ADVERTISEMENTREMOVE AD

म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक से चर्चा में आए थे बिपिन रावत,मिले थे कई मेडल

जम्मू-कश्मीर और उत्तर पूर्व में कई बड़े अभियानों का कर चुके हैं नेतृत्व.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

बुधवार, 8 दिसंबर को सीडीएस बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया. इस हादसे में सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत 13 लोगों के मौत की खबर है. बिपिन रावत ने 2020 में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद संभाला था. इससे पहले वो सेनाप्रमुख की भी जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं.आइए जानते हैं उनकी अब तक की उपलब्धियों के बारे में...

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बेहतरीन रहा है करियर

जनरल रावत नैशनल डिफेंस अकैडमी, खडकवासला और इंडियन मिलिट्री अकैडमी देहरादून में कैडेट रह चुके थे उन्होंने सेना में अपना सफर 1978 में 11वें गोरखा रायफल्स से शुरू किया था. वह उग्रवाद प्रभावित नॉर्थ ईस्ट और कश्मीर में सेना में कई अहम पद संभाल चुके हैं. उन्होंने दिसंबर 2016 में सेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली थी. बाद में रिटायर होने के बाद के बाद देख पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बने.

सर्जिकल स्ट्राइक से चर्चा में आए

1987 में सुमदोरोंग चू घाटी में भारतीय सैनिकों और चीनी सेना की बीच भिड़ंत हो गई थी, इस भिड़ंत में भारतीय सेना की ओर से बिपिन रावत की बटालियन ने मोर्चा संभाला था. 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच 25 साल बाद यह पहली भिड़ंत थी.

जून 2015 में मणिपुर में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ वेस्टर्न साउथ ईस्ट एशिया के उग्रवादियों के घात लगाकर किए गए हमले में भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए थे. उस बाद सेना के 21वें पैराशूट बटालियन के जवानों ने म्यांमार की सीमा में घुसकर आतंकियों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी.

जिस वक्त यह कार्रवाई कि गई उस वक्त 21वें पैराशूट रेजिमेंट का ऑपरेशनल कंट्रोल दीमापुर स्थित टिगरिस कोर्प्स में था, उस वक्त इसके टिगरिस कोर्प्स के कमांडर बिपिन रावत ही थे. इसके अलावा भी उत्तर पूर्व और जम्मू कश्मीर में कई महत्वपूर्ण अभियानों का नेतृत्व जनरल रावत कर चुके हैं.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

अब तक मिले कई मेडल

जनरल बिपिन रावत को सेना में उनके योगदान के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल और दो बार COAS कमेंडेशन भी मिला था.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×