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US में गर्भपात अब संवैधानिक अधिकार नहीं,Roe v Wade फैसला पलटा- इससे क्या बदलेगा?

US Abortion rights: क्या राष्ट्रपति बाइडेन का प्रशासन कानून लाकर गर्भपात के अधिकार को बचा सकता है?

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अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने दुनिया के इस सबसे शक्तिशाली देश में संवैधानिक अधिकारों पर बहस और विरोध-प्रदर्शन को तेज कर दिया है. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के बेंच ने शुक्रवार, 24 जून को दिए एक फैसले में गर्भपात के संवैधानिक अधिकार (US Abortion rights) को खत्म करते हुए ऐतिहासिक रो बनाम वेड (Roe v Wade overturned) मामले में दिए फैसले को पलट दिया. इसके बाद से अमेरिका में मानवाधिकार के लिए सजग जनता, एक्टिविस्ट और राजनेता सड़कों पर हैं और कहा जा रहा है कि यह निर्णय अमेरिकी जीवन को बदल देगा, देश की राजनीति को नयी दिशा देगा और अमेरिका के लगभग आधे राज्यों में गर्भपात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा देगा.

ऐसे में समझने की कोशिश करते हैं कि अमेरिका में गर्भपात के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया है? इससे किन अमेरिकी राज्यों में क्या बदल जाएगा? यह बदलाव कब से लागू होंगे? क्या राष्ट्रपति बाइडेन का प्रशासन इसपर कोई रोक लगा सकता है? क्या इस फैसले ने अमेरिका में गर्भनिरोध, LGBTQ अधिकार जैसे मुद्दों पर रूढ़िवादी फैसलों के लिए दरवाजे खोल दिए हैं?

US में गर्भपात अब संवैधानिक अधिकार नहीं,Roe v Wade फैसला पलटा- इससे क्या बदलेगा?

  1. 1. अमेरिका में गर्भपात के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया है?

    अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने डॉब्स बनाम जैक्सन महिला स्वास्थ्य संगठन नामक मामले में शुक्रवार को 6:3 की सहमति से फैसला सुनाया कि गर्भपात का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है. इस फैसले तक पहुंचने के लिए सुप्रीम कोर्ट की इस रूढ़िवादी-बहुमत वाली बेंच ने 1973 के ऐतिहासिक Roe v Wade मामले में दिए फैसले को उलट दिया, जिसमें अदालत ने कहा था कि गर्भपात का अधिकार एक संवैधानिक अधिकार है.

    Roe v Wade के फैसले को पलटने के साथ ही अमेरिकी राज्यों को फिर से गर्भपात पर कंपलीट बैन लगाने या गंभीर रूप से बैन लगाने की अनुमति मिल जाएगी. मानवाधिकार एक्टिविस्टों का मानना है कि यह अमेरिकी महिलाओं की स्वतंत्रता, आत्मनिर्णय और व्यक्तिगत स्वायत्तता की राष्ट्रीय समझ को हमेशा के लिए बदल देगा.

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  2. 2. Roe v Wade Overturned: किन अमेरिकी राज्यों में क्या बदल जाएगा?

    सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अमेरिका के कम से कम 26 ऐसा बैन तुरंत या जल्द-से-जल्द लगा सकते हैं. इससे अमेरिका के अधिकांश दक्षिणी और मध्य-पश्चिमी राज्यों में गर्भपात अवैध हो जाएगा.

    इन राज्यों में गर्भवती होने वाली महिलाओं और अन्य लोगों को गर्भपात कराने के लिए सैकड़ों मील की यात्रा करनी होगी (ऐसे दूसरे राज्य में पहुंचने के लिए जहां यह बैन न हो) या खुद दवा या दूसरे उपायों से घर पर गर्भपात करना होगा.

    हालांकि याद रहे कि अमेरिका में गर्भपात विरोधी कानून राष्ट्रीय स्तर पर नहीं हैं. अब अमेरिका के कुछ राज्यों में इसपर प्रतिबंध होगा तो कई राज्यों में इसको कानूनी सुरक्षा मिली होगी. ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ राज्यों में, जहां डेमोक्रेट की सरकार है, जैसे कि कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क ने गर्भपात पर निर्णय के लिए प्रजनन अधिकारों (reproductive rights) का विस्तार किया है.

    गर्भपात पर बैन अमेरिका को 1994 के बाद से गर्भपात के अधिकारों को वापस लेने वाले चार देशों में से एक बना देगा. अमेरिका ऐसा रूढ़िवादी फैसला लेने वाला अब तक का सबसे अमीर और सबसे प्रभावशाली देश है.

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  3. 3. Roe v Wade Overturned: यह बदलाव कब से लागू होंगे?

    अधिकांश राज्यों में गर्भपात पर बैन जल्दी लागू होगा. द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार Roe v Wade फैसले के पलटने से अमेरिका के तेरह राज्यों में गर्भपात पर प्रतिबंध "ट्रिगर" हो गया है, हालांकि यह कबसे लागू होगा, इसको लेकर कानून इन राज्यों में अलग-अलग हैं.

