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मुंबई में फूटी राजनीतिक दलों की दही हांडी, 9 पुलिस स्टेशनों में कई मामले दर्ज

कोरोना के खतरे को देखते हुए दही हांडी उत्सव पर सरकार ने लगाई थी रोक

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महाराष्ट्र में कोरोना के खतरे को देखते हुए अबकी बार भी दही हांडी उत्सव मनाने पर रोक लगाई गई थी. इसके लिए खुद सीएम उद्धव ठाकरे ने लोगों से अपील करते हुए कहा था कि वो इस बार दही हांडी उत्सव न मनाएं. लेकिन 31 अगस्त को सरकार के विरोध में तमाम विपक्षी दलों के नेताओं और समर्थकों ने जमकर दही हांडी उत्सव मनाया. इसके पीछे उनका तर्क था कि हिंदू त्योहारों पर ही ज्यादा रोक टोक लगाई जा रही है. हालांकि ऐसा करने को लेकर कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

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दही हांडी का राजनीतिक जश्न

मुंबई में हर साल दही हांडी को बड़े स्तर पर मनाया जाता है, जिसमें हजारों गोविंदा हिस्सा लेते हैं, नाचते हैं गाते हैं और जश्न मनाते हैं. लेकिन पिछले एक साल से कोरोना महामारी के चलते इस उत्सव पर रोक है. इस बार भी पूरी सख्ती के साथ लोगों को हिदायत दी गई थी कि वो घरों से बाहर न निकलें और कोरोना नियमों का पालन करें.

लेकिन इसके उलट कई जगहों पर दही हांडी फोड़ी गईं. ऐसा करने वालों में ज्यादातर विपक्षी दल बीजेपी और एमएनएस कार्यकर्ता थे. जिस भी इलाके में दही हांडी का जश्न मनाया गया, वहां पुलिस पहुंची और लोगों को हटाया. साथ ही कई लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया. मुंबई में कुल 9 पुलिस स्टेशन ऐसे रहे जहां मामला दर्ज हुआ है, धारा 188, 269 और 270 के तहत केस दर्ज किए गए.
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जिन पुलिस थानों में मामले दर्ज हुए हैं, उनमें - कस्तूरबा, काला चौकी, घाटकोपर, वर्ली, साकी नाका, दादर, भांडुप, खेरवाड़ और विक्रोली पार्क साइट शामिल है.

हालांकि मुंबई में आम लोगों ने सरकार की अपील को मानते हुए दही हांडी नहीं मनाई. इस जश्न के दिन भी लोग अपने ही घरों में रहे और परिवार के साथ ही इस उत्सव का जश्न मनाया.

हिंदू त्योहार के बहाने शिवसेना पर बीजेपी का निशाना

राजनीति की अगर बात करें तो बीजेपी और एमएनएस एक ही सुर में एमवीए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. फोकस आगामी बीएमसी चुनाव हैं. पहले ही बीजेपी शिवसेना पर आरोप लगाती आई है कि उसने अपनी हिंदूवादी छवि को खो दिया है, इसीलिए अब दही हांडी त्योहार के बहाने एक बार फिर शिवसेना के हिंदू वोटरों को टारगेट करने की कोशिश की जा रही है.

हालांकि विपक्ष के हमले पर खुद सीएम उद्धव ठाकरे ने सामने आकर जवाब दिया. ठाकरे ने कहा कि, कोरोना की तीसरी लहर को लेकर लगातार आशंका जताई जा रही है, साथ ही केंद्र सरकार की तरफ से भी त्योहारों को लेकर सख्त निर्देश दिए गए हैं. अगर विपक्षी नेता चाहें तो हम केंद्र की चिट्ठी दिखा सकते हैं.

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