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अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत को रहना होगा सतर्क- शरद पवार

Sharad Pawar ने अफगानिस्तान के अलावा ओबीसी आरक्षण और पेगासस जासूसी का किया जिक्र

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अफगानिस्तान में अचानक सत्ता आतंकी संगठन तालिबान के पास आ चुकी है. जिससे दुनियाभर के तमाम देश चिंता में हैं. भारत का भी तालिबान को लेकर कड़ा रुख रहा है. इसी बीच अब एनसीपी नेता शरद पवार ने भारत सरकार को चौकन्ना रहने की सलाह दी है. पवार ने कहा है कि अब पाकिस्तान की ही तरह तालिबान से भी देश को खतरा हो सकता है.

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अब अफगानिस्तान से भी रहना होगा सतर्क

शरद पवार ने कहा, पाकिस्तान और चीन से अब तक हमेशा देश को खतरा रहा है. लेकिन अब अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारत को और चौकन्ना रहने की जरूरत है. अब अफगानिस्तान से भी हमें परेशानी होगी और इसलिए हमें सतर्क होना होगा. तालिबान का जो कहना है कि हम किसी को परेशान करने नहीं आए हैं, देखना होगा कि उसमें सच्चाई क्या है. पवार ने आगे कहा कि,

"पाकिस्तान और चीन को छोड़ सभी के साथ हमारा रिश्ता अच्छा थी, लेकिन अब बांग्लादेश और श्रीलंका के साथ हालात बदले हैं. इससे देखना होगा कि क्या फॉरेन पालिसी में बदलाव करने की जरूरत है. लेकिन ये एक सेंसिटिव इशू है, इस पर ज्यादा नहीं बोलेंगे. भारत सरकार ने हवाई जहाज के जरिए लोगों को लाने की कोशिश की, ये अच्छा है."

OBC आरक्षण पर सरकार पर हमला

शरद पवार ने अफगानिस्तान के अलावा ओबीसी आरक्षण को लेकर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि, संसद में 127 संविधान संशोधन को मंजूरी दी, जिसके हिसाब से राज्यों को OBC की सूची बनाने का अधिकार दिया. मुझे लगता है की ये लोगों और OBC समाज के साथ धोखाधड़ी की गई है. क्यूंकि अधिकतर राज्यों में 50% से ज्यादा आरक्षण है. इसलिए राज्यों को अधिकार दिए हैं, लेकिन इसका कोई उपयोग नहीं होगा. इसे देखकर मुझे लगता है कि जैसे खाने पर बुलाया लेकिन खाने से पहले हाथ बांध रखे हैं. पवार ने कहा कि,

"आने वाले दिनो में इस मुद्दे पर NCP लोकमत तैयार करने की कोशिश करेगी. केंद्र सरकार को इंपीरियल डेटा राज्यों को मुहैया करना चाहिए. OBC की जनगणना होनी चाहिए और 50% आरक्षण की कैप को हटाना चाहिए. तभी इसका फायदा होगा. साथ ही NCP कॉलेज के छात्रों और लोगों के बीच जाकर OBC के मुद्दे को लेकर जानकारी देगी."
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पेगासस पर सरकार ने नहीं दिया लिखित जवाब- पवार

ओबीसी आरक्षण के अलावा पवार ने चर्चित मुद्दे पेगासस जासूसी को लेकर भी सरकार पर हमला बोला. पवार ने कहा कि, संसद के पहले दिन से पेगासस के मुद्दे पर चर्चा की मांग की, लेकिन सरकार ने कहा कि हम कुछ बिल पास कराना चाहते थे. स्पीकर के साथ हुई बैठक में भी हमने मांग की थी की पेगासस, कृषि कानून और महंगाई पर चर्चा चाहते थे, लेकिन सरकार ने कोई प्लान लिखित में आखिर तक नहीं बताया. पवार ने आगे कहा,

"राज्यसभा में जो हुआ बहुत दुखद था. मेरे राजनीतिके करियर में ऐसा कभी नहीं देखा. संजय राउत के साथ भी बहुत धक्का मुक्की हुई. महिला सांसदों के साथ मारपीट करना ठीक नहीं था. मोदी सरकार को अपनी भूमिका रखने के लिए 7 मंत्रियों को मैदान में उतारना पड़ा, ये बताता है कि उनके पास जवाब नहीं है. विपक्ष के कई सदस्यों का कहना है कि कई मार्शल बाहर से राज्यसभा में आ गए थे. इसकी जांच होनी चाहिए."
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सुप्रीम कोर्ट की कमेटी सामने लाएगी सच- पवार

पेगासस को लेकर पवार ने कहा कि, भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने कहा कि हमने कुछ नहीं किया है जिस पर कोर्ट ने कहा कि हम इसकी जांच के लिए एक कमिटी गठित करेंगे. इसमें दो बाते हैं. भारत की डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा कि हमने इजरायल से कुछ नहीं लिया है. वहीं इजरायल का कहना है कि हम सरकार को छोड़ किसी को सॉफ्टवेयर नहीं बेचते.

पवार ने आगे कहा कि, अब सुप्रीम कोर्ट कमेटी गठित कर रही है, मेरी रिक्वेस्ट होगी कि इसमें अभिषेक मनु सिंघवी, चिदंबरम और कपिल सिब्बल में से किसी एक को कमेटी में लेना चाहिए. यह कोर्ट का विषय है, इस पर कुछ नहीं कहूंगा, लेकिन सरकार ने नहीं पर क्या RAW, एनएसए तो पेगासस में शामिल नहीं हैं? इसकी जांच होनी चाहिए.

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