बीजेपी नेता अरुण यादव ने उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के संभल जिले में स्थित एक आलीशान सरकारी प्राइमरी स्कूल की तस्वीरें 3 सितंबर, 2022 को ट्वीट कीं. ट्वीट करते हुए अरुण यादव ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों की पिछले दिनों विदेशी मीडिया पर हुई तारीफ पर तंज कसा. हालांकि, अरुण ने जो तस्वीरें शेयर की हैं, वो उत्तरप्रदेश में योगी सरकार बनने से पहले साल 2016 से ही इंटरनेट पर हैं.
इसके अलावा संभल के इतायला माफी में स्थित सरकारी स्कूल के इस विकास से जुड़े 2016 से लेकर 2021 तक मीडिया में छपी तमाम रिपोर्ट्स बताती हैं कि स्कूल का विकास यहां के प्रिंसिपल कपिल ने खुद के 16 लाख खर्च कर किया है.
यहां बता दें कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों को लेकर निशाना साधता ये पहला भ्रामक दावा नहीं है. बीते दिनों बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी दिल्ली के स्कूल की तस्वीर शेयर कर ये गलत दावा किया था कि तस्वीर प्राइवेट स्कूल की है.
अरुण यादव ने क्या दावा किया ?
अरुण यादव ने अपने ट्विटर हैंडल से 3 सितंबर 2022 को 4 तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा ये प्राईमरी स्कूल उत्तर प्रदेश के जिला संभल में है अगर ये दिल्ली की तस्वीर होती तो अंतराष्ट्रीय अखबारों में सुर्खियां बनाई जाती .
फोटो UP के सरकारी स्कूल की ही है, पर 6 साल पुरानी
वायरल फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें साल 2016 के एक ट्वीट में यही 4 तस्वीरें मिलीं.
10 अक्टूबर 2016 के ट्वीट में प्रभू एन सिंह नाम के ट्विटर हैंडल से हुए ट्वीट में भी तस्वीरों को उत्तरप्रदेश के संभल जिले के प्राइमरी स्कूल का बताया था. इस ट्वीट से इतना तो साफ हुआ कि ये तस्वीरें 10 अक्टूबर 2016 या उससे पहले की हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को पहली बार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. यानी तस्वीर योगी सरकार बनने से पहले की है.
प्रिंसिपल ने खुद के पैसों से संवारा ये स्कूल
OneIndia की 19 अक्टूबर 2016 की रिपोर्ट में भी हमें यही चार तस्वीरें मिलीं. रिपोर्ट में बताया गया है कि ये तस्वीरें उत्तरप्रदेश के संभल जिला स्थित इतायला माफी की हैं. जहां के प्रिंसिपल कपिल ने स्कूल को हाईटेक बनाने के लिए खुद अपनी जेब से पैसे खर्च किए. 2019 की YourStory की रिपोर्ट भी हमें मिली, जिसमें बताया गया था कि स्कूल के प्रिंसिपल कपिल मलिक 16 लाख रुपए अपनी जेब से स्कूल को हाईटेक बनाने के लिए लगा चुके हैं.
दैनिक जागरण की 4 सितंबर 2019 की रिपोर्ट से हमें पता चला कि कपिल मलिक को उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने राज्य अध्यापक पुरस्कार से भी सम्मानित किया.
मतलब साफ है कि बीजेपी नेता अरुण यादव का दावा 2 वजहों से भ्रामक है. पहली वजह ये कि जो तस्वीरें उन्होंने शेयर कीं वो उत्तरप्रदेश में बीजेपी सरकार बनने से पहले की हैं. दूसरी वजह ये कि अरुण यादव की शेयर की गई तस्वीरों में जो हाईटेक स्कूल दिख रहा है, उसे हाईटेक बनाने में वहां के प्रिंसिपल का योगदान ज्यादा है, सरकार का कम. क्योंकि प्रिंसिपल ने खुद की निजी रकम से स्कूल का विकास किया है.
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