भारत के टेस्ट कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli Dismissal) को भले ही रन मशीन कहा जाता हो लेकिन ये रन मशीन के लिए बीते कुछ समय से रन न निकलना तो एक समस्या है ही साथ ही समस्या उस तरीके को लेकर भी है जिस तरह से विराट विदेशी धरती पर लगातार आउट हो रहे हैं.
विराट कोहली विदेशों में खेली अपनी पिछली नौ टेस्ट पारियों में हर बार विकेट के पीछे आउट हुए है. वो हर बार या तो कीपर के हाथों या स्लिप में कैच आउट हुए हैं.
स्विंग खेलने में हो रही विराट को दिक्कत
लगातार यदि कोई बैट्समैन विकेट के पीछे आउट हो रहा हो तो यही समझा जाता है कि उसे तेज गेंदबाजी और स्विंग खेलने में खासी दिक्कत हो रही है. विराट कोहली जिस तरह से बार-बार-बार आउट हो रहे हैं उसे देखकर 2014 में भरतीय टीम के इंग्लैंड दौरे की याद आती है जब जेम्स एंडरसन विराट के पीछे ही पड़ गए थे. विराट आते और अपना कैच विकेट के पीछे थमा कर चले जाते.
क्रिकविज के डेटा के अनुसार 2014 तक विराट कोहली का ऑफस्टंप के बाहर की गेंदों पर बैटिंग औसत सिर्फ 28 रन का था. इसके बाद जब एंडरसन इसे खुलकर सबके सामने ले आए तो विराट ने इसपर काम किया और अगले चार सालों मे (2015 से 2019 तक) उन्होंने इसी एरिया में 92 का औसत निकाला. लेकिन अब फिर से विराट कोहली की वही पुरानी कमजौरी सामने आ रही है.
अब जब विराट कोहली के बल्ले से पिछले 2 सालों से कोई शतकीय पारी नहीं निकली है और उनपर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है, तो विराट की तेज गेंदबाजों के सामने ये कमजोरी उनके लिए आगे और मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं.
आइये देखते हैं कि विराट कोहली पिछले कुछ समय में विदेशों में किन गेंदबाजों का शिकार हुए हैं.
देश- मैदान- गेंदबाज
दक्षिण अफ्रीका - सेंचुरियन - लुंगी अंगिडी
इंग्लैंड - ओवल - मोइन अली
इंग्लैंड - ओवल - ऑलि रॉबिन्सन
इंग्लैंड - लीड्स - ऑलि रॉबिन्सन
इंग्लैंड - लीड्स - जेम्स एंडरसन
इंग्लैंड - लार्ड्स - सैम करण
इंग्लैंड - लॉर्ड्स - ऑलि रॉबिन्सन
इंग्लैंड - नॉटिंघम - जेम्स एंडरसन
WTC फाइनल - काइल जेमिसन
इन नौ मौकों में से 8 में विराट कोहली तेज गेंदबाजों के खिलाफ आउट हुए हैं. सिर्फ एक बार स्पिन गेंदबाज मोइन अली उनका विकेट ले पाए. विराट न तो आक्रामक खेलकर पा रहे हैं और न ही तेज गेंदबाजों के सामने अपना विकेट बचा पा रहे हैं.
साउथ अफ्रीका में बढ़ सकती हैं मुश्किलें
विराट कोहली की टीम अभी साउथ अफ्रीका के दौरे पर है. इस दौरे पर भारतीय टीम को 3 टेस्ट और 3 वनडे खेलने हैं. विराट पहले टेस्ट की पहली पारी में 35 रन बनकर स्लिप में अपना कैच थमा बैठे. विराट की ये कमजोरी अगर ऐसे ही कायम रही तो इस दौरे पर भारतीय टीम को मुश्किल हो सकती है, क्योकि साउथ अफ्रीका के पास अच्छे तेज गेंदबाज हैं जो इसका फायदा उठा सकते हैं.
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