    उदाहरण के लिए अमेरिकी राज्य लुइसियाना (Louisiana) में एक ट्रिगर कानून है जिससे बैन तुरंत प्रभावी हो जायेगा जबकि इडाहो (Idaho) में एक ट्रिगर बैन है जो 30 दिनों में लागू होता है.

    कई ऐसे भी राज्य हैं जहां गर्भपात पर प्रतिबंध Roe v Wade फैसले से पहले (1973 से पहले) ही आ गया था, लेकिन पिछले पांच दशकों से यह लागू नहीं था. माना जा रहा है कि अब आगे अमेरिका के विभिन्न राज्य के संविधानों के तहत उन राज्यों के अदालतों में गर्भपात पर बैन को चुनौती दी जा सकती है. विशेषज्ञों का मानना ​​​​है कि जैसे-जैसे राज्य प्रतिबंध लागू करेंगे, आने वाले दिनों या हफ्तों तक विरोध-प्रदर्शन तेज रहेगा.

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  4. 4. क्या राष्ट्रपति बाइडेन का प्रशासन इसपर कोई रोक लगा सकता है?

    अमेरिकी राज्यों के गर्भपात विरोधी कानूनों के खिलाफ सबसे प्रभावी सुरक्षा अब एक केंद्रीय कानून को माना जा रहा है. द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार जनमत इस तरह के कानून का समर्थन करता है- एक सर्वे में 85% अमेरिकियों का मानना ​​​​है कि अधिकांश या सभी परिस्थितियों में गर्भपात का कानूनी अधिकार होना चाहिए.

    ऐसे किसी भी केंद्रीय कानून को संसद के अंदर हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (प्रतिनिधि सदन) के बहुमत के समर्थन, सीनेट (उच्च सदन) में बहुमत और राष्ट्रपति जो बाइडेन के हस्ताक्षर की जरूरत होगी.

    प्रतिनिधि सभा के तो अधिकांश सदस्य गर्भपात अधिकार कानून का समर्थन करते हैं, क्योंकि वहां राष्ट्रपति बाइडेन की पार्टी डेमोक्रेट का बहुमत है. लेकिन सीनेट में गर्भपात अधिकार कानूनों को रिपब्लिकन द्वारा रोका जाना लगभग निश्चित है. यहां दोनों पार्टियों के सांसदों की संख्या बराबर है लेकिन एक डेमोक्रेटिक सीनेटर (वेस्ट वर्जीनिया के Joe Manchin) ने गर्भपात के अधिकारों के खिलाफ पार्टी लाइन से हटकर बार-बार वोट किया है. यानी सीनेट में इस मुद्दे पर डेमोक्रेटिक पार्टी के पास केवल 49 वोट ही हैं.

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  5. 5. क्या इस फैसले से गर्भनिरोध, LGBTQ अधिकार जैसे मुद्दों को खतरा है?

    अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने अभी के लिए गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को समाप्त कर दिया है. लेकिन मानवाधिकार एक्टिविस्टों के लिए भविष्य का सवाल है कि क्या इस फैसले ने अमेरिका में गर्भनिरोध, LGBTQ अधिकार जैसे मुद्दों पर रूढ़िवादी फैसलों के लिए दरवाजे खोल दिए हैं?

    इन आशंकाओं को फैसला देने वाले जजों में से एक जस्टिस क्लेरेंस थॉमस ने प्रेरित किया है- उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि Roe v Wade के आधार पर स्थापित अधिकारों पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए.

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अमेरिका में गर्भपात के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया है?

अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने डॉब्स बनाम जैक्सन महिला स्वास्थ्य संगठन नामक मामले में शुक्रवार को 6:3 की सहमति से फैसला सुनाया कि गर्भपात का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है. इस फैसले तक पहुंचने के लिए सुप्रीम कोर्ट की इस रूढ़िवादी-बहुमत वाली बेंच ने 1973 के ऐतिहासिक Roe v Wade मामले में दिए फैसले को उलट दिया, जिसमें अदालत ने कहा था कि गर्भपात का अधिकार एक संवैधानिक अधिकार है.

Roe v Wade के फैसले को पलटने के साथ ही अमेरिकी राज्यों को फिर से गर्भपात पर कंपलीट बैन लगाने या गंभीर रूप से बैन लगाने की अनुमति मिल जाएगी. मानवाधिकार एक्टिविस्टों का मानना है कि यह अमेरिकी महिलाओं की स्वतंत्रता, आत्मनिर्णय और व्यक्तिगत स्वायत्तता की राष्ट्रीय समझ को हमेशा के लिए बदल देगा.

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Roe v Wade Overturned: किन अमेरिकी राज्यों में क्या बदल जाएगा?

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अमेरिका के कम से कम 26 ऐसा बैन तुरंत या जल्द-से-जल्द लगा सकते हैं. इससे अमेरिका के अधिकांश दक्षिणी और मध्य-पश्चिमी राज्यों में गर्भपात अवैध हो जाएगा.

