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रूस के समर्थन में हिंदू सेना ने दिल्ली में निकाला मार्च, यूक्रेन का किया विरोध

हिंदू सेना ने 'भारत माता की जय' और 'भारत-रूस दोस्ती जिंदाबाद' जैसे नारे लगाते हुए करीब एक घंटे तक मार्च निकाला.

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दक्षिणपंथी संगठन हिंदू सेना (Hindu Sena) के कार्यकर्ताओं ने रविवार 06 मार्च को दिल्ली के कनॉट प्लेस में रूस (Russia) के समर्थन में नारे लगाते हुए मार्च निकाला. कार्यकर्ताओं ने 'रूस तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं', 'भारत माता की जय' और 'भारत-रूस दोस्ती जिंदाबाद' जैसे नारे लगाते हुए करीब एक घंटे तक मार्च निकाला.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र में भारत के आधिकारिक तौर पर स्टैंड नहीं लेने पर हम व्यक्तिगत रूप से सोचते हैं कि भारत को परहेज करने के बजाय रूस के पक्ष में मतदान करना चाहिए था. यानि भारत हमारे नागरिकों की रक्षा करें और फासीवादी, नस्लवादी यूक्रेन के खिलाफ रूस का समर्थन करें, जिसने हमेशा पाकिस्तान का समर्थन किया है और हमारे परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ मतदान किया है."

हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने आगे कहा,

"कोई युद्ध अच्छा नहीं है, लेकिन अगर हमें अच्छे और बेहतर के बीच चयन करना है, तो हम रूस के समर्थन में खड़े होंगे, क्योंकि रूस हमेशा भारत का सच्चा दोस्त रहा है."
विष्णु गुप्ता

मार्च के बाद हिन्दू सेना ने एक बयान जारी कर कहा कि, "यह नोट किया जाना चाहिए है कि कैसे यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की या उनका परिवार निश्चित रूप से यूक्रेन में नहीं है या सक्रिय रूप से युद्ध नहीं लड़ रहें हैं और यूक्रेनी नागरिकों को एक बेकार युद्ध लड़ने के लिए उकसा रहा हैं. जेलेंस्की अधिक से अधिक हथियार मांगते रहते हैं लेकिन उन्होंने एक बार भी यूक्रेनियन के लिए मानवीय सहायता की अपील नहीं की है. उन्होंने एक रूसी समर्थक अधिकारी, एक महापौर और उनके नेगोशिएटर को मार डाला है और फिर भी वे पीड़ित बने रहते हैं और युद्ध को रोकने का कोई इरादा नहीं दिखाते हैं."

हिन्दू सेना द्वारा जारी बयान में लिखा गया कि, "यूक्रेन में भारतीयों और अन्य नागरिकों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार तुरंत बंद होना चाहिए और यूक्रेनी अधिकारियों को यह नहीं भूलना चाहिए कि उनके नागरिक भी दूसरे देशों में रह रहे हैं."

उन्होंने बताया कि पुलिस ने उन्हें लगभग एक घंटा बाद में तितर-बितर होने के लिए कहा क्योंकि उन्होंने विरोध करने की पूर्व अनुमति नहीं ली थी.

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