यूक्रेन (Ukraine) में युद्ध के लिए रूस सीरियाई लोगों की भर्ती कर रहा है, जो शहरी क्षेत्रों में लड़ना जानते हैं. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक चार अमेरिकी अधिकारियों ने ये सूचना दी है. अभी तक ये नहीं मालूम चल पाया है कि सीरिया के कितने सैनिकों को भाड़े पर भर्ती किया गया है, लेकिन जर्नल के मुताबिक उनमें से कुछ पहले से ही रूस में हैं और पिछले कई दिनों से दोनों देशों के बीच चल रहे संघर्ष में प्रवेश करने की तैयारी कर रहे हैं.
यूएनआईएएन ने बताया कि रिपोर्ट्स के मुताबिक सीरिया के डीर एज-जोर में स्थित, रूस ने यूक्रेन की यात्रा के लिए देश के स्वयंसेवकों को 200 डॉलर से 300 डॉलर तक की पेशकश की.
वाशिंगटन में War Study Centre के एक रिसर्चर डब्ल्यूएसजे विशेषज्ञ जेनिफर कैफेरेला ने बताया कि सीरियाई आतंकवादियों ने शहरी क्षेत्रों में लड़ाई करते हुए करीब एक दशक बिताया है, जबकि रूसी सेना और अधिकतर सेनाओं के पास यह कौशल नहीं है.
बता दें कि यूक्रेन और रूस के बीच पिछले कई दिनों से संघर्ष जारी है. रूस द्वारा यूक्रेन के कई शहरों पर हमले किए जा चुके हैं और अब तक लाखों की संख्या आम नागरिक देश छोड़कर जा चुके हैं.
इस खतरनाक स्थिति के बीच भारतीय स्टूडेंट्स भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए भारत सरकार ‘ऑपरेशन गंगा’ अभियान के तहत काम कर रही है.
पीएम मोदी ने की वोलोदिमीर जेलेंस्की से बातचीत
सोमवार, 7 मार्च को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से फोन पर बात की. सरकारी सूत्रों के मुताबिक फोन कॉल लगभग 35 मिनट तक चली. दोनों नेताओं ने यूक्रेन में बनी मौजूदा स्थिति पर चर्चा की. इस दौरान पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी सीधी बातचीत की सराहना की.
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