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पहले इंजीनियरिंग, फिर नेतागिरी और अब विवादित यूट्यूबर- कौन है मनीष कश्यप?

Manish Kashyap पर तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों से मारपीट का फेक वीडियो वायरल करने का आरोप

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तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों का फेक वीडियो वायरल करने के आरोप में बिहार पुलिस ने यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) को गिरफ्तार करने की कवायद शुरू कर दी है. पुलिस को कोर्ट से गिरफ्तारी का वारंट मिल गया है. गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने एक स्पेशल टीम का गठन किया है, जो लगातार सर्च अभियान कर रही है. पुलिस ने मनीष कश्यप से जुड़े कई बैंक अकाउंट भी सीज किए हैं, जिसमें से 42 लाख रुपये से ज्यादा रकम प्राप्त किया गया है.

बिहार पुलिस ने ट्वीट कर दी जानकारी

बिहार पुलिस ने 15 मार्च को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर बताया, "तमिलनाडु में कामकाजी बिहार के निवासियों के लिये भ्रामक वीडियो को प्रसारित करने के मामले में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने कार्रवाई की है. इसके तहत प्राथमिकी अभियुक्त मनीष कश्यप एवं युवराज सिंह राजपूत के विरुद्ध गिरफ्तारी हेतु वारंट प्राप्त किया गया है."

पुलिस ने बताया कि बिहार के अलावा अन्य राज्यों में भी मनीष कश्यप की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है.

मनीष कश्यप के खिलाफ वित्तीय अनियमित्ता के सबूत मिले- बिहार पुलिस

बिहार पुलिस के मुताबिक, मनीष कश्यप के खिलाफ वित्तीय अनियमित्ता के सबूत मिले हैं, जिसकी जांच की जा रही है. वहीं, मनीष कश्यप से जुड़े कई बैंक अकाउंट को सीज कर दिया गया है. SBI में 3,37,496 रुपये, IDFC BANK में 51,069 रुपये, HDFC BANK के खाते में 3,37,463 रुपये तथा SACHTAK Foundation के HDFC BANK के खाते में 34,85,909 रुपये मिला है. कुल राशि 42,11,937 रुपये है.

क्या है मामला?

दरअसल, मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में रहने वाले बिहारी मजदूरों के साथ हो रही कथित पिटाई का एक फेक वीडियो (पुलिस के मुताबिक) पोस्ट करने का आरोप है. इस मामले में उस पर FIR दर्ज है. मनीष का ट्विटर अकाउंट भी ब्लॉक हो चुका है. इस बीच, उसके नाम से एक नया अकाउंट (manishkashyap43) बनाया गया और ट्वीट कर दावा किया गया कि बिहार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.

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"मनीष की गिरफ्तारी झूठी"

हालांकि, बिहार पुलिस ने उस ट्वीट को फर्जी और भ्रामक बताया है. पुलिस ने ट्वीट कर लिखा, "मनीष कश्यप के नाम से संचालित @manishkashyap43 ट्विटर हैंडल से मनीष कश्यप की गिरफ्तारी की एक फोटो पोस्ट करके असत्य, अफवाह जनक एवं भ्रामक संदेश फैलाया गया है. इसको लेकर भी EOU ने केस दर्ज किया है.

इस बीच, मनीष कश्यप ने एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में दावा किया है कि मुद्दे से भटकाने के लिए जानबूझकर उस पर कार्रवाई की जा रहा है और वो इससे डरने वाले नहीं हैं.

तेजस्वी यादव के लोग जानबूझकर वीडियो भेजें होंगे, उन्हें पता है कि मैं ट्वीट करूंगा तो कार्रवाई होंगी. मैंने भावनाओं में आकर वीडियो डाला, मैंने अपने ट्वीट में लिखा था कि इसकी जांच हो और नंबर भी दिया था लेकिन मुद्दे को भटकाने के लिए मेरे खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
मनीष कश्यप, यूट्यूबर

मनीष कश्यप के निशाने पर तेजस्वी यादव

बिहार के डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पर मनीष कश्यप अक्सर निशाना साधते रहते हैं. प्रवासी मजदूरों का मामला सामने आने के बाद मनीष कश्यप ने कहा था कि वो तेजस्वी यादव को 2025 में बिहार का मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगे. उन्होंने दावा किया था कि अगर वो जेल गए और तेजस्वी यादव सीएम बने तो 180 दिनों के भीतर वो सरकार गिरा देंगे.

