हरियाणा (Haryana) में INLD के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक नफे सिंह राठी (Nafe Singh Rathi Murder Case) की गोली मारकर हत्या कर दी गई. बहादुरगढ़ में पूर्व विधायक की कार पर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई. इसमें उनके एक समर्थक की भी मौत हो गई है. 2 सुरक्षा कर्मियों की हालत गम्भीर बनी हुई है.
इस मामले में पुलिस ने FIR दर्ज करते हुए बीजेपी के पूर्व MLA सहित 7 लोगों को नामजद किया है. वहीं FIR में 5 अज्ञात लोगों का भी जिक्र है. एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है. वहीं परिवार ने नफे सिंह का पोस्टमॉर्टम करवाने से मना कर दिया है. समर्थकों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए सोमवार, 26 फरवरी को सड़क जाम कर दिया. सूबे के गृह मंत्री अनिल विज ने मामले की सीबीआई जांच कराने की बात कही है.
BJP के पूर्व MLA सहित 7 नामजद
इस मामले में झज्जर जिले की बहादुरगढ़ लाइनपार थाने में FIR दर्ज की गई है. पुलिस ने आर्म्स एक्ट, 1959 की धारा के तहत केस दर्ज किया है. इसके साथ ही IPC की धारा 120-B (आपराधिक साजिश), धारा 147 (दंगा), धारा 148 (घातक हथियार के साथ बवाल), धारा 149 (गैरकानूनी सभा में शामिल होना), धारा 302 (हत्या) और धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
FIR में पुलिस ने 7 लोगों को नामजद किया है. इनमें बीजेपी के पूर्व विधायक नरेश कौशिक, पूर्व चेयरमैन कर्मबीर राठी, रमेश राठी, सतीश राठी, गौरव राठी, राहुल और कमल के नाम शामिल हैं. FIR में 5 अज्ञात लोगों का भी जिक्र है.
"तुझे जिंदा छोड़ रहे, घर जाकर बता देना"
पूर्व विधायक नफे सिंह राठी के भांजे संजय की शिकायत पर FIR दर्ज की गई है. FIR रिपोर्ट में संजय ने कहा, "25 तारीख को आसौदा गांव से सामाजिक कार्यक्रम के बाद हम सफेद रंग की फॉर्च्युनर में बहादुरगढ़ वापस आ रहे है. मैं गाड़ी चला रहा था, मेरे मामा नफे सिंह साथ वाली सीट पर बैठे थे. पीछे वाली सीट पर संजीत और जयकिशन बैठे थे."
अपने बयान में उन्होंने आगे कहा, "शाम करीब सवा पांच बचे बराही फाटक से पहले हमें एक सफेद रंग की कार पीछा करते दिखाई दी. मैंने गाड़ी भगाने की सोची लेकिन फाटक बंद था, जिसके कारण गाड़ी रोकनी बड़ी.
"पांच लड़के अपने हथियारों के साथ कार से उतर कर आए और ललकार मारा की सतीश, कर्मवीर राठी, नरेश कौशिक से दुश्मनी करने का सबक सिखा दो इनको और उन्होंने हम पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी."
उन्होंने आगे कहा, "एक व्यक्ति मेरी ड्राइवर खिड़की पर आया और बोला तुझे जिंदा छोड़ रहा हूं, जाकर इनके घर बता दियो कि नरेश कौशिक, कर्मवीर राठी, रमेश राठी, सतीश राठी, गौरव राठी, राहुल और कमल के खिलाफ कभी भी किसी अदालत में गए तो सारे परिवार को मार देंगे."
CCTV फुटेज आया सामने
हत्याकांड से पहले का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें कथित रूप से आरोपी एक सफेद रंग की कार से नफे सिंह राठी की कार का पीछा करते दिख रहे हैं. सीसीटीवी फुटेज में कथित आरोपियों का चेहरा भी कैद हो गया है. कार में बैठा आदमी किसी शख्स से फोन पर बात करता दिख रहा है. जिस कार से नफे सिंह का पीछा किया जा रहा था उसका नंबर 'HR 51BV 0084' बताया जा रहा है.
परिजनों ने शव के पोस्टमॉर्टम से किया इनकार
दूसरी तरफ परिजनों ने नफे सिंह के शव का पोस्टमॉर्टम करवाने से इनकार कर दिया है. परिवार ने आरोपियों की गिरफ्तारी होने तक शव का पोस्टमॉर्टम नहीं करवाने की बात कही है. वहीं हत्याकांड के विरोध में पूर्व विधायक के समर्थकों ने बहादुरगढ़ में सड़क जाम कर दिया और नारेबाजी की.
"अगर VIP पुलिस की सुरक्षा नहीं कर सकती पुलिस तो आम आदमी का क्या होगा. इससे बड़ा जंगलराज कहीं नहीं हो सकता. शर्म आनी चाहिए बीजेपी के गुंडों को. हम पोस्टमॉर्टम तब तक नहीं करवाएंगे जब तक गिरफ्तारी नहीं होगी."नफे सिंह राठी के भतीजे
वहीं उनके एक समर्थक ने बताया कि "विधायक जी को एक महीने पहले हमले की सूचना मिली थी. इसके बाद उन्होंने गृहमंत्री और आलाधिकारियों से बात भी की थी." प्रशासन पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि "प्रशासन की इतनी ढील रही कि उनके पर्सनल वेपन भी ले लिए और निहत्था कर दिया उनको."
दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा- CM
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नफे सिंह की हत्या पर दुख जताया है. उन्होंने कहा, "शोकाकुल परिवारजनों के साथ मेरी गहरी संवेदनाएं हैं, इस कठिन समय में हम उनके साथ हैं. इस मामले में संलिप्त एक भी दोषी को बख़्शा नहीं जाएगा. पुलिस को आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं."
अभय चौटाला ने की CBI जांच की मांग
INLD नेता अभय चौटाला ने नफे सिंह हत्याकांड की सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. चौटाला ने धरने पर बैठे परिवार से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा, "लोकल पुलिस के अधिकारी ने हमले का इनपुट दिया था. लेकिन फिर भी पुलिस ने सुरक्षा नहीं दी. पुलिस आरोपियों की सुरक्षा बढ़ा रही है. सरकार पीड़ितों को सुरक्षा नहीं दे रही."
वहीं कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, "मुख्यमंत्री और राज्य के गृह मंत्री इसकी ज़िम्मेदारी लें. 10 साल की सरकार के बाद हरियाणा में इस तरह का जंगल राज क्यों स्थापित हुआ? ये अभी जांच का विषय है कि कौन इसमें शामिल हैं. ये राजनीतिक साजिश है या नहीं. जब तक पूरी जांच सामने नहीं आएगी, इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. लेकिन हरियाणा में गैंगस्टर सक्रिय क्यों हो गए हैं?"
(इनपुट- परवेज खान)
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