25 जनवरी से यूपी (Uttar Pradesh) के बुलंदशहर (Bulandshahr) से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) 2024 लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) अभियान का आगाज करने जा रहे है. कामयाबी के नजरिये से बुलंदशहर पहले भी बीजेपी (BJP) के लिए अति फलदायी रहा है. इसके अलावा कई ऐसे कारण है जो उत्तर प्रदेश में चुनावी अभियान की शुरुआत के लिए बीजेपी संगठन को बुलंदशहर आने के लिए मजबूर करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस रैली को ऐतिहासिक बनाना संगठन और सरकार का लक्ष्य है.
2019-लोकसभा में चुनावी अभियान की शुरूआत के लिए बीजेपी संगठन ने मेरठ को चुना था. यहां मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, बागपत, गाजियाबाद और हापुड़ को केंद्र में रखकर प्रधानमंत्री की रैली आयोजित की गई थी लेकिन रैली के आखिरी छोर पर खाली रही कुर्सियों ने यहां संगठन की कमजोरी की परतें खोलकर रख दी थी.
इस रैली के मुकाबले 2014-लोकसभा में यूपी में बीजेपी के चुनावी अभियान का शुभारंभ बेहद शक्तिशाली रहा था. बीजेपी के किसान मोर्चा के बैनर तले हुए बुलंदशहर की इस रैली में भीड़ जुटाने में संगठन ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. इस रैली से पूरे यूपी और देश में गए संदेश ने लोकसभा में बीजेपी की जीत का मार्ग प्रशस्त किया था.
बुलंदशहर में ही पीएम की रैली क्यों?
श्री राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन के नायक और बीजेपी के दिग्गज नेता कल्याण सिंह इस सीट से सांसद रहे हैं. बुलंदशहर कल्याण सिंह की कर्मस्थली रहा है. दशकों से यह सीट बीजेपी और कल्याण सिंह के लिए अजेय है. 1990 के दशक से अबतक इस लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है. सिर्फ एक मर्तबा कल्याण सिंह के बीजेपी से अलग होने के बाद इस सीट पर समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह से कल्याण सिंह के बेहद करीबी शिष्य कमलेश वाल्मिकी सांसद चुने गए थे. बाद में कल्याण सिंह के साथ यह सीट भी बीजेपी के कब्जे में आ गई थी.
बाबूजी कल्याणसिंह की बिरादरी का लोध राजपूत मतदाता इस सीट पर बीजेपी की जीत का समीकरण तय करता है. ब्राह्मण, ठाकुर, वैश्य वोट बीजेपी की इस सीट पर हमेशा पार्टी के साथ खड़ा रहा है.
4 जिलों की जनता बनाएगी ऐतिहासिक रैली:
प्रधानमंत्री की यह रैली बुलंदशहर से कुछ किलोमीटर दूर चोला इलाके की पुलिस शूटिंग रेंज पर आयोजित होगी. यह इलाका नोएडा के करीब है और बुलंदशहर जिले का ग्रामीण क्षेत्र है. इसके अलावा चोला होकर खुर्जा-अलीगढ़ की ओर से आने वाले ग्रामीण समर्थकों के लिए यहां पहुंचना बेहद आसान है. इस रैली में सड़क और रेल मार्ग से अलीगढ़ तक के समर्थक आसानी से पहुंच सकेंगे. रैली में बुलंदशहर, नोएडा, अलीगढ़ और हापुड़ जिले के समर्थकों की बदौलत लाखों लोगों की भीड़ इकठ्ठा करना लक्ष्य है.
विरोधी किसानों से दूर बुलंदशहर बेहतर विकल्प
अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद भी किसानों से जुड़े हुए मुद्दे बीजेपी के लिए हमेशा की तरह कड़वा घूंट बने हुए है. बुलंदशहर के अलावा पीएम की इस रैली के लिए बिजनौर, मुजफ्फरनगर और मेरठ अच्छे विकल्प थे लेकिन यह तीनों जिले 2022 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को अपेक्षित नतीजे नहीं दे पाए.
इन इलाकों में किसान संगठनों का प्रभाव होने के कारण यहां विरोध जैसी स्थितियां देखने को मिल सकती थी. हाल ही में भारतीय किसान यूनियन ने एक बार फिर से आंदोलन का ऐलान किया है. ऐसे में बुलंदशहर में पीएम की रैली को सही माहौल मिलेगा.
बीजेपी के लिए शुभ शगुन रहा है बुलंदशहर:
2014 के बेहद शानदार नतीजों के बाद बीजेपी बुलंदशहर को "भाग्यशाली" मानती है. इसलिए एक बार फिर से इसी धरती का चयन चुनावी अभियान की शुरूआत के लिए किया गया है. तैयारियां अपने अंतिम दौर में हैं. सुरक्षा को लेकर जांच हो रही है. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक यहां तैयारियों का जायजा लेने आ चुके हैं. श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश भर में बने माहौल में बुलंदशहर की यह रैली और ज्यादा ऊर्जा का संचार करेगी...और बीजेपी संगठन ऐसा ही चाहता है.
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