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Israel Hamas War: साउथ गाजा में बढ़े इजरायली हमले, ठंड और भूख से जूझ रहे लोग

गाजा में युद्ध के बीच फंसी एक महिला ने बताया कि हम दिन में एक बार खाना खाते हैं. बच्चों के लिए दूध भी नहीं मिल रहा है.

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इजरायल-हमास के बीच युद्धविराम खत्म होने के बाद इजरायली सेना ने दक्षिण गाजा पर ग्राउंड ऑपरेशन (Israel Hamas War Updates) तेज कर दिया है. इजरायली वायु सेना (आईएएफ) ने 5 दिसंबर को गाजा पट्टी में 250 से अधिक हमले किए. हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में मध्य गाजा में 73 लोगों की जान चली गई और 123 लोग घायल हो गए.

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बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इजराइली आर्मी दक्षिणी गाजा के सबसे बड़े शहर खान यूनिस और रफा में लगातार हमले कर रही है. अधिकारियों का मानना ​​​​है कि हमास के कुछ लीडर्स खान यूनिस में छिपे हुए हैं. जबालिया और गाजा सिटी, जायटौन, शेजैया, अल-दराज और अल-तफा को इजरायली सेना घेरने में लगी है. उत्तरी गाजा में जबालिया रेफ्यूजी कैंप पर भी हमले किए गए.

इजरायल-हमास के बीच जारी युद्ध सबसे महत्वपूर्ण और मुश्किल स्टेज में पहुंच गया है क्योंकि इजरायली टैंक हमास के तीन सबसे महत्वपूर्ण गढ़ों (खान यूनिस, जबालिया और शुजाइया) के करीब पहुंच रहे हैं. कई लोगों का मानना ​​है कि हमास के पास वहां अधिक सैन्य ताकत है और वह इजरायली सैनिकों का यहां मुकाबला करने में अधिक सक्षम होगा.

इन क्षेत्रों में अभी भी सैकड़ों-हजारों नागरिक रह रहे हैं. उनपर खतरा मंडरा रहा है.

गाजा में 138 इजरायली बंधक होने का दावा

इधर, इजरायली सेना के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने पुष्टि की कि गाजा में अभी भी 138 बंधक हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रयास करने का आह्वान किया.

गाजा में बढ़ा मानवीय संकट

इधर, गाजा में मानवीय संकट और बढ़ गया है. अधिकांश बुनियादी वस्तुएं उपलब्ध नहीं है. इन क्षेत्रों में रहनेवाले लोगों को साफ पीने का पानी तक नहीं मिल रहा है.

बीबीसी की बातचीत में पांच बच्चों की मां नेवेन हसन ने जो बताया, वो फिलीस्तीन के दयनीय हालत को बयां कर रहे हैं.

ठंड, भूख से जूझ रहे लोग

नेवेन हसन ने बताया...

“हम दिन में एक बार खाना खाते हैं, उसमें भी एक ब्रेड का छोटा टुकड़ा और बींस होती हैं... मुझे अपने छह महीने के बच्चे के लिए दूध नहीं मिल रहा है, मेरी सभी बेटियां और मेरा बेटा बीमार हैं, वे गंदा पानी पीते हैं. यहां तक की इस ठंड के मौसम में हमारे पास कंबल भी नहीं है."

नेवेन ने बताया कि अधिकांश लोग टेंट में रह रहे हैं. ठंड बढ़ती जा रही है और अधिकांश लोगों के पास सर्दी के कपड़े नहीं है. ऐसे में उनका रहना मुश्किल हो रहा है.

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