विराट कोहली (Virat Kohli) ने दक्षिण अफ्रीका दौरे पर रवाना होने से पहले प्रेस कांफ्रेंस में अपनी कप्तानी पर चल रहे विवादों पर बात की. इसमें विराट कोहली ने कहा कि "मुझे अफ्रीका दौरे के लिए टीम के ऐलान से सिर्फ 1.5 घंटा पहले फोन करके बताया गया था कि मैं ODI कप्तान नहीं रहूँगा."
विराट ने ये भी बताया कि जब उन्होंने T20 की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया तो सबसे पहले BCCI को जानकारी दी लेकिन बोर्ड में किसी ने उन्हें कप्तानी छोड़ने से नहीं रोका और इसे पॉजिटिव लिया.
कोहली और बीसीसीआई की तरफ से यही कहा जा रहा है कि सब चंगा सी, लेकिन ऐसा लगता नहीं है. जरा क्रोनोलॉजी समझिए
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली पहले ही कई बार बोल चुके हैं कि मैंने खुद विराट कोहली से अपील की थी कि वे T20 कप्तानी से ना हटें. अब विराट के खुलासों के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं..
जितना बड़ा कप्तान उतना बड़ा अपमान, 1.5 घंटे में कप्तानी से हटाया
विराट कोहली ने बुधवार, 15 दिसंबर को प्रेस कांफ्रेस में खुलासा किया कि उन्हें दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए टीम के ऐलान से सिर्फ 1.5 घंटा पहले फोन करके बताया गया था कि वो ODI कप्तान नहीं रहेंगे. ऐसे में ये बीसीसीआई और सौरव गांगूली पर बड़ा सवाल है कि विराट जैसे बड़े कप्तान को सिर्फ 1.5 घंटे में कैसे हटाया जा सकता है. कप्तान के तौर पर विराट के आंकड़े उनकी गवाही देते हैं.
विराट ने कुल 95 ODI में भारत की कप्तानी की जिसमें भारत ने 65 मैच जीते. एकदिवसी कप्तान के रूप में, कोहली ने 91 पारियों में 72.65 की शानदार औसत से 5,449 रन बनाए. उन्होंने 21 शतक लगाए हैं और इस मामले में वो दुनिया में दूसरे कप्तान हैं.
गांगूली-कोहली के बयान में विरोधाभास
सौरभ गांगूली कई बार कह चुके हैं कि वो 2 कप्तानों की थ्योरी नहीं चाहते और विराट कोहली को T20 की कप्तानी छोड़ने से रोकने के लिए मैनें खुद उनसे अपील की थी. गांगूली ने ये भी कहा था कि हम कप्तानी में किसी भी तरह के बदलाव के पक्ष में नहीं थे. लेकिन विराट कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्हें किसी ने कप्तानी छोड़ने से नहीं रोका.
मैंने T20 की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया तो सबसे पहले BCCI को जानकारी दी लेकिन बोर्ड में किसी ने कप्तानी छोड़ने से नहीं रोका और इसे पॉजिटिव तरीके से लिया और फैसले में मेरा साथ दिया.विराट कोहली, कप्तान, भारतीय टेस्ट टीम
साफ है कि यहां दोनों के बयानों में अंतर है. विराट कोहली के बयान को सही माना जाए तो जैसे दिग्गज कप्तान को सिर्फ 1.5 घंटे के अंदर कप्तानी से हटा देना और T20 कप्तानी छोड़ने से न रोकना फैंस की नजरों में उनका अपमान ही है.
जब ODI कप्तान बने रहना चाहते थे तो सब ठीक कैसे ?
विराट कोहली ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि जब उन्हें ODI कप्तानी से हटाने के लिए कहा गया तो उन्हें हटने में कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन T20 कप्तानी छोड़ते समय विराट के बयान को देखें तो इसमें भी अंतर है. विराट ने तब कहा था कि
मैं टी 20 की कप्तानी छोड़ने का फैसला इसलिए किया है ताकि मैं ODI और टेस्ट में टीम को सही से लीड कर सकूं.विराट कोहली, कप्तान, भारतीय टेस्ट टीम
BCCI का अलग से वीडीयो जारी करना 'डैमेज कंट्रोल' की कोशिश
विराट के खुलासों से BCCI पर कई तरह के सवाल उठने लगे. स्थिति को संभालने की कोशिश के लिए बोर्ड ने विराट के पीसी में से एक क्लिप निकालकर अलग से ट्विटर पर शेयर किया जिसमें वो रोहित और राहुल द्रविड़ का समर्थन करने की बात कह रहे हैं. उन्होंने कहा
मेरी जिम्मेदारी हमेशा से टीम को सही दिशा में ले जाने की रही है और ये जिम्मेदारी कप्तान बनने से पहले से है और आगे भी रहेगी. रोहित शर्मा एक कप्तान बनने लायक हैं. राहुल द्रविड़ एक बैलेंस्ड कोच हैं और शानदार तरीके से मैनेज करने का काम करते हैं. दोनों को मेरा पूरा समर्थन है."
किस दिशा में जा रहा भारतीय क्रिकेट
भारतीय क्रिकेट में मैदान के बाहर जो घमासान मचा है उसका असर मैदान पर भी दिख सकता है. कप्तान पर पूरे टीम की जिम्मेदारी होती है लेकिन कप्तानी के मामले पर ही विवाद होता रहेगा तो भारतीय क्रिकेत अधर में लटक सकता है.
26 दिसंबर से भारत को साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज खेलनी है. विदेशी धरती पर भारत का रिकॉर्ड पहले ही अच्छा नहीं है. ऐसे में मैदान के बाहर प्रबंधन को लेकर जारी विवाद का असर टीम के प्रदर्शन पर पड़ सकता है.
इन सब के बीच कोई सबसे ज्यादा निराश होगा तो वो क्रिकेट फैंस हैं. सबसे बड़े क्रिकेटिंग नेशन में क्रिकेट को लेकर ही यदि विवाद हो रहा हो तो इससे फैंस का दिल जरूर टूटेगा.
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