ADVERTISEMENTREMOVE AD

चुनाव के पहले INLD प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या...जमीनी विवाद या चुनावी लाभ?

नफे सिंह राठी हरियाणा की राजनीति में एक चर्चित चेहरा रहे हैं.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

हरियाणा के झज्जर में INLD प्रदेश अध्यक्ष एवं बहादुरगढ़ के पूर्व विधायक नफे सिंह राठी की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई. लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले हुई इस हत्या का अंदेशा पहले से ही लगाया जा रहा था. आरोप है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और राज्य के गृहमंत्री को लिखित आवेदन कर सुरक्षा मांगी भी गई थी लेकिन सहयोग नहीं मिला. ऐसे में बताते हैं कि नफे सिंह राठी कौन थे और चुनाव से ठीक पहले हुई इस हत्या से प्रदेश की राजनीति पर क्या असर पड़ सकता है?  

ADVERTISEMENTREMOVE AD

जाट समुदाय से ताल्लुक, चौटाला परिवार के करीबी

इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी का जन्म बहादुरगढ़ के जाटवाड़ा गांव में हुआ था. वह प्रदेश के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अभय चौटाला के बेहद करीबी थे.

जब इंडियन नेशनल लोकदल यानी INLD में फूट पड़ी थी और ओम प्रकाश चौटाला के बेटे अजय चौटाला और उनके दोनों बेटों दुष्यंत और दिग्विजय ने जेजेपी नाम से अलग पार्टी बना ली तब भी नफे सिंह राठी ने ओपी चौटाला का साथ नहीं छोड़ा था और दुष्यंत का खुलकर विरोध किया था.

INLD के नेताओं और पार्टी कैडर में मजबूत पकड़

नफे सिंह राठी INLD के पुराने नेताओं में से एक थे. उनकी पार्टी कैडर में मजबूत पकड़ थी. वह ग्राउंड लेवल पर कॉफी एक्टिव थे. नफे सिंह राठी ने 1996 में बहादुरगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे और जीत हासिल की थी. दूसरी कामयाबी साल 2000 में मिली, जब राठी ने जनरल कैटेगरी में INLD के टिकट पर बहादुरगढ़ सीट से चुनाव लड़ा और पिछली बार के मुकाबले ज्यादा वोट हासिल किए. इस बार वो 49.1 फीसदी वोटों से जीतकर विधायक बने. नफे सिंह राठी दो बार बहादुरगढ़ नगर परिषद के चेयरमैन भी रहे.

जाटलैंड में नफे सिंह राठी की लोकप्रियता

जाटलैंड में लोकप्रिय नेता रहे नफे सिंह राठी को पार्टी का दामन तब छोड़ना पड़ा जब 2014 में INLD ने उन्हें बहादुरगढ़ से टिकट नहीं दिया. इसके बाद नफे सिंह राठी बीजेपी में चले गए, लेकिन जब बीजेपी ने भी उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया तो उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा. हालांकि 2018 में उनकी INLD में वापसी हो गई.  

INLD में वापसी के बाद राठी को खुद को आजमाने का मौका दोबारा दिया गया. हरियाणा विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के एक साल बाद जनवरी 2020 में राठी को पार्टी की हरियाणा इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. उन्होंने बीरबल दास ढालिया की जगह ली, जिन्हें इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पदोन्नत किया गया था. 
0

पार्टी को नए सिरे से खड़ा कर रहे थे राठी  

2019 के चुनाव से पहले INLD बिखर गई थी. पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बेटे अजय चौटाला के नेतृत्व में जेजेपी (जननायक जनता पार्टी, Jannayak Janta Party) बनी, जिसके नेता दुष्यंत चौटाला प्रदेश के उप मुख्यमंत्री हैं. वहीं, दूसरे बेटे अभय चौटाला INLD को फिर से खड़ा करने की कोशिश में लगे रहे, जिसके चलते उन्होंने बहादुरगढ़ से दो बार के विधायक रहे नफे सिंह राठी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था.  

इन दिनों नफे सिंह राठी आईएनएलडी की हरियाणा परिवर्तन यात्रा की अगुवाई कर रहे थे. अब राठी की हत्या से पार्टी को शायद रोहतक, सोनीपत व झज्जर को एक कद्दावर नेता की कमी खले.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

नफे सिंर राठी पर पिछले साल दर्ज हुआ था केस

नफे सिंह राठी को जनवरी 2023 में कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ा था, जब उन्हें पूर्व बीजेपी मंत्री मांगे राम राठी के बेटे जगदीश राठी की आत्महत्या मामले में आरोपी बनाया गया था. उनपर धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया था.

नफे सिंह राठी की हत्या के आरोपियों की लिस्ट में जगदीश राठी का बेटा गौरव राठी और भाई सतीश राठी का नाम भी शामिल हैं. नफे सिंह राठी के बेटे जितेंद्र राठी ने बताया,

"मुझ पर भी निगरानी रखी जा रही थी. मैंने जिम जाना बंद कर दिया. मेरे भाइयों का पीछा किया गया. मेरे पिता को निशाना बनाने की कई कोशिशें की गईं लेकिन भगवान ने उनकी रक्षा की, लेकिन हत्यारे को केवल एक मौके की जरूरत है."

नफे सिंह राठी की हत्या के पीछे क्या वजह है ये तो जांच के बाद ही सामने आएगा, लेकिन परिवर्तन यात्रा के जरिए पार्टी को फिर से खड़ा करने में भूमिका की बात हो या फिर कार्यकर्ताओं के बीच पकड़. राठी की हत्या निश्चित तौर पर INLD के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×