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ENG vs IND:कोहली की फ्लॉप फिल्म,Jonny Bairstow को जीवनदान..भारत की हार के 5 कारण

Joe Root और Jonny Bairstow की साझेदारी से जीता इंग्लैंड, दोनों के बीच 365 गेंदों में 254 रनों की नाबाद साझेदारी हुई

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इंग्लैंड ने एजबेस्टन टेस्ट (ENG Vs IND 5th Test) में ऐतिहासिक जीत हासिल कर भारत की उम्मीदों को करारा झटका दिया है. री-शेड्यूल किए गए टेस्ट सीरीज के इस आखिरी मैच में इंग्लैंड की जीत का प्लॉट जो रुट और जॉनी बेयरस्टो (Joe Root and Jonny Bairstow) की जोड़ी ने रचा और उसे आखिर तक क्रीज पर टिक कर अंजाम भी दिया. दोनों के बीच 365 गेंदों में 254 रनों की नाबाद साझेदारी हुई और भारत को इस सीरीज में 2-2 के ड्रा से संतोष करना पड़ा है.

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भारत के रेगुलर कप्तान रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में कप्तानी की कमान तेज गेंदबाज बुमराह के हाथों में थी. भारत की मैच के 4 पारियों में से 3 पारी में पकड़ मजबूत थी लेकिन आखिर पारी में भारतीय गेंदबाजी के सामने इंग्लैंड के बल्लेबाज, खासकर जो रुट और जॉनी बेयरस्टो बीस साबित हुए.

जो रुट और जॉनी बेयरस्टो की दीवार, विराट का खामोश बल्ला, अहम मौकों पर बहुमूल्य कैचों का छूटना... आखिर भारत की इस हार की क्या वजहें रहीं? जानने की कोशिश करते हैं.

जो रुट और जॉनी बेयरस्टो की साझेदारी- यह दीवार टूटती क्यों नहीं?

पहली पारी में ऋषभ पंत और जडेजा की शानदार साझेदारी, जिमी एंडरसन का पंजा, बुमराह का ब्रॉड के एक ओवर में 35 रन जड़ना-- मैच के इन सभी नजारों पर भारी पड़ी आखिरी पारी में इंग्लैंड की तरफ से जो रुट और जॉनी बेयरस्टो की साझेदारी.

इसके पहले भारत का पलड़ा भारी लग रहा था. चौथी पारी में भारत ने इंग्लैंड के सामने 378 रन का लक्ष्य रखा था. इंग्लैंड खेलने उतरी और भारत को पहला विकेट लंबे इन्तजार (107 रन पर) के बाद ही मिला लेकिन साथ में जल्दी-जल्दी 2 विकेट और मिले.

109 पर इंग्लैंड के 3 विकेट गिर चुके थे और भारत मजबूत स्थिति में था. लेकिन इसके बाद मैच का मिजाज बदल गया. जो रुट और जॉनी बेयरस्टो के बीच 365 गेंदों में 254 रनों की नाबाद साझेदारी के कारण भारत को हार का सामना करना पड़ा. इस मैच में इंग्लैंड ने अपने अबतक के किसी टेस्ट मैच में सबसे बड़े लक्ष्य (378) का सफलतापूर्वक पीछा किया है.

विराट कोहली का खराब फॉर्म

भारत के पूर्व कप्तान अपने करियर के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं, जहां न उनकी फॉर्म और न ही उनकी किस्मत ही उनका साथ दे रही है.

भारत और इंग्लैंड के बीच पांचवें टेस्ट की पहली पारी में विराट 19 गेंद में केवल 11 रन बना कर चलते बने जबकि दूसरी पारी में बेन स्टोक्स ने विराट कोहली को 40 गेंदों में 20 रन पर आउट कर दिया. रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में भारतीय लाइनअप को विराट कोहली की सबसे अधिक जरूरत थी. पहली पारी में तो पंत और जडेजा ने भारतीय पारी को संभाल लिया लेकिन दूसरी पारी में पूरी भारतीय लाइनअप कमजोर साबित हुई.

आखिरी बार विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय शतक 2019 के नवंबर में बनाया था यानी दो साल से अधिक समय पहले. ऐसे में भारत को सलामी बल्लेबाजों के पवेलियन लौटने के बाद जिस स्थिरता की जरूरत होती है, वो नहीं मिल पा रहा है.

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बेयरस्टो का कैच छोड़ना

2022 में खेले गए टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बेयरस्टो ने 17 पारियों में हजार से अधिक रन बनाए हैं. बेयरस्टो ने अपने टेस्ट करियर के पहले साढ़े नौ साल में सिर्फ छह टेस्ट शतक बनाए थे, लेकिन वो इस साल 7 शतक जड़ चुके हैं. ऐसा प्लेयर जब क्रीज पर हो तो आप उसका कैच नहीं छोड़ सकते. हनुमा बिहारी ने इंग्लैंड की दूसरी पारी में ऐसा ही किया.

तब इंग्लैंड का स्कोर 153/3 था जबकि बेयरस्टो के 14 के निजी स्कोर पर खेल रहे थे. मोहम्मद सिराज की गेंद पर बेयरस्टो ने सेकंड स्लिप में खड़े हनुमा बिहारी को कैच का मौका दिया लेकिन उन्होंने उससे जाने दिया और कैच ड्रॉप कर दिया.

भारत को यह कैच ड्रॉप महंगा पड़ा और बेयरस्टो 145 बॉल में 114 रन बनाकर आखिर तक डटे रहे और भारत को हार का सामना करना पड़ा.

टॉप ऑर्डर से भारत को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी

रोहित शर्मा कोरोना संक्रमण के कारण मौजूद नहीं थे. इंग्लैंड की मुश्किल पिच पर भारतीय बल्लेबाजी क्रम को अपने टॉप ऑर्डर से स्थिरता की उम्मीद थी लेकिन दोनों ही परियों में ऐसा नहीं हो पाया. पहली पारी में 27 रन जबकि दूसरी पारी में केवल 4 रन पर भारत ने अपना पहला विकेट खो दिया. अगर पंत और जडेजा को छोड़ दें तो मिडिल ऑर्डर की हालत भी कमोबेश यही थी.

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शुभमण गिल, हनुमा बिहारी, विराट कोहली और श्रेयस अय्यर- सबका बल्ला खामोश रहा. पुजारा का बल्ला भी पहली पारी में शांत रहा था. शार्दुल ठाकुर से भी गेंद के साथ-साथ निचले क्रम में रन बनाने की उम्मीद थी लेकिन दोनों परियों ( 1 रन और 4 रन) में उन्होंने निराश किया.

दूसरी पारी में गेंदबाजी बेदम, पुरानी गेंद से विकेट नहीं मिली

टेस्ट मैच की दूसरी पारी में अगर टीम 378 रन के लक्ष्य को डिफेंड नहीं कर पाए तो मतलब साफ है कि बॉलिंग यूनिट में कहीं न कहीं परेशानी तो है. दूसरी पारी में भारतीय गेंदबाजों को पहला विकेट झटकने के लिए 21 ओवर से अधिक का समय लग गया, वो भी तब जब गेंद बदली गयी थी.

इस नई गेंद से भारतीय गेंदबाज बैक-टू-बैक 2 और विकेट लेने में तो सफल रहें लेकिन जब जो रुट और जॉनी बेयरस्टो की जोड़ी ने बिना दबाव में आये फ्रंट फुट पर खेलना शुरू किया तो भारत की झोली से जीत दूर होती गयी.

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