इन राज्यों में गर्भवती होने वाली महिलाओं और अन्य लोगों को गर्भपात कराने के लिए सैकड़ों मील की यात्रा करनी होगी (ऐसे दूसरे राज्य में पहुंचने के लिए जहां यह बैन न हो) या खुद दवा या दूसरे उपायों से घर पर गर्भपात करना होगा.

हालांकि याद रहे कि अमेरिका में गर्भपात विरोधी कानून राष्ट्रीय स्तर पर नहीं हैं. अब अमेरिका के कुछ राज्यों में इसपर प्रतिबंध होगा तो कई राज्यों में इसको कानूनी सुरक्षा मिली होगी. ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ राज्यों में, जहां डेमोक्रेट की सरकार है, जैसे कि कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क ने गर्भपात पर निर्णय के लिए प्रजनन अधिकारों (reproductive rights) का विस्तार किया है.

गर्भपात पर बैन अमेरिका को 1994 के बाद से गर्भपात के अधिकारों को वापस लेने वाले चार देशों में से एक बना देगा. अमेरिका ऐसा रूढ़िवादी फैसला लेने वाला अब तक का सबसे अमीर और सबसे प्रभावशाली देश है.

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Roe v Wade Overturned: यह बदलाव कब से लागू होंगे?

अधिकांश राज्यों में गर्भपात पर बैन जल्दी लागू होगा. द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार Roe v Wade फैसले के पलटने से अमेरिका के तेरह राज्यों में गर्भपात पर प्रतिबंध "ट्रिगर" हो गया है, हालांकि यह कबसे लागू होगा, इसको लेकर कानून इन राज्यों में अलग-अलग हैं.

उदाहरण के लिए अमेरिकी राज्य लुइसियाना (Louisiana) में एक ट्रिगर कानून है जिससे बैन तुरंत प्रभावी हो जायेगा जबकि इडाहो (Idaho) में एक ट्रिगर बैन है जो 30 दिनों में लागू होता है.

कई ऐसे भी राज्य हैं जहां गर्भपात पर प्रतिबंध Roe v Wade फैसले से पहले (1973 से पहले) ही आ गया था, लेकिन पिछले पांच दशकों से यह लागू नहीं था. माना जा रहा है कि अब आगे अमेरिका के विभिन्न राज्य के संविधानों के तहत उन राज्यों के अदालतों में गर्भपात पर बैन को चुनौती दी जा सकती है. विशेषज्ञों का मानना ​​​​है कि जैसे-जैसे राज्य प्रतिबंध लागू करेंगे, आने वाले दिनों या हफ्तों तक विरोध-प्रदर्शन तेज रहेगा.

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अमेरिकी राज्यों के गर्भपात विरोधी कानूनों के खिलाफ सबसे प्रभावी सुरक्षा अब एक केंद्रीय कानून को माना जा रहा है. द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार जनमत इस तरह के कानून का समर्थन करता है- एक सर्वे में 85% अमेरिकियों का मानना ​​​​है कि अधिकांश या सभी परिस्थितियों में गर्भपात का कानूनी अधिकार होना चाहिए.

ऐसे किसी भी केंद्रीय कानून को संसद के अंदर हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (प्रतिनिधि सदन) के बहुमत के समर्थन, सीनेट (उच्च सदन) में बहुमत और राष्ट्रपति जो बाइडेन के हस्ताक्षर की जरूरत होगी.

प्रतिनिधि सभा के तो अधिकांश सदस्य गर्भपात अधिकार कानून का समर्थन करते हैं, क्योंकि वहां राष्ट्रपति बाइडेन की पार्टी डेमोक्रेट का बहुमत है. लेकिन सीनेट में गर्भपात अधिकार कानूनों को रिपब्लिकन द्वारा रोका जाना लगभग निश्चित है. यहां दोनों पार्टियों के सांसदों की संख्या बराबर है लेकिन एक डेमोक्रेटिक सीनेटर (वेस्ट वर्जीनिया के Joe Manchin) ने गर्भपात के अधिकारों के खिलाफ पार्टी लाइन से हटकर बार-बार वोट किया है. यानी सीनेट में इस मुद्दे पर डेमोक्रेटिक पार्टी के पास केवल 49 वोट ही हैं.

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क्या इस फैसले से गर्भनिरोध, LGBTQ अधिकार जैसे मुद्दों को खतरा है?

अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने अभी के लिए गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को समाप्त कर दिया है. लेकिन मानवाधिकार एक्टिविस्टों के लिए भविष्य का सवाल है कि क्या इस फैसले ने अमेरिका में गर्भनिरोध, LGBTQ अधिकार जैसे मुद्दों पर रूढ़िवादी फैसलों के लिए दरवाजे खोल दिए हैं?

इन आशंकाओं को फैसला देने वाले जजों में से एक जस्टिस क्लेरेंस थॉमस ने प्रेरित किया है- उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि Roe v Wade के आधार पर स्थापित अधिकारों पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए.

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