राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने जोधपुर की जेल में बंद शंभूलाल रैगर की वीडियो के वायरल होने बाद जांच के आदेश दिए हैं. कटारिया ने कहा कि इस मामले में जांच के बाद जो भी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
इस बारे में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है.
बता दें, हत्या के आरोप में जेल में बंद शंभूलाल रैगर के कथित तौर पर जेल के अंदर बनाए गए 2 वीडियो वायरल हो गए हैं.
वीडियो में उसने दावा किया है कि उसे एक कैदी से अपनी जान का खतरा है. साथ ही वो ‘‘लव जिहाद’’ के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल के एक मजदूर की हत्या को ‘सही’ बताता नजर आता है.
वीडियो में उसने कहा है कि उसे एनडीपीएस कानून के तहत जेल में बंद वासुदेव नाम के कैदी से जान का खतरा है. रैगर ने दावा किया कि वासुदेव पश्चिम बंगाल का रहने वाला है. वो कहता नजर आता है कि ‘‘लव जेहाद'' का मुद्दा ‘‘गंभीर'' हो गया है. उसने पश्चिम बंगाल सरकार पर आरोप लगाया कि वो इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर रही है.
कौन है शंभूलाल रैगर?
पश्चिम बंगाल के मालदा के रहने वाले 48 साल के मुस्लिम मजदूर मोहम्मद अफराजुल की 'लव जेहाद' का बदला लेने के नाम पर शंभूलाल रैगर ने हत्या कर दी थी. ये घटना पिछले साल दिसंबर में राजस्थान के राजसमंद इलाके में घटी थी. रैगर ने अफराजुल को पीछे से गैंती से वार कर मार डाला. इसके बाद उसने पेट्रोल डालकर शव को जला दिया. इतना ही नहीं उसने हत्या का लाइव वीडियो भी बनाया और फिर उसे वायरल कर दिया.
तीन बच्चों का पिता 33 साल का रैगर कई उग्र समूहों का हिस्सा रहा है. वो राजसमंद में एक संयुक्त परिवार में रहता है और उसके माता-पिता गुजरात में काम करते हैं. उसकी बड़ी बेटी 16 साल की है, जबकि उसकी सबसे कम उम्र की बेटी 13 साल की है, जिसे हत्या वाले वायरल वीडियो में देखा गया था.
प्रशासन ने की जांच शुरू
गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि इस बारे में जांच की जा रही है कि जेल के भीतर रैगर की मोबाइल फोन तक पहुंच कैसे हुई और किस तरह उसने वहां वीडियो बनाए. इस बारे में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है.
जोधपुर केंद्रीय कारागार के प्रशासन ने कहा कि उसने ये जानने के लिए जांच शुरू कर दी है कि रैगर किस तरह मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर वीडियो बनाने में कामयाब हो गया. शुरुआती जांच में कहा गया है कि हो सकता है कि रैगर ने किसी दूसरे कैदी का मोबाइल इस्तेमाल किया हो, लेकिन जेल अधिकारी उस कैदी से मोबाइल बरामद करने में विफल रहे हैं.
जेल अधीक्षक विक्रम सिंह ने कहा कि वे मामले की जांच कर रहे हैं और साथ में रैगर की सुरक्षा की भी समीक्षा की गई है.
(-इनपुट भाषा से)
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