भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने बुधवार, 29 दिसंबर को सुपरस्पोर्ट पार्क में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चल रहे पहले टेस्ट में अपनी दोनों पारियों में बिना कोई शतक लगाए साल 2021 का अंत किया.ये उनके लिए लगातार दूसरा साल था जब उनके बल्ले से कोई शतक नहीं निकला. 33 वर्षीय कोहली पहली पारी में 35 और दूसरी पारी में 18 रन बनाकर मार्को जेनसेन की गेंद पर आउट हो गए.
इसके साथ, कोहली ने 11 टेस्ट में 28.21 के मामूली औसत से 536 रन बनाकर 2021 का अंत किया. उन्होंने 2021 में टेस्ट क्रिकेट में सिर्फ चार अर्धशतक ही बनाए हैं.
भारतीय कप्तान ने आखिरी बार 23 नवंबर 2019 को एक अंतर्राष्ट्रीय शतक लगाया था, जहां उन्होंने ईडन गार्डन्स में बांग्लादेश के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट में 136 रन की मैच जिताऊ पारी खेली थी. स्टार बल्लेबाज ने लंबे समय से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में शतक नहीं लगाया है, क्योंकि 2020 में कोविड-19 के कारण ज्यादा मैच न होने से भी वह यह कारनामा करने से चूक गए थे.
विशेष रूप से 2021 कोहली के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष रहा है, क्योंकि उन्होंने भारत की टी20 की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया, जिसके बाद उन्हें वनडे की कप्तानी से भी हटा दिया गया था.
आउट होने के तरीके पर भी सवाल
कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli Dismissal) को भले ही रन मशीन कहा जाता हो लेकिन ये रन मशीन के लिए बीते कुछ समय से रन न निकलना तो एक समस्या है ही साथ ही समस्या उस तरीके को लेकर भी है जिस तरह से विराट विदेशी धरती पर लगातार आउट हो रहे हैं.
विराट कोहली विदेशों में खेली अपनी पिछली 10 टेस्ट पारियों में हर बार विकेट के पीछे आउट हुए है. वो हर बार या तो कीपर के हाथों या स्लिप में कैच आउट हुए हैं.
आईएएनएस इनपुट्स के साथ
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