बिहार में शराबबंदी अभियान को सफल बनाने के लिए राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे अपने-अपने पापा को शराब छोड़ने की शपथ दिलाएंगे. इसके लिए बच्चे पापा से एक संकल्पपत्र भरवाएंगे.
बच्चे भरवाएंगे पापा से फॉर्म
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन ने महिला मतदाताओं को आकर्षित करने को लेकर बिहार में शराबबंदी करने का जो वादा किया था, उस वादे को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में एक अप्रैल से शराबबंदी की घोषणा की है.
शराबबंदी को राज्य में सफल बनाने के लिए राज्य सरकार जहां जनजागरूकता अभियान चलाएगी, वहीं सांस्कृति जागरूकता अभियान और कला जत्था द्वारा भी लोगों को शराब से बचने की मुहिम चलाएगी. इसके तहत सभी सरकारी विद्यालयों के बच्चे अपने-अपने पिता से संकल्पपत्र भरवाएंगे.
अब्दुल जलील मस्तान, राज्य के मद्य निषेध मंत्रीसरकारी स्कूल के बच्चे अपने-अपने पिता को शराब छोड़ने का संकल्पपत्र भरवाकर अपने विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पास जमा कराएंगे. राज्य के करीब 77 हजार प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में यह संकल्पपत्र उपलब्ध होगा.नीतीश कुमार इस अभियान को एक सामाजिक आंदोलन बनाना चाहते हैं. शराबबंदी को लेकर 26 जनवरी से जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
शराब बिक्री से 4000 करोड़ से ज्यादा की होती है कमाई
पिछले साल बिहार में शराब की बिक्री से 3,300 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया गया, जो दूसरे करों की कमाई से सात-आठ सौ करोड़ रुपये ज्यादा था. इस साल सरकार का अनुमान है कि शराब से राजस्व प्राप्ति 4,000 करोड़ रुपये से ऊपर निकल जाएगी.
जदयू के एक नेता कहते हैं कि “सरकार अप्रैल तक सब कुछ ठोक-बजा कर ही शराबबंदी को लागू करने का इरादा बनाया है.माना जाता है कि सरकार ने हाल के दिनों में कई वस्तुओं पर नया कर लगाकर इस भरपाई को पूरा करने की कोशिश प्रारंभ कर दी है”
बहरहाल, नीतीश सरकार के लिए शराबबंदी का वादा पूरा करना आसान नहीं है, मगर सरकार इस अभियान को सफल करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती.
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