ब्रिटेन की पहली अश्वेत महिला सांसद (एमपी) डायने एबॉट (Diane Abbott) ने कहा है कि उन्हें आम चुनाव में लेबर पार्टी की तरफ से उम्मीदवार के रूप में खड़े होने से "प्रतिबंधित" किया गया है. हालांकि, लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर ने आरोपों से इनकार किया है.
मामले को लेकर बीबीसी से डायने एबॉट ने कहा, "हालांकि मेरी व्हिप बहाल कर दिया गया है, लेकिन मुझे आगामी आम चुनाव में लेबर पार्टी की उम्मीदवार के रूप में खड़ा होने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
निलंबन क्यों हुआ?
इससे पहले, लंदन के हैकनी नॉर्थ और स्टोक न्यूंगटन निर्वाचन क्षेत्र की लंबे समय से सांसद रहीं डायने एबॉट को नस्लवाद पर उनकी टिप्पणियो की जांच के महीनों बाद मंगलवार, 28 मई को उनका निलंबन रद्द कर दिया गया.
एबॉट ने एक अखबार में लिखा था "आयरिश, यहूदी और ट्रैवलर लोग निस्संदेह पूर्वाग्रह का अनुभव करते हैं", जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह "नस्लवाद के समान है". इस टिप्पणी के बाद लेबर पार्टी ने अप्रैल 2023 में उनसे व्हिप वापस ले लिया था.
मामले की जांच को लेकर बीबीसी न्यूजनाइट ने बताया कि लेबर की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति (एनईसी) ने दिसंबर 2023 में एबॉट को पत्र लिखकर कहा था. हमने आपके टिप्पणियों की जांच पूरी कर लिया है.
दिसंबर में जांच पूरी होने के बारे में पूछे जाने पर, लेबर नेता कीर स्टारमर ने मंगलवार को मीडिया कर्मी से कहा, "पूरे फैक्ट जानने के लिए ये पूरी प्रक्रिया साफ तौर से लंबी थी. यह एक ऐसा मामला है जिसे अंत में राष्ट्रीय कार्यकारी समिति द्वारा हल किया जाना चाहिए, और वे इसे उचित समय पर करेंगे."
टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया कि एबॉट, जिन्होंने 1987 में पहली बार निर्वाचित होकर इतिहास बनाया था, उन्हें लेबर उम्मीदवार के रूप में खड़े होने की अनुमति नहीं दिया जाएगा. एबॉट का निलंबन खत्म होने के बाद उन्हें "सम्मान के साथ" राजनीति छोड़ने की अनुमति मिलेगी.
अभियान समूह मोमेंटम ने पहले कहा था कि एबॉट को केवल रोकने के लिए व्हिप बहाल करना "अपमानजनक" होगा. उन्होंने कहा, "एक हास्यास्पद और सामूहिक प्रक्रिया के बाद एबॉट का व्हिप बहाल कर दिया गया है. उनकी स्थानीय पार्टी ने उन्हें फिर से सबकी सहमति से चुना है. इस मामले का यहीं अंत होना चाहिए. यह उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों और ब्रिटेन की पहली अश्वेत महिला सांसद के तौर पर उनसे प्रेरित लोगों के लिए एक झटका होगा."
4 जुलाई के चुनाव से पहले शुक्रवार, 24 मई को जब संसद को स्थगित करने का ऐलान किया गया था, तब एबॉट एक स्वतंत्र सांसद थीं.
कौन हैं एबॉट
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, एबॉट का जन्म 1953 में लंदन में हुआ था. हैरो काउंटी ग्रामर स्कूल में पढ़ने के बाद, वे इतिहास में मास्टर डिग्री के लिए न्यून्हम कॉलेज कैम्ब्रिज चली गईं. बाद में, वह गृह कार्यालय सिविल सेवक के रूप में सरकार में शामिल हो गईं.
इसके बाद वे नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज का हिस्सा बन गईं, जहां उन्होंने वंचितों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी. बाद में उन्होंने एक स्वतंत्र पत्रकार के रूप में काम करना शुरू किया और टीवी-एएम और टेम्स टेलीविजन जैसे मीडिया आउटलेट्स के लिए रिपोर्टिंग की. उन्होंने जनसंपर्क सलाहकार के रूप में भी काम किया.
एबॉट ने लंदन स्कूल और ब्लैक चाइल्ड पहल की भी स्थापना की. 2008 में, एबॉट को स्पेक्टेटर/थ्रेडनीडल स्पीच ऑफ द ईयर अवार्ड और लिबर्टी से ह्यूमन राइट्स अवार्ड दोनों से सम्मानित किया गया.
उन्होंने लेबर पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी काम कर चुकी हैं, वह 1990 के दशक के दौरान ट्रेजरी चयन समिति में सक्रिय रूप से शामिल रहीं. वह जेरेमी कॉर्बिन की करीबी सहयोगी थीं, जिन्होंने 2015 से 2020 तक पार्टी का नेतृत्व किया.
ब्रिटेन के सबसे लंबे समय तक सेवारत अश्वेत संसद सदस्य (सांसद) के रूप में, एबट वैश्विक न्याय, मानवाधिकार और शांति के समर्थक रही हैं.
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