कॉमनवेल्थ गेम्स में हरियाणा के पहलवानों से पूरे देश को उम्मीद थी. इस उम्मीद को बरकरार रखते हुए उन्होंने देश को निराश भी नहीं किया. शुक्रवार को भारत ने पहलवानी में 6 मेडल जीते. धुरंधर पहलवान अंशु मलिक (Anshu Malik) से भी पूरा देश उम्मीद लगाये बैठा था, हाालांकि वो गोल्ड जीतने से तो चूक गईं लेकिन 'चांदी' जरूर ले आईं.
बता दें कि अंशु मलिक का जन्म हरियाणा के जींद जिले के छोटे से गांव निडानी में हुआ है. गांव से ही अंशु ने दंगल की शुरुआत की थी.
अंशु मालिक का कॉमनवेल्थ तक का सफर
अंशु मलिक ने 3 साल पहले जूनियर वर्ग में होते हुए भी सीनियर नेशनल खेला और गोल्ड मेडल जीता था. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वो एक के बाद एक जीत दर्ज करते हुए 57 किलो भार वर्ग में देश के धुरंधर पहलवानों में शामिल हो गईं. महज 19 साल की उम्र में अंशु ने टोक्यो ओलंपिक के लिए कॉलिफाई किया था. हलांकि टोक्यो में वो मेडल जीतने से चूक गई थीं.
दादी से मिली खेलने की प्रेरणा
अंशु मलिक की मां मंजू मलिक ने बताया कि अंशु को खेल की प्रेरणा उनकी दादी से मिली है. दादी से प्रेरणा मिलने के बाद अंशु ने 2013 से खेल शुरू कर दिया था. इसके बाद उन्होंने लगातार मेडल हासिल किए. परिवार के सभी लोग अंशु को बेटे की तरह ही ध्यान रखते हैं और खूब लाड़ करते हैं.
पहलवानी विरासत में मिली- अंशु गांव में ही रहती हैं और चार घंटे सुबह शाम को प्रेक्टिस करती हैं. इस बार सभी को उम्मीद थी कि अंशु कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल लेकर आएगी और देश का नाम रौशन करेंगी. एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड और विश्व कप में सिल्वर जीतने वाली अंशु मलिक को पहलवानी विरासत में मिली है. उनके ताऊ नेशनल लेवल के पहलवान थे और पिता भी पहलवान हैं. उन्होंने ही अंशु मलिक को शुरुआती दांव-पेंच सिखाए थे.
अंशु मालिक के पिता का बयान
अंशु मलिक के पिता धर्मवीर मलिक ने बताया कि उनकी बेटी ग्राउंड पोजीशन में थोड़ी कमजोर है, जिस पर अंशु ने काफी मेहनत भी की है. अंशु ने पहलवानी की शुरुआत 2016 में सीबीएसएम स्पोर्ट्स कॉलेज से की थी. वैसे 2016 भी अंशु के लिए खासा अच्छा साबित हुआ, लेकिन नाम अंशु को 2017 में मिला, जब वो वर्ल्ड चैंपियन बनी थी. 21वर्षीय अंशु मलिक ने इससे पहले भी कई पदक जीत चुकी हैं.
अंशु मलिक के पिता धर्मवीर मलिक भी अंतरराष्ट्रीय पहलवान रह चुके हैं. उनके चाचा पवन मलिक तो दक्षिण एशियाई खेलों के गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. अंशु का छोटा भाई शुभम भी पहलवानी करता है. इस तरह इनका पूरा परिवार पहलवानी से जुड़ा हुआ है. अंशु मलिक ने 13 साल की आयु में ही पहलवानी शुरू कर दी थी. उन्होंने जगदीश श्योराण से कुश्ती सीखी.
अंशु मालिक ने पहलवानी में ये मेडल जीते
अंशु मलिक ने साल 2016 में एशियन सब जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल
2016 में ही विश्व कैडिट चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल
2017 में विश्व खेल स्कूल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल
2017 में एशिया कैडिट कुश्ती चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल
2017 में ही एथेंस में विश्व कैडिट चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल
2018 में एशियन सब जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल
विश्व जूनियन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल
विश्व सब जूनियर चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल और 2019 में एशियन सब जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था.
इनपुट- नरेश मजोका
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