ADVERTISEMENTREMOVE AD
अयोध्या में राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने धर्मसभा से नाराजगी जताई है. उन्होंने 25 नवंबर के आयोजन में हिस्सा नहीं लिया था.
उनका मानना है कि धर्मसभा के आयोजन की जरूरत नहीं थी.
विश्व हिंदू परिषद को बीजेपी से कहना चाहिए था कि अगर पीएम ने 2019 से पहले राम मंदिर के लिए कुछ नहीं किया तो हम आपके विरोध में खड़े होंगे. आपके खिलाफ प्रचार होगा. धर्मसभा से कोई फायदा नहीं हुआ है. विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, आरएसएस और बीजपी ये चारों एक ही हैं. इनमें कोई अंतर नहीं है. कोई भी बोले समझो बीजपी ही बोल रही है. जब बीजेपी ये कर सकती है तो इसके लिए धर्मसभा आयोजन का औचित्य नहीं है. अगर विश्व हिंदू परिषद सही में चाहती है कि मंदिर बने तो सीधे प्रधानमंत्री के ऊपर दबाव डालना चाहिए. अध्यादेश से ही मंदिर बन सकता है और किसी से नहीं.आचार्य सत्येंद्र दास
25 नवंबर को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, विभिन्न अखाड़ों से जुड़े साधु-संत और तमाम हिंदूवादी संगठन इकट्ठा हुए थे.विश्व हिंदू परिषद ने धर्म संसद के अपने आयोजन में केंद्र सरकार से अपील की है कि राम मंदिर बनाने के लिए सरकार अध्यादेश लाए.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)
0
क्विंट हिंदी पर लेटेस्ट न्यूज और ब्रेकिंग न्यूज़ पढ़ें, videos और news-videos के लिए ब्राउज़ करें
Published: