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UP: कनाडा से बेटे का शव मंगाने भटक रहे रिटायर्ड फौजी,MEA पर मदद न करने का आरोप

Etah: रुंधे हुए गले और भीगी हुई आंखों से नम फौजी सुभाष चंद्र पांडे ने दर्दभरी कहानी सुनाई.

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के एटा जिले में 80 वर्षीय बुजुर्ग फौजी सुभाष चन्द्र पांडेय के पुत्र का पार्थिव शरीर कनाडा से 11 दिनों से भारत वापस नहीं आ पा रहा है. आरोप है विदेश मंत्रालय सहायता नहीं कर रहा है. भारत में अभी तक आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा था और उसके बाद ही 80 साल के एक रिटायर्ड फौजी अपने बेटे के शव को लाने के लिए पिछले 10 दिनों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है.

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23 अगस्त से ही पिता विदेश मंत्रालय से लेकर के जनप्रतिनिधियों की चौखट तक चक्कर काट रहा है लेकिन इस फौजी पिता का दर्द समझने वाला कोई दिखाई नहीं दे रहा है.

आज भी हमारे देश में कुछ फौजियों की हालत देखने पर दर्द से कलेजा भर आता है. 80 साल की उम्र गुजार चुके रिटायर्ड फौजी कभी सीमा पर जाकर नहीं रोया लेकिन कुदरत का कहर इस कदर बरपा की उसके सामने ही उसके कलेजे के टुकड़े रूपी पुत्र की जब सांसे थम गई और शव किसी और देश की धरती पर पड़ा हुआ है.

नम आंखों से सुनाई दास्तान

रुंधे हुए गले और भीगी हुई आंखों से नम फौजी सुभाष चंद्र पांडे बताते हैं कि हमारे पुत्र की मृत्यु 23 अगस्त को कनाडा के विक्टोरिया हॉस्पिटल में दिनांक 23 अगस्त की मृत्यु हो गई थी. मृत्यु होने के बाद आज 11 दिन बीत गए हैं. हम क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों विधायक सांसद अधिकारियों में जिला अधिकारी एसडीएम और विदेश मंत्रालय तक के चक्कर लगा चुके हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. उन्होंने बताया कि अब तो कनाडा में स्थित भारतीय एंबेसी ने मेरा फोन भी उठाना बंद कर दिया है.

यह रिटायर्ड फौजी उत्तर प्रदेश के एटा जिले की तहसील अलीगंज क्षेत्र के ग्राम वरना के रहने वाले हैं. फौजी ने बताया मेरे दो पुत्र हैं यह मेरे बड़े पुत्र हैं, जिनकी कनाडा में मृत्यु हुई है.

मृतक की पत्नी के ऊपर गंभीर आरोप

फौजी सुभाष चंद्र पांडे बताते हैं कि हमारे बेटे तरुण पांडेय और हमारी पुत्रवधू रंजना के मध्य में कुछ विवाद बीते 5 साल से चल रहा है. हालांकि अभी तक तलाक नहीं लिया है. मेरा बेटा और उसकी पत्नी पिछले एक वर्षों से कनाडा में ही अलग-अलग जगह रह रहे थे.

जब बेटे की तबीयत खराब हुई तो डॉक्टरों ने बेटे को अस्पताल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा हुआ था लेकिन पत्नी ने वहां पर लिखित तौर पर डॉक्टर से अपील की कि इनको लाइफ सपोर्ट सिस्टम से हटा दीजिए. इसके बाद में मेरे बेटे की मृत्यु हो गई. आखिर मेरी पुत्रवधू ने ऐसा क्यों किया है ये मुझे नहीं पता है.

मृतक के भाई निखार पाण्डेय ने कहा कि मेरे भाई आखिरी बार मेरी शादी के दौरान 2007 में भारत आये थे. अब आज वो हमारे बीच नही है, वो हमें हमेशा सपोर्ट करते थे. वो कहते थे हम जल्द ही भारत आकर ही रहेंगे, भाई का इस समय पासपोर्ट की अवधि भी समाप्त हो चुकी है.

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मृतक के पिता ने बताया कि हमने अपने फर्रुखाबाद लोकसभा के क्षेत्रीय सांसद मुकेश राजपूत और कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक से मिले और उन्होंने विदेश मंत्रालय के लिए पत्र भी लिखा है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है. मैंने विदेश मंत्रालय से बार-बार कोशिश की लेकिन वहां पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. अब तो कनाडा में रह रहे भारतीय एम्बेसी ने हमारा फोन तक उठाना बंद कर दिया है.

अलीगंज एसडीएम मानवेंद्र सिंह ने बताया यह पूरा प्रकरण हमारे और जिला अधिकारी साहब के संज्ञान में है. हम लोगों ने विदेश मंत्रालय के लिए पत्र लिखा है और सब मंगवाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

क्षेत्रीय विधायक सत्यपाल सिंह राठौर ने बताया कि ये पूरा प्रकरण अब हमारे संज्ञान में आया है. इसके लिए मुख्यमंत्री जी से बात करेंगे, जल्दी से जल्दी शव भारत मे लाने के प्रयास करेंगे.

(इनपुट- शुभम श्रीवास्तव)

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