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बिहार: 'INDIA' का वोट शेयर बढ़ सकता है- BJP को 32 सीट, सी वोटर सर्वे में पार्टियों की स्थिति

Bihar Loksabha Election : सर्वे के मुताबिक, बिहार में NDA का वोट शेयर 53 प्रतिशत से 52 प्रतिशत पर पहुंच सकता है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद और रैलियों में 'अबकी बार 400 पार' का नारा दिया है. बीजेपी की नेतृत्व वाली नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) 400 पार के आंकड़े को लेकर काफी कॉन्फिडेंट दिख रही है. इस बीच सी वोटर सर्वे ने कुछ आंकड़े जारी किए हैं, जिसमें बताया गया है कि अगर अभी चुनाव हो तो किस पार्टी को कितनी सीट मिलेगी? बिहार में बीजेपी आरजेडी और जेडीयू को कितनी सीटें मिलेंगी?

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बिहार में किसे कितनी सीटें?

सी वोटर-इंडिया टुडे सर्वे के मुताबिक, NDA आगामी लोक सभा चुनाव में 40 में 32 सीटों पर जीत दर्ज करेगी. वहीं आरजेडी और कांग्रेस का INDIA गुट को 8 सीट मिल सकती है.

2019 के लोकसभा चुनाव में जब बीजेपी और जेडीयू ने मिलकर चुनाव लड़ा था. तब उन्हें 39 सीटों पर जीत हासिल हुई. बीजेपी ने 17, जेडीयू ने 16 और लोक जनशक्ति पार्टी ने 6 सीटें जीती थीं, जिससे विपक्ष को करारा झटका लगा. विपक्षी गठबंधन को केवल 1 सीट मिली. विपक्षी गठबंधन में RJD, कांग्रेस और वामपंथी दल शामिल थें, ये सीट कांग्रेस ने जीती जबकि RJD को राज्य की कोई सीट नहीं मिली थी.

क्या है बिहार में वोट शेयर?

सर्वे के मुताबिक, NDA का वोट शेयर 53 प्रतिशत से 52 प्रतिशत पर पहुंच सकता है. दूसरी ओर, INDIA गुट का वोट 31 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है, जो 2019 के चुनावों से सात प्रतिशत ज्यादा है.

इंडिया टुडे-सी वोटर के इस सर्वे में देश की सभी लोकसभा सीटों पर 35,801 लोगों को शामिल किया है. सर्वे 15 दिसंबर, 2023 और 28 जनवरी,2024 के बीच किया गया था.

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छोटे दलों के लिए क्या बीजेपी-जेडीयू कम सीटों पर लड़ेंगीं चुनाव

पिछले चुनाव के बाद से बिहार के गठबंधन में कई उथल-पुथल देखने को मिली, जिसमें नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) सबसे ज्यादा चर्चा में रही. NDA ने जाति समूहों के वोट बैंक को हासिल करने के लिए कई छोटे दलों के साथ गठबंधन तो कर लिया है लेकिन अब सीट बंटवारे पर सबकी सहमति पाना NDA के लिए एक मुश्किल चुनौती बन गया है.

हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि 2019 में NDA के गठबंधन वाली लोक जनशक्ति पार्टी अब टूट कर दो गुट बन गई है- एक का नेतृत्व चिराग पासवान कर रहे हैं और दूसरे का नेतृत्व उनके चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस कर रहे हैं.

इसके अलावा, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर)और उपेंद्र कुशवाह की राष्ट्रीय लोक जनता दल भी अब बीजेपी के साथ हैं. तो अब ये देखना दिलचस्प होगा कि NDA इन सभी पार्टियों को सीटों पर कैसे एक साथ समायोजित करती है. क्या अपने सहयोगियों को खुश करने के लिए बीजेपी और जेडीयू कम सीटों पर चुनाव लड़ना चुनेंगीं ?

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