भारतीय विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर यूक्रेन (Ukraine) में एक भारतीय छात्र की मौत की पुष्टि की. मृतक छात्र की पहचान कर्नाटक (Karnataka) के नवीन शेखरप्पा (Naveen) के रूप में हुई है. यह छात्र खार्किव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था जो यूक्रेन के अर्किटेक्टोरा बेकाटोवा शहर में है.
नवीन की मौत के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री समेत तमाम राजनेताओं ने दुःख प्रकट किया है और नवीन के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से बात की और उनसे नवीन के पिता का नंबर लिया. पीएम मोदी नवीन के परिवार से बात करेंगे.
कर्नाटक के सीएम बोम्मई ने नवीन के पिता से बात की. मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि, "नवीन का पार्थिव शरीर भारत वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे." सीएम ने कहा कि इस मामले में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत की जा रही है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी मृतक छात्र के परिवार वालों के प्रति अपनी संवदेनाएं व्यक्त की. अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा कि, "यह खबर सुनकर भयानक लग रहा है. उनके परिवार के लिए प्रार्थना. फंसे हुए अन्य सभी भारतीयों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करें और आशा करते हैं कि वे जल्द ही घर वापस आ जाएंगे. आशा है कि संघर्ष जल्द ही समाप्त हो जाएगा"
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि, "एक भारतीय छात्र नवीन की यूक्रेन में जान गंवाने की दुखद खबर मिली. उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. मैं दोहराता हूं, भारत सरकार को सुरक्षित निकासी के लिए एक रणनीतिक योजना की आवश्यकता है. हर मिनट कीमती है."
आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने ट्वीट कर लिखा कि, "नवीन शेखरप्पा के परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना भारत सरकार को युद्ध क्षेत्र में फंसे सभी भारतीयों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करने की आवश्यकता है."
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ट्वीट कर लिखा कि यह जानकर बहुत दुख हुआ कि हावेरी के मूल निवासी नवीन ने यूक्रेन में रूस के हमले में जान चली गई है. उनके परिवार के सभी सदस्यों, दोस्तों और शुभचिंतकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है.
भारतीय सरकार सभी छात्रों को यूक्रेन से वापिस लाने की लगातार कोशिशें कर रही है. इस ऑपरेशन में अब भारतीय सेना की भी मदद ली जा रही है.
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