उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चित्रकूट (Chitrakoot) में शादी की खुशियां मातम में तब्दील हो गई. राजापुर के अतरसुई गांव के मजरा नोनागर में मंगलवार, 4 मई की देर रात शादी के दौरान बाराती पक्ष की ओर से की गई ताबड़तोड़ हर्ष फायरिंग के दौरान दूल्हे के दादा और बहनोई की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि दो बाराती गंभीर रुप से घायल हो गए.
घटना में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया. घटना के बाद से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई. दूल्हे समेत सभी बाराती मौके से भाग निकले. मौत की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया.
कैसे घटी ये घटना?
इलाके के अभिमन यादव के बेटे शंकर की शादी नोनागर निवासी ढइया यादव की बेटी बुधिया के साथ तय हुई थी. मंगलवार की शाम को महुलिया से नोनागर बारात पहुंची थी. रात 11 बजे बारात द्वार चार की रस्म अदा करने के लिए दुल्हन पक्ष के दरवाजे पहुंची. इसी दौरान दो लोगों ने ताबड़तोड़ हर्ष फायरिंग शुरू कर दी.
इसी दौरान दूल्हे के दादा 50 साल के रामलखन और बहनोई 28 साल के रामकरन के अलावा दो और लोगों को गोली लग गई. दूल्हे के बहनोई ने मौके पर ही दम तोड़ दिया.
घटना के बाद अफरा-तफरी
घटना के बाद भगदड़ मच गई, जिसमें दो-तीन बारातियों को छोड़कर दूल्हे समेत अन्य सभी लोग मौके से भाग खड़े हुए. यहां तक कि बवाल में फंसने के डर से बारातियों को लेकर पहुंचने वाली गाड़ियों को के ड्राइवर भी फरार हो गए.
घटना की सूचना पाकर पहुंचे राजापुर थाना प्रभारी अवधेश मिश्रा ने दूल्हे के दादा और दो अन्य घायलों को सीएचसी रामनगर पहुंचाया. प्राथमिक इलाज के बाद दूल्हे के दादा को जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां पर डाक्टरों ने देखने के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया. दो अन्य मामूली तौर पर घायल होने की वजह से इलाज के बाद घर चले गए.
घटना के बाद नहीं हुई शादी
हर्ष फायरिंग में दो की मौत और दो अन्य के घायल होने के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई. दोनों पक्ष के रिश्तेदार घटना के तुरंत बाद ही अपने-अपने गांव निकल गए. दूल्हा समेत उसके परिजन और बाराती खुद ही भाग आए और शादी नहीं हो सकी. मौत के बाद अफरा-तफरी के बीच चीख-पुकार मची रही.
फायरिंग करने वाला पुलिस के हत्थे चढ़ा
द्वार चार के दौरान हर्ष फायरिंग करने वाले एक शख्य को पुलिस ने दबोच लिया है, जबकि दूसरा राइफल का लाइसेंसी धारक अभी फरार बताया जा रहा है. पुलिस उसकी तलाश में जुटी है. जानकारी के अनुसार, फायरिंग करने वाले दोनों लोग बारात पक्ष से आए थे. इनमें एक दूल्हे का फूफा बताया जा रहा है, जबकि दूसरा गांव का ही है.
इनपुट- मनोज कुमार
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)