ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) और जी न्यूज के एंकर रोहित रंजन (Rohit Ranjan) की याचिकाओं पर आज 08 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. जहां विवादस्पद हिंदू संतों को 'नफरत फैलाने वाला' कहने से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट से 5 दिनों तक गिरफ्तारी से सुरक्षा मिलने के बावजूद जुबैर जेल में रहेंगे. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने न्यूज एंकर रोहित रंजन को राहत देते हुए फैसला सुनाया कि उन्हें अभी गिरफ्तार नहीं किया जा सकता.
मोहम्मद जुबैर को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली, पुलिसिया एक्शन से नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर को उत्तर प्रदेश पुलिस की FIR के खिलाफ पांच दिन की अंतरिम जमानत दे दी. मोहम्मद जुबैर पर इस केस में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया था.
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने 27 मई को पोस्ट किए गए एक ट्वीट में विवादस्पद हिंदुत्व नेताओं यति नरसिंहानंद, महंत बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को "नफरत करने वाला" कहने के लिए 1 जुलाई को सीतापुर के खैराबाद पुलिस स्टेशन में जुबैर के खिलाफ FIR दर्ज की थी.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कहा कि यह अंतरिम राहत वाला आदेश केवल 'नफरत करने वालों' मामले की FIR से जुड़ा है, न कि याचिकाकर्ता जुबैर के खिलाफ दर्ज किसी अन्य FIR से. इसका मतलब यह है कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज इस विशेष मामले में जुबैर को भले ही जमानत मिल गई हो, लेकिन उन्हें तुरंत हिरासत से रिहा नहीं किया जाएगा क्योंकि दिल्ली पुलिस द्वारा दायर मामले में उन्हें राहत नहीं मिली है.
जुबैर पर 2021 में दर्ज मामले में एक्टिव हुई खीरी पुलिस, वारंट सौंपा गया
जुबैर पर 2021 में लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी थाने में दर्ज मामले में पुलिस एक्टिव हो गयी है. सीतापुर में आज अचानक खीरी की मोदम्मदी पुलिस पहुंच गई और जुबैर को एक वारंट तामील कराया.
दरअसल जुबैर के खिलाफ मोदम्मदी थाने में 2021 में एक मुकदमा कोर्ट के आदेश पर लिखा गया था. यह मुकदमे भी धार्मिक भावनाओं को भड़काने का है. इस मुकदमे में जुबैर से न तो पूछताछ हो पाई थी और न ही पुलिस उसको गिरफ्तार कर पाई थी. शुक्रवार को विवेचक सीतापुर पहुंचे और अपने मुकदमे का वारंट उसको तामील कराया.
लखीमपुर खीरी के ASP अरुण कुमार सिंह ने कहा कि "जुबैर के खिलाफ 2021 में कोर्ट के आदेश पर मोहम्मदी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. उसके खिलाफ कोर्ट से वारंट था. शुक्रवार को विवेचक सीतापुर गए थे. उसे वारंट तामील करा दिया गया है."
रोहित रंजन को राहुल गांधी फेक न्यूज से जुड़े सभी केस में मिली गिरफ्तारी से सुरक्षा
जी न्यूज के एंकर रोहित रंजन को अभी गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के डॉक्टर्ड क्लिप चलाने से जुड़े सभी पुलिस मामलों के संदर्भ में कहा.
सुप्रीम कोर्ट ने रोहित रंजन की याचिका पर अटॉर्नी जनरल के कार्यालय के माध्यम से केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किया, जिसमें रोहित रंजन ने अपने लिए, अपने परिवार के सदस्यों औरटीवी प्रोग्राम से जुड़े अपने सहयोगियों के लिए भी सुरक्षा मांगी थी.
मालूम हो कि न्यूज एंकर रोहित रंजन ने अपने प्रोग्राम में एक वीडियो चलाया था जिसमें राहुल गांधी ने केरल में पार्टी कार्यालय पर हमला करने वालों को बच्चा बनाते हुए कहा था कि उनके खिलाफ उनकी कोई दुर्भावना नहीं है. हालांकि चैनल ने यह बताया कि राहुल गांधी ने ऐसा उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल के हत्यारों के बारे में कहा था. इसके बाद कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ और राजस्थान की पुलिस रोहित रंजन के पीछे पड़ी है.
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