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कांग्रेस के सिर्फ 2 MLA,लेकिन UP से 3 नेताओं को भेजा राज्यसभा, आखिर क्या है वजह?

उत्तर प्रदेश से दो ब्राह्मण और एक मुस्लिम को राज्यसभा भेजने के निर्णय को महज संयोग नहीं कहा जा सकता

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उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के सिर्फ दो विधायक हैं, लेकिन राज्य के 3 नेताओं को पार्टी ने राज्यसभा (Rajyasabha) भेज दिया. सवाल है आखिर मामला क्या है? उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अपनी जमीन तैयार करने में जुटी कांग्रेस ने मुस्लिम युवाओं में अपनी पैठ मजबूत करने के लिए इमरान प्रतापगढ़ी (Imran Pratapgarhi) , कांग्रेस में लंबी पारी खेलने वाले प्रमोद तिवारी (Pramod Tiwari) और वित्त के बड़े जानकार और प्रियंका गांधी के करीबी माने जाने वाले राजीव शुक्ला (Rajiv Shukla) को राज्यसभा भेजा है.

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अकेले उत्तर प्रदेश से दो ब्राह्मण और एक मुस्लिम को राज्यसभा भेजने के निर्णय को महज संयोग नहीं कहा जा सकता. इसमें कांग्रेस की सोची समझी राजनीतिक सूझबूझ दिखाई देती है.

कांग्रेस ने प्रमोद तिवारी को राजस्थान से, इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र और राजीव शुक्ला को छत्तीसगढ़ से राज्यसभा भेजा है.

फिलहाल विधानसभा चुनाव बीत चुके हैं, लोकसभा चुनाव में अभी देरी है, बावजूद इसके कांग्रेस की इस रणनीति से उत्तर प्रदेश में एक नई राजनीति की शुरुआत होती दिख रही है. ठाकुर, यादव और ओबीसी अभी कांग्रेस की पहुंच से दूर हैं. ऐसे में प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पुराने फॉर्मेट पर ही लौटती दिखाई दे रही है.

11 फीसदी ब्राह्मण और 20 फीसदी मुसलमानों को साधने में जुटी कांग्रेस

उत्तर प्रदेश में सवर्ण मतदाता की आबादी करीब 23 फीसदी है. सबसे ज्यादा 11 फीसदी ब्राह्मण, 8 फीसदी राजपूत और 2 फीसदी कायस्थ हैं. इस जाति के वोट बैंक पर कभी किसी राजनीतिक दल का कब्जा नहीं रहा है. बल्कि ये जातियां खुद राजनीतिक पार्टियों में अपनी मजबूत दावेदारी को दर्ज कराती रही हैं.

1990 से पहले उत्तर प्रदेश की सत्ता पर ब्राह्मण और राजपूत जातियों का खासा दबदबा था. जिसके चलते प्रदेश में 8 ब्राह्मण मुख्यमंत्री और तीन राजपूत मुख्यमंत्री प्रदेश को मिले. बाद में समाजवादी पार्टी और बीएसपी ब्राह्मणों को रिझाने में सफल हुई और सत्ता का स्वाद चखा. वर्तमान सरकार भी ब्राह्मणों को एकजुट करने में लगी है. ऐसे में कांग्रेस समय रहते अपने को ब्राह्मण और मुस्लिम का हितैशी साबित करने में जुटी है.

लगातार 9 बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड है प्रमोद तिवारी के नाम

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ स्थित संग्रामगढ़ के रहने वाले प्रमोद तिवारी का राजनीतिक सफर विशाल है. उन्होंने छात्र राजनीति से ही अपना सफर शुरू कर दिया था. वे प्रतापगढ़ में कॉलेज के अध्यक्ष रहे. 1980 में उन्होंने पहली बार रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी. वे दो बार राज्य मंत्री भी रहे. साल 2013 से 2018 तक वे राज्यसभा सदस्य भी रहे. अब एक बार फिर वे राजस्थान के रास्ते राज्यसभा पहुंचे हैं. रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र सीट से वह 10 बार विधायक रह चुके हैं. 9 बार तो वह लगातार विधायक बने थे.

