सुप्रीम कोर्ट (Suprme Court) ने कोलकाता निकाय चुनावों (Kolkata muncipial elections ) में केंद्रीय सुरक्षाबल को तैनात करने वाली याचिका को रद्द कर कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख करने का निर्देश दिया. इस याचिका को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की तरफ से दायर किया गया था.
जस्टिस एल नागेसरा राव और बीआर गवई की पीठ ने बीजेपी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह से कहा,
"हम केंद्रीय बल की आवश्यकता के संबंध में निर्णय नहीं ले सकते. उच्च न्यायालय स्थिति जानने के लिए बेहतर स्थिति में होगा."
मनिंदर सिंह ने कोर्ट को बताया कि, बंगाल में हिंसा का बड़ा खतरा है और बीजेपी उम्मीदवारों को चुनाव से हटने की धमकी दी जा रही हैं. वकील ने कोर्ट में कहा कि,
"2 दिसंबर से उम्मीदवारों को धमकी दी जा रही है, लेकिन कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है"
जवाब में जस्टिस राव ने कहा कि समस्या ये है कि अगर हम इसे आर्टिकल 32 पर लेना शुरू कर देते हैं तो कोई अंत नहीं होगा. आप हाई कोर्ट जा सकते हैं.
इसके बाद बीजेपी की ओर से पेश हुए वकील ने याचिका को वापस लेने और हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की अनुमति मांगी. याचिका को हाईकोर्ट में दायर करने के लिए वापस ले लिया गया.
भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पश्चिम बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुकांत मजूमदार के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि, बीजेपी द्वारा कोलकाता नगर निगम चुनावों के लिए उम्मीदवारों को नामित और अंतिम रूप दिए जाने के बाद, उन्हें धमकी मिल रही है. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी के सदस्य बीजेपी के उम्मीदवारों से उम्मीदवारी वापस लेने का दबाव बना रहे हैं.
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