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बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार ने पीएम मोदी का इंटरव्यू लिया. जिसमें उन्होंने पीएम से कई दिलचस्प सवाल पूछे. पीएम मोदी ने भी अक्षय के इन सवालों का जवाब उन्हीं के अंदाज में दिया. दोनों ने एक दूसरे को कई चुटकुले और किस्से भी सुनाए. अक्षय कुमार ने पीएम मोदी से उनकी निजी जिंदगी के बारे में कई सवाल किए.
अक्षय कुमार ने जब पीएम मोदी से पूछा कि आप घड़ी उल्टी क्यों पहनते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसा मैं इसलिए करता हूं क्योंकि मुझे बार-बार टाइम देखना होता है. जब किसी मीटिंग में या किसी के साथ बैठा होता हूं तो सामने वाले को मेरा ऐसा करना बुरा लग सकता है. इसीलिए उल्टी घड़ी में आसानी से वक्त दिख जाता है और सामने वाले को पता भी नहीं चलता.
चाय बेचते हुए बहुत लोगों को समझने का मौका मिला. कई लोग डांटते थे. जब हिंदी में बात करता था तो बीजेपी के नेता हैरान होते थे. क्योंकि मैं गुजराती था. इसका कारण चाय बेचना ही था. मालगाड़ी से मुंबई के कारोबारी आते थे, हम उन्हें चाय पिलाते थे. उनसे बातें करते-करते हिंदी सीख ली.
मुझे सुबह 5 बजे चाय पीने की आदत है. दूसरा शाम को 6 बजे चाय चाहिए होती है. खुले में बैठकर चाय पीना पसंद है. मैं कभी दीवाली नहीं मनाता था. पांच दिन तक कहीं चला जाता था. पीने का पानी साथ ले जाता था. किसी खंडहर या पेड़ के नीचे पड़ा रहता था. मैं मुझसे ही मिलने जाता था. उस चीज ने मुझे बहुत ताकत दी.
बचपन में दोस्त के पिता थिएटर के बाहर चना बेचते थे. वहां उनसे मिलते थे और कभी-कभी थिएटर में जाने का मौका मिल जाता था. दोस्त के साथ वहां बैठकर फिल्म देखते थे. जब मैं सीएम था तो अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म देखने गया था. इसके बाद अनुपम खेर जी के साथ फिल्म देखी. अब वक्त नहीं मिल पाता है.
मेरी दिक्कत ओवर कॉन्फिडेंस है. जब मैं अमेरिका पहुंचा तो सुषमा जी पहले ही गई हुई थीं. मेरी आदत है कि पहले मीटिंग कर लेता हूं. सुषमा जी ने पूछा कि आपकी तैयारी कैसी है. लिखित स्पीच होनी चाहिए. इस पर हमारी बहस होती रही. फिर मैंने बता दिया कि मुझे क्या बोलना है. स्पीच तैयार हो गई. लेकिन मुझे पढ़कर बोलना कभी नहीं आता है. वो भाषण मैंने पढ़कर दिया.
बचपन मैं आरएसएस के कैंप में जाता था. जहां कई तरह के खेल होते थे. पूछा जाता था कि आपके पास जो बैठा है उसके गुण बताओ. इससे कई गुण मिले. मैं योगा से भी ज्याद जुड़ गया. मुझे ग्रुप वाले खेल ज्यादा पसंद आते हैं. उससे आपके व्यक्तित्व में सुधार आता है. टीम स्प्रिट आती है.
मां हमेशा मुझे पैसे देती है. मुझे हमेशा सवा रुपया थमाती है. मेरे परिवार का कोई खर्चा सरकार पर नहीं है. मेरा परिवार कुछ भी नहीं लेता है. मेरा जीवन ही ऐसा बन गया है कि देश को अपना परिवार बना लिया है.
मैं मीम देखकर एंजॉय करता हूं. मैं उसमें खुद को कम और क्रिएटिविटी को ज्यादा देखता हूं. ये लोग तुरंत सोचने में सक्षम हैं. कॉमन मैन की सेंस और क्रिएटिविटी दिखती है. सोशल मीडिया का मटीरियल फुटपाथ में बिकने वाले चनों की तरह है. कुछ लोग होते हैं जो जानबूझकर ऐसा करते हैं. खुद को संतुलित रखने से ही सब ठीक हो जाता है. उसकी मेहनत खराब हो जाती है.
जब तक सीएम बना तब तक अपने कपड़े खुद धोता था. गरीबी के कारण कभी-कभी दूसरों को देखकर फील होता था. लोटे में कोयले भरकर कपड़ों में प्रेस करता था. कैनवास के सफेद जूते मिले तो क्लास में जाकर चौक इकट्ठा करता था. हर दिन गंदे जूतों पर चौक लगा देता था.
