ तमिलनाडु और बिहार में कई मामले दर्ज हुए हैं. इसमें मुख्य रूप से बिहार के आर्थिक अपराध इकाई की तरफ से दर्ज केस था.

पुलिस सूत्रों के अनुसार पश्चिमी चंपारण के मझौलिया थाना कांड संख्या 193/21 में मनीष कश्यप नामजद अभियुक्त था. इस केस में मनीष ने पटना हाई कोर्ट में भी जमानत अर्जी दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. अब इसी केस में पुलिस कोर्ट से कुर्की का वारंट लेकर मनीष के घर पहुंची.

पुलिस की मानें तो यूट्यूबर मनीष कश्यप के खिलाफ सिर्फ पश्चिमी चंपारण में सात अपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें पांच मामलों में चार्जशीट दाखिल हो गई है. एक मामले में वह जमानत पर है.

वहीं तमिलनाडु में बिहार के कामगारों से संबंधित फेक वीडियो शेयर करने के मामले में भी तमिलनाडु और पटना पुलिस के साथ-साथ आर्थिक अपराध इकाई ने भी केस दर्ज किया है. इसके खाते में करीब 42 लाख रुपए पाए गए थे जिसे आर्थिक अपराध इकाई ने फ्रीज कर दिया है और जांच की जा रही है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कौन है मनीष कश्यप?

मनीष कश्यप का विवादों से पुराना नाता

मनीष कश्यप चर्चा में तब आए जब पिछले साल उन्होंने गुरुग्राम के एक मॉल में हुई CBI की छापेमारी के बाद मॉल को तेजस्वी यादव का बताया था. बाद में तेजस्वी यादव ने मीडिया के सामने आकर खुद इसकी सच्चाई बताई. इसके बाद से मनीष लगाातर तेजस्वी पर हमलावर हैं. हाल में हुई लालू यादव परिवार पर सीबीआई की रेड पर मनीष ने तेजस्वी को आड़े हाथों लिया था.

दरअसल, मनीष के कई वीडियो विवादित रहे हैं. उन पर कथित तौर पर आरोप है कि वो स्क्रिप्टेड तरीके से चीजों को अपने यूट्यूब पर पेश करता है, लेकिन मनीष का कहना है कि उनके खिलाफ जानबूझकर ऐसा प्रचारित किया जा रहा है.

कई बड़ी हस्तियों के साथ मनीष की फोटो

मनीष कश्यप की बड़े लोगों के साथ तस्वीर सोशल मीडिया पर मौजूद है. इसमें बॉलीवुड और भोजपुरी इंडस्ट्री से जुड़े लोग, नेता, IAS-IPS अधिकारी से लेकर कई बड़े दिग्गज लोग शामिल हैं.

Manish Kashyap के ऊपर तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों पर हमले के झूठे और भ्रामक वीडियो शेयर करने के आरोप हैं.

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कुमार शास्त्री के साथ मनीष कश्यप

(फोटो-फेसबुक/मनीष कश्यप)

हालांकि, मनीष पुलवामा हमले के बाद एक मामले में गिरफ्तार हुआ था लेकिन बाद में वो छूट गया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

RSS से भी मनीष का नाता

मनीष के एक पूर्व मित्र नागेश सम्राट ने क्विंट हिंदी से बात करते हुए कहा, "मनीष कश्यप पहले RSS से जुड़े थे. लेकिन सरकार उनको जानबूझकर परेशान कर रही है." वरिष्ठ पत्रकार अरूण पांडेय ने कहा, "मनीष कश्यप की रिपोर्टिंग अकसर विवादों में रही है. उनके संबंध बिहार के कई बड़े नेताओं से भी हैं."

असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी

9 मार्च 1991 को बिहार के पश्चिम चंपारण के डुमरी महनवा गांव में जन्में मनीष कश्यप का असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है. वो खुद को "सन ऑफ बिहार" (Son Of Bihar) कहता है. उसने 2016 में पुणे से इंजीनियरिंग की है. इसके बाद से वो बिहार आ गया. मनीष ने 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वो हार गया था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×