"61 छर्रे निकाल लिए गए हैं और अभी भी निकाले जाने बाकी हैं." ये कहना है मणिपुर के इंफाल में राज मेडिसिटी अस्पताल के एक डॉक्टर का, जहां 21 साल के उत्तम सोइबम को छर्रे लगने के कारण ICU में भर्ती कराया गया है.
राष्ट्रीय स्तर के वुशू खिलाड़ी सोइबाम उन सैकड़ों छात्रों में से एक हैं जो राज्य की राजधानी में सुरक्षा बलों के साथ हिंसक झड़प में घायल हो गए हैं.
अपने अस्पताल के बिस्तर पर लेटे हुए, सोइबम ने द क्विंट से बातचीत में आरोप लगाया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की एक शाखा, रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) ने इंफाल पश्चिम जिले में स्थित सिंगजामेई में जानबूझकर उन पर और अन्य प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई थी.
उन्होंने कहा कि...
"RAF ने एक तलाशी अभियान चलाया और जिस पर भी उन्हें संदेह हुआ, उन्होंने सीधे गोली मार दी."
यह कथित तौर पर पहली बार है कि मणिपुर में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पैलेट गन का इस्तेमाल किया गया है. हालांकि, इसका उपयोग अतीत में जम्मू और कश्मीर में व्यापक रूप से किया गया.
भयावह घटना को याद करते हुए, सोइबम ने कहा कि...
"विरोध के दिन, वह और अन्य लोग "भीड़ में शामिल थे." उन्होंने कहा, "इसके बाद हम तीनों एक घर के परिसर में छुपे हुए थे. RAF ने गेट के बाहर से हम पर गोली चलाई."
हेमजीत और 17 साल के हिजाम (दोनों मैतेई छात्र) के शवों की तस्वीरें (दिनांक 8 जुलाई) सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद मणिपुर की राजधानी इंफआल छात्रों के विरोध प्रदर्शनों से हिल गई है. वे 6 जुलाई को लापता हो गए थे और उनका कोई पता नहीं चला.
प्रदर्शनकारी छात्रों को नियंत्रित करने के लिए RAF मणिपुर पुलिस के साथ काम कर रही है.
सुरक्षा बलों द्वारा 'अत्यधिक बल' के इस्तेमाल के आरोपों की रिपोर्टों पर संज्ञान लेते हुए, पुलिस महानिदेशक (मणिपुर) राजीव सिंह ने गुरुवार, 28 सितंबर को इसकी जांच के लिए एक समिति बनाने का आदेश जारी किया है.
“इंफाल क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा अतिरिक्त बल के उपयोग की विभिन्न रिपोर्टें/आरोप सामने आए हैं. ऐसी शिकायतों/आरोपों को सत्यापित करने के लिए, मुद्दों पर गौर करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने के लिए एक समिति का गठन किया जा रहा है. ”
छात्रों के खिलाफ 'अत्यधिक' बल प्रयोग के संबंध में मणिपुर पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने द क्विंट को बताया कि जांच शुरू कर दी गई है और कानून अपना काम करेगा.
सोइबम ने दावा किया,
"जब मुझे चोट लगी, तो जिस घर में हम छिपे हुए थे, उसके मालिक ने मुझे प्राथमिक उपचार दिया, लेकिन आरएएफ कर्मियों ने एम्बुलेंस को लगभग 30 मिनट तक रोके रखा. बाद में, राज्य बलों की मदद से, मुझे बचाया गया."
डॉक्टर ने कहा, "सिर के पिछले हिस्से में कई छर्रे लगे हैं और उनके बाएं पैर, पीठ और दाहिने हाथ में भी चोटें आई हैं."
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