भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) 6 अप्रैल को अपना स्थापना दिवस (BJP Foundation day) मना रही है. कार्यक्रम अंबेडकर जयंती (Ambedkar Jayanti) यानी 14 अप्रैल तक चलेगा. पार्टी ने इसे सेवा सप्ताह का नाम दिया है. 1984 में पार्टी के पास लोकसभा Lok Sabha की सिर्फ 2 सीट थी, लेकिन 35 साल बाद 2019 में 303 सीटों के साथ देश की सबसे बड़ी पार्टी बन गई. ऐसे में जानते हैं कि बीजेपी का 42 साल का सफर कैसा रहा?
बीजेपी ने 1984 में लड़ा पहला चुनाव
6 अप्रैल 1980 को बीजेपी की स्थापना हुई. पहले यह भारतीय जनसंघ (Bharatiya Jana Sangh) के रूप में जानी जाती थी, जिसकी स्थापना श्यामा प्रसाद मुखर्जी (Syama Prasad Mookerjee) ने 1951 में की थी. अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) बीजेपी के पहले अध्यक्ष थे. 1980 में बीजेपी के गठन के बाद पार्टी ने 1984 में पहला आम चुनाव लड़ा.
बीजेपी का पहला लोकसभा चुनाव: 7.4% वोट-116 पर जमानत जब्त
1984 में बीजेपी ने 229 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन 2 सीट ही जीत पाई. 116 सीटों पर तो जमानत जब्त हो गई. तब पार्टी को 7.4% वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस के 426 सदस्य थे. यह वह समय था जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी.
इंदिरा गांधी की हत्या से कांग्रेस को लोगों की सहानुभूति मिली. यानी कांग्रेस की लहर थी. इस बीच बीजेपी के दो सांसद जीतकर आए. पहले गुजरात के मेहसाणा से डॉक्टर एके पटेल ने जीत हासिल की, दूसरे चांदूपतला जंग रेड्डी, जिन्हें आंध्र प्रदेश के हनमकोंडा से जीत मिली थी.
रथ यात्रा की शुरुआत-बीजेपी का 100 का आंकड़ा पार
बीजेपी ने 1991 के चुनाव में लोकसभा की 100 सीटों का आंकड़ा पार किया, लेकिन उससे पहले देश में कई बड़े बदलाव हुए. 1986 में पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को पार्टी अध्यक्ष बनाया गया. 1989 से 1996 तक बीजेपी के लिए बहुत निर्णायक साबित हुआ.
1989 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 225 सीटों पर चुनाव लड़ा और 85 सीटों पर जीत हासिल की. तब उन्हें 11.4% वोट मिले थे. हालांकि 90 सीटों पर उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई थी. फिर आया 1990. आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक की रथ यात्रा शुरू की. फिर लाल कृष्ण आडवाणी की जगह मुरली मनोहर जोशी को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया.
फिर 1991 का लोकसभा चुनाव हुआ. बीजेपी ने 120 सीटों पर जीत हासिल करते हुए 100 का आंकड़ा पार कर लिया. वोट का प्रतिशत 20.1% तक पहुंच गया.
बीजेपी ने 1996 में अपनी पहली सरकार बनाई
1996 में बीजेपी ने सत्ता का स्वाद चखा. 11वीं लोकसभा चुनाव में 161 सीटों के साथ भारत की सबसे बड़ी पार्टी बनी. अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने. हालांकि यह सिर्फ 13 दिनों तक चली और बहुमत साबित करने में फेल हो गई.
12वीं लोकसभा चुनाव (1998) में बीजेपी ने 182 सीटें जीतीं और अटल बिहारी वाजपेयी एनडीए के साथ गठबंधन सरकार के प्रधानमंत्री बने. लेकिन यहां भी अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) ने अपना समर्थन वापस ले लिया और 1998 के अंत में 13 महीने बाद सरकार गिर गई.
1999 में पहली बार 5 साल तक रही बीजेपी की सरकार
1999 में फिर से चुनाव हुए. बीजेपी ने 339 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और 182 पर जीत हुई. अटल बिहारी वाजपेयी इस बार 5 साल तक के लिए देश के प्रधानमंत्री रहे.
बंगारू लक्ष्मण को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया. 2002 में एम वेंकैया नायडू पार्टी के अध्यक्ष बने. 5 साल बाद साल 2004 में फिर से लोकसभा का चुनाव हुआ और बीजेपी की सीटें घट गईं. 182 से 138 सीटों पर आ गई. आडवाणी को तीसरी बार पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया. फिर 2005 में राजनाथ सिंह भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बने.
2008 में पहली बार दक्षिण में बीजेपी की सरकार बनी
साल 2008 बीजेपी के लिए निर्णायक साबित हुआ. बीजेपी ने कर्नाटक में अपनी सरकार बनाई. यह भारत का पहला दक्षिणी राज्य था, जहां बीजेपी की सरकार थी. हालांकि साल 2009 में लोकसभा के चुनाव हुए, जिसमें बीजेपी को 116 सीटें ही मिलीं. वहीं वोट का प्रतिशत भी 22% से घटकर 18% पर आ गया. नितिन गडकरी को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया. फिर 2013 में उनकी जगह राजनाथ सिंह को पार्टी अध्यक्ष बनाया गया.
2014 में मोदी की लहर और सब कुछ बदल गया
साल 2014 में राष्ट्रीय पटल पर नरेंद्र मोदी की एंट्री हुई और बीजेपी के लिए बहुत कुछ बदल गया. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 428 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और 282 सीटों पर जीत मिली. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली पार्टी को 31% वोट मिले. मोदी को प्रधानमंत्री बनाया गया.
अमित शाह ने राजनाथ सिंह की जगह पार्टी अध्यक्ष की जगह ले ली. बीजेपी के लिए खुशी का एक और मौका था, पहली बार पार्टी ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ गठबंधन कर जम्मू-कश्मीर में अपनी सरकार बनाई थी. 2017 में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में एक और ऐतिहासिक जीत दर्ज की. बीजेपी ने 403 सीटों में से 312 सीटें जीतकर अपनी सरकार बनाई.
2019 का लोकसभा चुनाव और सबसे बड़ी जीत
साल 2019 का लोकसभा चुनाव बीजेपी के लिए सबसे बड़ी जीत लेकर आया. बीजेपी ने 436 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, जिसमें से 303 सीटों पर जीत दर्ज की. कुल 37.7% वोट मिले. ये इकलौता चुनाव था, जिसमें पार्टी के किसी भी उम्मीदवार की जमानत जब्त नहीं हुई. बीजेपी के 72 उम्मीदवार दूसरे नंबर पर 31 उम्मीदवार तीसरे नंबर पर थे.
सबसे ज्यादा उम्मीदवारों की जमानत कब जब्त हुई?
साल 1991 के चुनाव में बीजेपी ने पहली बार 477 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से 120 सीटों पर जीत मिली थी. लेकिन 192 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. 1996 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने 471 सीटों पर टिकट दिए और 161 सीटों पर जीत मिली, लेकिन 180 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. 2009 के चुनाव में भी बीजेपी के 170 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी.
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