"तेजस्वी यादव को CBI ने सम्मन दिया है, वो क्यों नहीं हाजिर हो गए. कहते हैं कि CBI-ED से नहीं डरते हैं, ऐसे हम भी नहीं डरते हैं."
मनीष कश्यप, यूट्यूबर
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मनीष कश्यप ने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने उनसे पहले खबर चलाई उन पर पर FIR क्यों नहीं होती है? उसने मीडिया चैनल और कई नेताओं का जिक्र किया.

मनीष ने किस ट्वीट पर मचा है बवाल?

मनीष ने 8 मार्च को ट्वीट कर लिखा था;

“तेजस्वी यादव जी चश्मा हटाकर इस फोटो को देखिए, मजदूरों के चेहरे पर घाव हैं. जिस मीडिया ने रिकॉर्डिंग की है उसका मोबाइल नंबर भी है. एक बार बात करके तो देखिए क्या पता आप झूठ बोल रहे हैं और मजदूर सच में तमिलनाडु में परेशान हों.”

मनीष ने आगे लिखा कि मजदूरों को तमिलनाडु में जो ‘मार’ पड़ी है वो सच है कि झूठ इसकी जानकारी तो सरकार और प्रशासन ही देगा. लेकिन बिहारी मजदूर राज्य से बाहर जाकर मार खाते हैं, भगाए जाते हैं, इसके लिए दोषी सरकार ही है.

तेजस्वी यादव जी शायद भाषण में झूठ बोलते-बोलते आप लोगों को झूठ सुनने की आदत हो गई है. इसलिए मनीष कश्यप का सच आप लोगों को झूठ लगा. मैं बिहार के मजदूर और गरीबों के बारे में झूठ नहीं फैलाता हूं बल्कि उनकी सच्चाई दिखाता हूं और उस सच को आप लोग देखना नहीं चाहते.
मनीष कश्यप, यूट्यूबर

मनीष कश्यप का विवादों से पुराना नाता

मनीष कश्यप चर्चा में तब आए जब पिछले साल उन्होंने गुरुग्राम के एक मॉल में हुई CBI की छापेमारी को तेजस्वी यादव का बताया. बाद में तेजस्वी यादव ने मीडिया के सामने आकर खुद इसकी सच्चाई बताई. इसके बाद से मनीष लगाातर तेजस्वी पर हमलावर हैं. हाल में हुई लालू यादव परिवार पर सीबीआई की रेड पर मनीष ने तेजस्वी को आड़े हाथों लिया था.

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दरअसल, मनीष के कई वीडियो विवादित रहे हैं. उन पर कथित तौर पर आरोप है कि वो स्क्रिप्टेड तरीके से चीजों को अपने यूट्यूब पर पेश करता है. लेकिन मनीष का कहना है कि उनके खिलाफ जानबूझकर ऐसा प्रचारित किया जा रहा है.

कई बड़ी हस्तियों के साथ मनीष की फोटो

मनीष कश्यप की बड़े लोगों के साथ तस्वीर सोशल मीडिया पर मौजूद है. इसमें बॉलीवुड और भोजपुरी इंडस्ट्री से जुड़े लोग, नेता, IAS-IPS अधिकारी से लेकर कई बड़े दिग्गज लोग शामिल हैं.

Manish Kashyap पर तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों से मारपीट का फेक वीडियो वायरल करने का आरोप

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कुमार शास्त्री के साथ मनीष कश्यप

(फोटो-फेसबुक/मनीष कश्यप)

हालांकि, मनीष पुलवामा हमले के बाद एक मामले में गिरफ्तार हुआ था लेकिन बाद में वो छूट गया था.

RSS से भी मनीष का नाता

मनीष के एक पूर्व मित्र नागेश सम्राट ने क्विंट हिंदी से बात करते हुए कहा, "मनीष कश्यप पहले RSS से जुड़े थे. लेकिन सरकार उनको जानबूझकर परेशान कर रही है."

वरिष्ठ पत्रकार अरूण पांडेय ने कहा, "मनीष कश्यप की रिपोर्टिंग अकसर विवादों में रही है. उनके संबंध बिहार के कई बड़े नेताओं से भी हैं."

असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी

9 मार्च 1991 को बिहार के पश्चिम चंपारण के डुमरी महनवा गांव में जन्में मनीष कश्यप का असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है. वो खुद को "सन ऑफ बिहार" (Son Of Bihar) कहता है. उसने 2016 में पुणे से इंजीनियरिंग की है. इसके बाद से वो बिहार आ गया. मनीष ने 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था लेकिन वो हार गया था.

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