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PM मोदी ने नहीं की जाति आधारित हिंसा को बढ़ावा देने वाली बात, एडिटेड है वीडियो

वायरल वीडियो मार्च 2016 का है, जब पीएम मोदी ने डॉ. अंबेडकर और उनकी महानता पर बात की थी.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की स्पीच का एक एडिटेड वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि वो एक हिंदू राष्ट्र बनाने के नाम पर जाति आधारित हिंसा और बदला लेने के विचार को बढ़ावा दे रहे हैं.

वीडियो में मोदी को ये कहते सुना जा सकता है कि जिसे जाति-आधारित भेदभाव की वजह से अन्याय सहना पड़ा हो अगर उसे मौका मिल जाए तो वो हिसाब चुकता करेगा.

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कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस वीडियो को शेयर कर पीएम मोदी की आलोचना की है. और लिखा है कि 'देश को हिंदू राष्ट्र बनाने के नाम पर पीएम देश को ठग रहे हैं.'

हालांकि, हमने पाया कि वायरल वीडियो एक ओरिजिनल वीडियो का एडिटेड वर्जन है. जिसके एक छोटे से हिस्से को काटकर शेयर किया गया है. ओरिजिनल वीडियो में पीएम मोदी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के बारे में बात करते हुए दिख रहे हैं. वीडियो में वो कहते दिख रहे हैं कि कैसे अंबेडकर ने जातिवाद की वजह से तमाम परेशानियों का सामना किया, उसके बावजूद उनमें बदले की भावना या कड़वाहट नहीं थी.

डॉ. अंबेडकर मेमोरियल लेक्चर का पूरा वीडियो मार्च 2016 का है. तब पीएम ने ये लेक्चर दिल्ली में दिया था.

दावा

वायरल पोस्ट को इस कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, "ध्यान से सुनो हिन्दुराष्ट्र के नाम का चूरन दिया जा रहा है पूरा जातिवाद तो यहां भरा पड़ा है।"

ऐसे ही और पोस्ट के आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.

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पड़ताल में हमने क्या पाया

वीडियो वेरिफिकेशन टूल InVID का इस्तेमाल कर हमने वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटा. वीडियो में एक स्लग देखा जा सकता है जिसमें लिखा है पीएम मोदी का बाबा साहेब पर बयान. यहां से क्लू लेकर हमने 'Modi on Ambedkar'कीवर्ड के साथ कुछ कीफ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च किया.

इससे हमें DD News के ऑफिशियल यूट्यूब हैंडल पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला. 21 मार्च 2016 को अपलोड किए गए इस वीडियो का टाइटल था, ''पीएम नरेंद्र मोदी ने दिया डॉ. अंबेडकर मेमोरियल लेक्चर''. 6 साल पुराना ये वीडियो हाल का बताकर शेयर किया जा रहा है.

हमने पाया कि इस वीडियो का जो हिस्सा वायरल हो रहा है, उसे 35 मिनट 52 सेकेंड से 36 मिनट 35 सेकेंड के बीच सुना जा सकता है. वायरल वीडियो उसी जगह रुक जाता है जहां से वो अंबेडकर के बारे में बोलना शुरू करते हैं.

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ओरिजिनल वीडियो में मोदी को ये कहते हुए सुना जा सकता है, ''आप कल्पना कर सकते हो कि एक ऐसा महापुरुष जिसे इतना जुर्म सहना पड़ा हो, जिसका बचपन अन्याय, उपेक्षा और उत्पीड़न से बीता हो. जिसने अपनी मां को अपमानित होते देखा हो. मुझे बताइए ऐसे व्यक्ति को मौका मिल जाए, तो हिसाब चुकता करेगा कि नहीं करेगा? ...लेकिन बाबा साहब अंबेडकर के पास जब ताकत आई तो आप चाहे संविधान डिबेट देख लीजिए बाबा साहब की वाणी और शब्दों में कोई कटुता नजर नहीं आती. कहीं बदले का भाव नजर नहीं आता.''

वायरल पोस्ट सिर्फ 46 सेकेंड का है, जबकि यूट्यूब पर अपलोड किया गया वीडियो 48 मिनट का है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पीएम जातिवाद की बात करते हुए अंबेडकर की महानता का जिक्र कर रहे थे. न कि कोई जातिवादी भावना फैला रहे थे.

मतलब साफ है कि पीएम मोदी की स्पीच का एक छोटा सा हिस्सा इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि पीएम मोदी बदला लेने और जातिवाद की भावना को बढ़ावा दे रहे हैं.

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