Israel Hamas War: इजरायल ने गाजा में अपना ग्राउंड ऑपरेशन का और विस्तार कर लिया है. जिसके बाद हजारों फिलिस्तीनी को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा. जिससे नए साल आने से पहले आखिरी दिन भी खूनी और विनाशकारी ही रहा. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कम से कम 165 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और 250 घायल हुए हैं.
फिलिस्तीनी कैदी सोसायटी ने एक बयान में कहा, इजरायली बलों ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में रात भर छापेमारी की और कम से कम 14 लोगों को हिरासत में लिया है.
दक्षिण अफ्रीका ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में इजरायल के खिलाफ युद्ध अपराध की कार्यवाही शुरू की है और कहा है कि गाजा में कार्रवाई "नरसंहार" के समान है.
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि गाजा पट्टी और मिस्र के बीच का सीमा क्षेत्र इजरायल के नियंत्रण में होना चाहिए क्योंकि उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि फिलिस्तीनी क्षेत्र और अन्य क्षेत्रीय मोर्चों पर युद्ध कई और महीनों तक चलेगा.
कई महीनों तक जारी रहेगा युद्ध-नेतन्याहू
जब इजराइल ने गाजा के सत्तारूढ़ हमास इस्लामवादियों के खिलाफ अपने युद्ध के 13वें सप्ताह में प्रवेश किया, तो कब्जे वाले वेस्ट बैंक में हिंसा बढ़ गया और लेबनान, सीरिया, इराक और यमन में ईरान समर्थित समूहों द्वारा हमले किए.
बेंजामिन नेतन्याहू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, जिसमें उन्होंने कहा...
"युद्ध अपने चरम पर है. हम सभी मोर्चों पर लड़ रहे हैं. जीत हासिल करने के लिए समय की आवश्यकता होगी, जैसा कि (आईडीएफ) चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा है, युद्ध कई महीनों तक जारी रहेगा."
गाजा में 7 अक्टूबर से अब तक इजरायली हमलों में कम से कम 21,672 लोग मारे गए हैं और 56, 165 घायल हुए हैं. इजरायल पर हमास के हमले में मरने वालों की संख्या 1,139 है.
इधर, इजरायली युद्ध कैबिनेट बंदी-कैदी आदान-प्रदान पर चर्चा करने के लिए बैठक करेगी क्योंकि नेतन्याहू ने युद्ध जारी रखने की कसम खाई है.
संयुक्त राष्ट्र मानवतावादी एजेंसी का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में गाजा के सुदूर दक्षिण में राफा में 100,000 से अधिक लोग पहुंचे हैं. पलायन से फिलिस्तीनी परिवारों पर और भी अधिक दबाव पड़ रहा है क्योंकि वे बढ़ते शरणार्थी शिविरों में तंबुओं में शरण ले रहे हैं.
"स्थायी युद्धविराम" की मांग तेज
गाजा के अंदर मौत और पीड़ा के पैमाने ने इजरायल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर दिया है, यहां तक कि ब्रिटेन जैसे सहयोगी भी अब "स्थायी युद्धविराम" की मांग कर रहे हैं.
अधिकारियों ने कहा कि 29 दिसंबर और 30 दिसंबर को नुसीरात और ब्यूरिज के शहरी शरणार्थी शिविरों पर हुए तीव्र हमलों में 24 घंटों में 165 लोग मारे गए.
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