उनकी बेटी आराधना मिश्रा 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुनी गई हैं. आराधना यूपी विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल की नेता भी हैं.

कौन हैं इमरान प्रतापगढ़ी?

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में 6 अगस्त 1987 को जन्में इमरान का पूरा नाम मोहम्मद इमरान खान है. इमरान प्रतापगढ़ी ने मुशायरों से अपनी पहचान बनायी. मुस्लिम युवाओं में उनकी अच्छी-खासी पैठ है. इमरान ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से हिंदी में पढ़ाई की है. हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओं में उनकी अच्छी पकड़ है. उनके पिता मोहम्मद इलयास खान पेशे से डॉक्टर हैं. इमरान ने पांचवीं क्लास से शेरो-शायरी, कविता लिखनी शुरू कर दी थी. उन्होंने देश के अलावा विदेशों के मुशायरों में भी शिरकत की है. वह मुसलमानों की तालीम की वकालत करते हैं, साथ ही मुसलमानों के हक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय रखते हैं.

इमरान को कांग्रेस ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद से मैदान में उतारा था, लेकिन इस चुनाव में वह तकरीबन साढ़े पांच लाख वोटों से हार गए थे. हालांकि कांग्रेस पार्टी ने दो साल बाद साल 2021 में उन्हें कांग्रेस के अल्पसंख्यक विंग का अध्यक्ष बना दिया. अब राज्यसभा भेज कर कांग्रेस ने कसक पूरी की है.

उत्तर प्रदेश के मुस्लिम हलकों में इमरान के शोहरत को देखते हुए इसका राजनैतिक लाभ कांग्रेस को मिल सकता है. माना जा रहा है कि राज्यसभा में इमरान के पहुंचने से मुस्लिमों में पार्टी को लेकर एक अच्छी धारणा बनेगी. इससे कांग्रेस को वोटबैंक का लाभ मिलेगा.

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राजीव शुक्ला का अनुभव आयेगा काम?

राज्यसभा सांसद राजीव शुक्‍ला का जन्‍म 13 सितंबर 1959 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में वकील पिता राम कुमार शुक्ला और शांति देवी शुक्ला के घर हुआ. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के करीबी राजीव शुक्ला की प्रारंभिक शिक्षा कानपुर से ही हुई. उन्‍होंने कानपुर के पीपीएन कॉलेज से एमए और कानपुर विश्‍वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री प्राप्‍त की. उनकी शादी बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद की बहन, टीवी एंकर और बीएजी फिल्म्स कंपनी की चेयरपर्सन अनुराधा प्रसाद से हुई थी.

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आईपीएल के चेयरमैन, पत्रकार, राजनीतिक टिप्‍पणीकार, टीवी होस्‍ट और संसदीय योजना एवं कार्य राज्‍यमंत्री राजीव शुक्‍ला एकसाथ कई जिम्‍मेदारियां संभाल चुके हैं. बता दें कि साल 2000 में वे अखिल भारतीय लोक क्रांति कांग्रेस पार्टी की ओर से पहली बार महाराष्‍ट्र विधानसभा के सदस्‍य बने. 2003 में उनकी पार्टी का विलय कांग्रेस में हो गया, जिसके बाद शुक्‍ला कांग्रेस के प्रव‍क्‍ता बने. जनवरी 2006 में वे ऑल इंडिया कांग्रेस पार्टी के सचिव बने. मार्च 2006 में वे राज्‍य विधानसभा के लिए फिर से चुन लिए गए. 2008 से 2013 तक इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के अध्यक्ष पद पर रहे. बीसीसीआई द्वारा संचालित आईपीएल के 2011 में अध्‍यक्ष बने. 2012 में शुक्‍ला एक बार फिर आईपीएल के अध्‍यक्ष चुन लिए गए. अब उत्तर प्रदेश से राज्यसभा पहुंचे हैं.

इनपुट- चंदन पांडेय

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