संसद (Parliamnet) में वित्तीय बजट (Budget 2022) पेश करने से पहले एक प्रथा है. इस प्रथा के अनुसार बजट पेश होने से ठीक पहले उन सभी सदस्यों को हलवा बांटा जाता है जिनका बजट को रूप देने में योगदान होता है. यह हलवा समारोह (Halwa Ceremony) आम तौर पर केंद्रीय बजट पेश होने से कुछ दिन पहले होता है और यह बजट प्रक्रिया के अंतिम चरण का प्रतीक होता है. पिछले साल, यह समारोह बजट 2021 की प्रस्तुति से नौ दिन पहले 23 जनवरी को हुआ था.
क्या होती है 'हलवा सेरेमनी' ?
इस हलवा सेरेमनी या हलवा समारोह को केंद्रीय वित्त मंत्री की अगुवाई में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के मुख्यालय, नॉर्थ ब्लॉक, नई दिल्ली में आयोजित किया जाता है. हलवा समारोह के दौरान वित्त मंत्री समेत राज्य मंत्री और वित्त मंत्रालय के साथ काम करने वाले अन्य शीर्ष अधिकारी आमतौर पर मौजूद होते हैं. पिछले दो सालों से कोरोना के प्रकोप की वजह से लोगों की संख्या कम की गई है.
एक बार हलवा परोसने के बाद, अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों को संसद में बजट पेश नहीं होने तक वित्त मंत्रालय के उत्तरी ब्लॉक के तहखाने में ही रहना होता है.
हलवा सेरेमनी होने के बाद बजट अगर दस दिन बाद भी पेश होना है तो दस दिनों तक इन सभी अधिकारीयों को जो इस समारोह का हिस्सा थे उसी तहखाने में रहना होता है. इस बीच वह बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं रख सकते. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि बजट पेश होने से पहले कोई जानकारी लीक न हो जाये. इन लोगों को बजट पेश होने तक घर जाने की इजाजत नहीं होती. करीब एक से दो हफ्तों तक ये सभी लोग वित्त मंत्रालय की ही निगरानी में होते हैं. पहले हलवा सेरेमनी का मतलब होता था की यह एक प्रतीक है कि बजट को छपने के लिए भेज दिया गया है.
हलवा खाओ, काम पर लग जाओ
यह प्रथा कब से शुरू हुई और किसने इसकी शुरुआत की कोई सटीक जानकारी तो नहीं है. लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह भारतीय परंपरा के अनुसार किसी शुभ काम से पहले मुंह मीठा करने की प्रथा से प्रेरित है. दरअसल भारत में हर शुभ काम से पहले मीठा खाने की परंपरा काफी मशहूर रही है. इस साल अभी तक हलवा सेरेमनी का आयोजन नहीं किया गया है.
हलवा सेरेमनी होने के बाद वित्त मंत्रालय के चुनिंदा अधिकारी बजट बनाने में जुट जाते हैं. जिन कंप्यूटरों पर ये बजट टाइप होता है, वो पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं और इनसे किसी भी दूसरे कंप्यूटर में डेटा ट्रांसफर नहीं किया जा सकता.
वित्त मंत्री के हाथों से बटता है हलवा
बजट बनाने की रस्म के हिस्से के रूप में 'हलवा' एक बड़ी 'कढ़ाई' (बड़े फ्राइंग पॉट) में तैयार किया जाता है और पूरे स्टाफ को परोसा जाता है. इसे अमूमन वित्त मंत्रालय के किचन स्टाफ के लोगों द्वारा ही बनाया जाता है लेकिन एक साल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह हलवा खुद बनाया था. हर साल वित्त मंत्री अपने हाथों से ही सबको हलवा बांटते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)