आर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) की यूनाईटेड नेशंस में हुई वर्चुअल मीटिंग में मालदीव ने भारत के विरोध में किये जा रहे प्रचार पर लगाम लगाई.
न्यूज एजेंसी एएनाआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मीटिंग में पाकिस्तान ने भारत में बढ़ते इस्लामोफोबिया की बात उठाई. जिसके जवाब में मालदीव ने कहा, ''पूर्वाग्रह से ग्रसित लोगों के बयान और सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार को 1.3 अरब लोगों की भावनाओं का प्रतिनिधि नहीं माना जाना चाहिए.''
यूनाईटेड नेशंस में मालदीव की स्थायी प्रतिनिधि थिलमीजा हुसैन ने बिना शब्दों के घालमेल के कहा कि भारत में इस्लामोफोबिया की बात कहना तथ्यात्मक तौर पर गलत है.
मैं कहना चाहती हूं कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और बहुसांस्कृतिक समाज, जहां 20 करोड़ मुस्लिम रहते हैं, वहां इस्लामोफोबिया की बात करना तथ्यात्मक तौर पर गलत है. यह दक्षिण एशिया में धार्मिक सद्भाव के लिए सही नहीं होगा. भारत में सदियों से इस्लाम फल फूल रहा है. यह वहां दूसरा सबसे बड़ा धर्म है.-थिलमीजा हुसैन
हुसैन ने आगे कहा कि दुनिया में नफरत, पूर्वाग्रह, नस्लभेद बढ़ रहा है. राजनीतिक और वैचारिक फायदों के लिए हिंसा का सहारा लिया जा रहा है. मालदीव ऐसी किसी भी तरह की हिंसा का विरोध करता है, चाहे वह मुस्लिम घृणा से ऊपजी हो या विदेशी लोगों से घृणा कनरे वालों ने पैदा की हो.
अंत में हुसैन ने कहा कि मालदीव OIC में भारत को अकेला कर निशाना बनाने का समर्थन नहीं कर सकता.
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