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"भारत-कनाडा को मिल बैठकर मतभेद सुलझाने होंगे"- निज्जर की हत्या के आरोपों पर एस जयशंकर

"Hardeep Singh Nijjar की हत्या में भारतीय एजेंसियों पर कनाडा के आरोपों से जुड़ी जानकारियों पर गौर करने के लिए भारत तैयार है."

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कनाडा में खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में कटास आ गई है. राजनयिक स्तर पर भी दोनों देशों के रिश्तों खराब हो गए हैं. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इस वक्त अमेरिकी दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि "खालिस्तानी समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की मौत के मामले में भारत और कनाडा को मिल बैठकर मतभेद सुलझाने होंगे. वॉशिंगटन में जयशंकर ने भारतीय पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भारत निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों पर कनाडा के आरोपों से जुड़ी जानकारियों पर गौर करने के लिए तैयार है."

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जयशंकर ने कहा कि ''कनाडा की ओर से निज्जर की मौत में भारतीय एजेंसियों का हाथ होने की आशंका जताई गई है. भारतीय एजेंसियों पर कुछ आरोप लगाए गए हैं. लेकिन हमने उन्हें साफ बता दिया है कि ये भारत की नीति नहीं है. अगर कनाडा की ओर से कोई खास या संबंधित जानकारी साझा की जाती है तो हम हमेशा इस पर गौर करने के लिए तैयार हैं.''

उन्होंने कहा कि बड़ा मुद्दा ये है कि कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियों को जो छूट मिली हुई है उस पर ध्यान देने और इससे पैदा समस्या सुलझाने की जरूरत है.

"दूसरे अभिव्यक्ति का पाठ न पढ़ाएं"

इसके साथ ही जयशंकर ने दो टूक में कहा कि भारत को किसी से अभिव्यक्ति का पाठ सीखने की जरूरत नहीं है. उनका इशारा कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रूडो के उस बयान की ओर था, जिसमें उन्होंने खालिस्तानी समर्थक प्रदशर्नों के बारे में कहा था कि उनका देश अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करता है."

''मैं यहां और कनाडा के लोगों का भी ध्यान इस बात की ओर दिलाना चाहता हूं कि हम लोकतांत्रिक देश हैं. हमें दूसरे लोगों से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में सीखने की जरूरत नहीं है. लेकिन हम लोगों को ये कह सकते हैं कि हमारे लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब ये नहीं है कि ये हिंसा भड़काने तक पहुंच जाए. हमारे लिए ये अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग है. ऐसा करके हम आजादी का बचाव नहीं करते.''

जयशंकर ने इस साल जुलाई में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि ''जरा सोचिए, अगर भारत के राजनयिकों, दूतावासों और नागरिकों पर हमले या धमकी जैसी चीजों का सामना दूसरे देशों को करना पड़ता तो उनकी क्या प्रतिक्रिया होती."

बता दें, खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने देश की संसद में कहा था कि खालिस्तान समर्थन नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों का हाथ हो सकता है. इसके बाद भारत और कनाडा के राजनयिक रिश्ते खराब हो गए हैं.

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