9 जून को जहां एक तरफ नरेंद्र मोदी तीसरी बार पीएम की शपथ ले रहे थे, वहीं दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर में शिवखोड़ी मंदिर से लौट रही बस पर संदिग्ध आतंकवादियों की गोलीबारी में 9 लोगों की मौत हो गई और 37 अन्य घायल हो गए. पुलिस ने बताया कि बस पर आतंकवादियों ने हमला किया था, जिसके कारण ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया और बस पौनी रियासी के कांडा क्षेत्र के पास गहरी खाई में गिर गई. अब पीड़ितों के बयान सामने आए हैं, जिन्होंने इस हादसे के बारे में बताया है.
पीड़ितों ने बताई आपबीती
एक सर्वाइवर ने बताया- माता वैष्णो देवी के दर्शन के बाद मैं शिव खोरी गया. वहां से लौटते वक्त 4-5 किलोमीटर बाद हमारी बस पर गोलियां चलाई गईं. हमारी बस के खाई में गिरने के बाद भी फायरिंग नहीं रुकी. ड्राइवर को गोली लगी और फिर फायरिंग में कुछ लोग घायल भी हुए...''
एक और सर्वाइवर ने बताया-मैं शिव खोरी दर्शन के लिए गया था. लौटते वक्त कुछ लोगों ने हमारी बस पर फायरिंग कर दी. बाद में बस खाई में गिर गई. घटना में कई लोग घायल हो गए. बस गिरने के बाद भी गोलीबारी नहीं रुकी. मुझे लगता है कि वहां 2-3 (आतंकवादी) थे. मेरे बेटे ने एक आदमी को हमारी बस पर पीछे से गोलीबारी करते देखा...
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने किया मुआवजे का ऐलान
जम्मू-कश्मीर उपराज्यपाल कार्यालय ने बताया कि रियासी आतंकी हमले में शहीद तीर्थयात्रियों के परिजनों को 10 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी. घायलों को 50,000 रुपए दिए जाएंगे. घायल तीर्थयात्रियों का इलाज जम्मू और रियासी के विभिन्न अस्पतालों में किया जा रहा है. इसके अलावा राज्यपाल मनोज सिन्हा ने घायलों से मुलाकात भी की.
"बस चालक पर आतंकवादियों ने हमला किया, जिसके बाद बस खाई में गिर गई. इस घटना में 9 लोगों की मृत्यु हो गई है और करीब 37 लोग घायल हैं...कल से बचाव अभियान शुरू हुआ है. पुलिस, CRPF और सेना ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा दी जाएगी. हमारी प्राथमिकता घायल लोगों को बचाना है. हमने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये देने का फैसला किया है."मनोज सिन्हा, राज्यपाल, जम्मू-कश्मीर
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