उत्तर प्रदेश (UttarPradesh) के चित्रकूट (Chitrkoot) में कथित फर्जी मुठभेड़ (Fake Encounter) मामले में पूर्व एसपी समेत कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. चित्रकूट में लगभग सवा साल पहले हुई एक कथित मुठभेड़ के मामले में अदालत के आदेश पर बहिलपुरवा थाने में तत्कालीन चित्रकूट एसपी अंकित मित्तल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हुआ है.
दरअसल, साल 2021 में चित्रकूट के डकैत गौरी गिरोह के सदस्य भालचंद्र का पुलिस ने एनकाउंटर किया था. भालचंद्र की पत्नी की तहरीर के आधार पर कोर्ट के आदेश के बाद पुलिसकर्मियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है.
पुलिस पर गंभीर आरोप
इस संबंध में अधिवक्ता राजेंद्र यादव ने बताया कि बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के पडवनिया गांव की निवासी नथुनिया पत्नी भालचंद्र ने न्यायालय में धारा 156(3) के तहत प्रार्थनापत्र दिया था. नथुनिया का आरोप है कि एसटीएफ के उप-निरीक्षक अमित कुमार, संतोष कुमार सिंह, हेड कांस्टेबल उमाशंकर, आरक्षी भूपेंद्र सिंह, शिवानंद शुक्ला, चित्रकूट स्वाट टीम प्रभारी श्रवण कुमार सिंह, उप निरीक्षक अनिल कुमार साहू, एचसी रईस खान, आरक्षी धर्मेंद्र कुमार वर्मा, राहुल यादव, बहिलपुरवा थाने के उप निरीक्षक दीनदयाल सिंह, हमराही रामकेश कुशवाहा व तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल समेत तीन-चार अज्ञात लोगों ने 31 मार्च 2021 को उसके पति को सतना से लौटते समय मोटरसाइकिल से गिरा दिया था और गाड़ी से ले गए थे.
प्रार्थनापत्र में बताया था कि 31 मार्च 2021 को भालचंद्र अपने भाई लालचंद्र के साथ सतना न्यायालय में पेशी पर गया था. लौटते समय एक सफेद रंग की स्कॉर्पियो ने ओवरटेक कर दोनों को बाइक से गिरा दिया. इसके बाद एसटीएफ के जवान ने मारपीट कर भालचंद्र को गाड़ी में डालकर ले गए. जिसके बाद उसी शाम पुलिस ने मुठभेड़ में भालचंद्र की मौत की खबर मीडिया को दी.
मृतक की पत्नी का आरोप था कि पति के शव को देखने से स्पष्ट नजर आ रहा था कि उसके साथ क्रूरतम व्यवहार कर उसकी हत्या की गयी है. पुलिस पर ये भी आरोप है कि भालचंद्र के जिस्म पर सीधे गोली मारी गई थी, क्योंकि उसकी शर्ट पर गोली लगने के निशान नहीं थे.
प्रार्थनापत्र के आधार पर न्यायालय के आदेश पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक समेत दर्जनभर पुलिस कर्मियों के विरुद्ध धारा बहिलपुरवा थाने में 147, 148, 149, 323, 324, 341, 364, 396 और 302 के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया है.
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