भारत ने जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में परिसीमन (Delimitation Process) को लेकर इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. भारत ने OIC के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि OIC को एक देश की शह पर ‘सांप्रदायिक एजेंडा' चलाने से बचना चाहिए." आपको बता दें कि OIC ने ट्वीट कर कहा है कि भारत का यह प्रयास जम्मू कश्मीर के लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है.
'जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "हमें हैरत है कि OIC ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामलों को लेकर अवांछित टिप्पणियां की हैं." उन्होंने कहा कि इससे पहले भी भारत सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर को लेकर OIC के बयानों को सिरे से खारिज किया था. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा है.
बागची ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा कि OIC को एक देश की शह पर भारत को लेकर अपना ‘सांप्रदायिक एजेंडा' चलाने से बचना चाहिए.
OIC ने क्या कहा ?
इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने सोमवार को सिलसिलेवार ट्वीट के जरिए जम्मू कश्मीर में परिसीमन के प्रयासों को लेकर आपत्ति जाहिर की है.
OIC की तरफ से कहा गया कि भारत का यह प्रयास जम्मू कश्मीर के जनसांख्यिकीय (डेमोग्राफी) ढांचे को बदलने और कश्मीरी लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है.
इसके साथ ही OIC ने कहा, परिसीमन की यह प्रक्रिया चौथे जिनेवा कन्वेंशन सहित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्तावों और अंतरराष्ट्रीय कानून का सीधा उल्लंघन है.
मार्च में भी OIC ने उठाया था कश्मीर मुद्दा
भारत ने मार्च में भी इसी तरह इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के एक बयान को खारिज किया था. तब पाकिस्तान में OIC के विदेश मंत्रियों की बैठक में कश्मीर पर भारत की नीति की आलोचना की गई थी. इस पर विदेश मंत्रालय की कठोर प्रतिक्रिया सामने आई थी.
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