हरियाणा (Haryana) के भिवानी में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. पुलिस को एक बोलेरो में दो लोगों की जली हुई लाश मिली है. चूंकि शव पूरी तरह से जले हुए हैं इसलिए उनकी पहचान नहीं हो पाई है लेकिन माना जा रहा है कि ये शव भरतपुर के जुनैद और नासिर की है. इनका 15 फरवरी को भरतपुर से अपहरण हो गया था. दोनों स्थान एक दूसरे से लगभग 300 किमी दूर हैं. क्विंट हिंदी ने हरियाणा और राजस्थान पुलिस से बातचीत कर ये समझने की कोशिश की क्यों इन शवों को जुनैद और नासिर का माना जा रहा है. बता दें कि नासिर और जुनैद के अपहरण में जो FIR दर्ज हुई है उसमें बजरंग दल के कुछ लोग नामजद हैं. इनमें से एक है मोनू मानेसर.
क्या कार में मिली लाश लापता युवकों की है?
पुलिस अभी इस बात की जांच में जुटी है कि क्या कार में मिली लाश लापता युवकों की है. हालांकि, मृतक के परिवार के सदस्यों ने जो जली हुई कार मिली है वह उनकी है.
''परिवार के लोग पुलिस के साथ गए थे. जली हुई कार का चेचिस नंबर देखने के बाद उन्होंने दावा किया है कि कार उनकी है."जगत सिंह, डीएसपी, लोहारू
मृतकों की पहचान को लेकर पुलिस क्या कर रही है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि राजस्थान की पुलिस ने संपर्क किया है, वो आई थी मौके पर.
वहीं क्विंट हिंदी से बातचीत में भरतपुर के गोपालगढ़ के SHO रामनरेश ने बताया कि, "हमारे यहां जिनका अपहरण हुआ था, उन्हीं की डेड बॉडी है.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि डेड बॉडी मिली गई है, पहले अपहरण का मामला दर्ज किया गया था. अब इस मामले में हत्या समेत अन्य धाराएं भी जोड़ी जाएंगी.
इस बीच भरतपुर रेंज के आईजी गौरव श्रीवास्तव ने कहा है कि जुनैद और नासिर के अपहरण में जिन लोगों का नाम हैं उन्हें पकड़ने के लिए स्पेशल टीमें बनाई गईं हैं. आईजी ने बताया कि जुनैद के खिलाफ गोतस्करी के पांच मामले दर्ज हैं.
बजरंग दल के लोगों पर लगा आरोप
बता दें कि इस पूरे मामले में शक की सुई बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की ओर इशारा कर रही है. भरतपुर में दर्ज FIR के मुताबिक, अपहरण का आरोप बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर है. 15 फरवरी को मृतक के चचेरे भाई की शिकायत के बाद पुलिस की ओर से दर्ज FIR में मूलधन निवासी अनिल, मरोड़ा निवासी श्रीकांत, फिरोजपुर झिरका निवासी रिंकू सैनी, होडल निवासी लोकेश सिंगला और मानेसर निवासी मोनू को आरोपी बनाया गया है.
आरोपी मोनू ने क्या कहा?
द क्विंट से बातचीत में FIR में नामित बजरंग दल के सदस्यों में से एक मोनू ने कहा, “मैं उन्हें (जुनैद और नासिर) नहीं जानता, मैं घटना स्थल के आस-पास भी नहीं था. 14 फरवरी को मैं अपने 8-9 दोस्तों के साथ था और हमने गुड़गांव के एक होटल में रात बिताई. हम अगले दिन दोपहर करीब 1 बजे निकले. मैं 15 फरवरी को अपने घर मानेसर गया था, वहां मेरी हरकतों की सीसीटीवी फुटेज है. इस मामले में बजरंग दल का कोई भी सदस्य शामिल नहीं है. जिसने भी यह किया है उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए.”
मोनू ने दावा किया कि पुलिस ने उससे मामले में पूछताछ की है और उसने उन्हें बताया है कि वह इस घटना में शामिल नहीं था.
मोनू का मुस्लिम विरोधी भाषण देने और हिंसा का लंबा इतिहास रहा है. उदाहरण के लिए, 4 जुलाई 2021 को हरियाणा के पटौदी में आयोजित 'हिंदू महापंचायत' में मोनू मानेसर ने कथित तौर पर कहा था कि, "जो लव जिहाद करेगा, जो हमारी बहन बेटियों को छेड़ेगा, उनको मारने का काम सिर्फ और सिर्फ हम, हमारी टीम और हमारे युवा साथी करेंगे. उनसे हमारा कोई समझौता नहीं है, जो अपने धर्म पे उंगली उठाने देंगे. उनको सिर्फ और सिर्फ मारने पर ही हमारा समाधान होगा, नहीं तो कोई समाधान नहीं हो सकता. ये भाषानों से समाधान नहीं होगा, उनको मारना पड़ेगा भाई. जय श्री राम!"
लेकिन 16 फरवरी की रात करीब 8:15 बजे द क्विंट से बात करते हुए मोनू बिल्कुल अलग लाइन लेते दिख रहे थे. उन्होंने कहा, “हम वो बजरंग दल वाले नहीं हैं जो धुलाई कर देते हैं."
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