जितने मेरे साथी हैं, डॉक्टर भी मुझसे कहते हैं कि ज्यादा नींद लीजिए. ओबामा भी इसी बात पर उलझ गए. बोले मोदी जी क्यों आप ऐसा करते हैं. जब भी मिलते हैं तो इसके बारे में पूछते हैं. मेरी नींद कम समय में ही पूरी हो जाती है. मेरी आंख खुलते ही बिस्तर छोड़ देता हूं. मेरी 18-22 साल की जिंदगी ने मुझे ये दिया है. रिटायर होने के बाद नींद बढ़ाने के बारे में सोचूंगा.
हम लोगों की एक मीटिंग थी, उसमें गप्पे चलीं कि रिटायरमेंट के बाद क्या करेंगे. प्रमोद महाजन ऐसे सवाल ज्यादा करते थे. उन्होंने मुझे पूछा तो मैंने कहा कि कभी सोचा ही नहीं. क्योंकि जिम्मेदारी ही मेरी जिंदगी है. मेरे मन में कभी रिटायरमेंट का विचार नहीं आया. जीवन का हर पल किसी न किसी मिशन में बिताऊंगा.
मेरा कोई बैंक अकाउंट नहीं था. मेरे गांव में एक बैंक खुला, उन्होंने सभी बच्चों को एक गुल्लक दिया और कहा कि आपको पैसा डालना है और जमा करना है. मेरा गुल्लक हमेशा खाली रहा. हमने कभी पैसा जमा नहीं कराया. गांव में अकाउंट खुला था, बंद करने के लिए मुझे ढूंढते थे. जब सीएम बना तो वेतन आना शुरू हो गया और बैंक अकाउंट बन गया. जब मैं वहां से निकला तो अकाउंट के सभी पैसे दान करने के लिए कहा.
विपक्षी पार्टियों में कई अच्छे दोस्त हैं, साथ में कई बार खाना भी खाते हैं. बहुत पहले किसी काम से पार्लियामेंट गया था. गुलाम नबी आजाद और मैं गप्पे मार रहे थे. मीडिया वालों ने सवाल किया कि कैसे दोस्ती हुई? हमने कहा कि जो आप बाहर लोग देखते हैं वो नहीं है. हम लोग एक फैमिली की तरह जीते हैं. ममता दीदी साल में आज भी मेरे लिए एक-दो कुर्ते भेजती है.
अगर कोई ये कहता है कि मैं काम करवाता हूं, ये सच नहीं है. मैं किसी पर दबाव नहीं बनाता हूं. अनुशासन थोपने से नहीं आता है. झूठ बोलकर किसी को भी इंप्रेस नहीं कर सकते हैं. मैं किसी से भी मिलता हूं तो मेरा कभी भी बीच में फोन नहीं आता है. ये अनुशासन मेरे जीवन में है.
कभी मां को बुलाया था, कुछ दिन उनके साथ बिताए थे. लेकिन मेरी मां कहती हैं कि मेरे साथ क्यों समय बर्बाद करते हो. मां कहती है कि तुम्हारे साथ क्या बात करूं. समय ज्यादा नहीं मिलता है. रात को आता हूं तो मां को दुख होता है.
पीएम मोदी ने कहा कि गुस्से को कंट्रोल करने के लिए मैंने एक चीज अपनाई. कभी लगता था मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ? ऐसे में मैं अकेला कागज लेकर बैठता था और सारी घटना को लिख देता था. फिर उसको फाड़कर फेंक देता था. फिर दोबारा लिखता था. इससे वो चीजें कागज से साथ ही फट जाती थीं. लिखने के बाद पता चलता था कि मैं ही गलत था.
अगर मैं कहूं कि मुझे गुस्सा नहीं आता है, तो बहुत लोग चौंक जाते हैं. लेकिन मेरी जिंदगी का जो बड़ा दौर था उसमें ये सब चीजें होती रहीं. मैंने चपरासी से लेकर प्रिंसिपल सेक्रेट्री तक किसी पर कभी गुस्सा नहीं निकाला है. मैं स्ट्रिक्ट हूं, लेकिन किसी को नीचा नहीं दिखाता.
मेरा मन करता था कि मैं भी फौज में जाऊं. फौजियों का बड़ा सत्कार होता था, तो मन में आया कि ये देश के लिए जीने मरने वाला रास्ता है. गुजरात के सैनिक स्कूल में दाखिला लेने की कोशिश की.
कभी भी नहीं सोचा कि मैं पीएम बनूंगा. मैं नहीं मानता हूं कि किसी के मन में पहले से ही ऐसी इच्छा हो. हां अगर परिवार ही ऐसा हो तो इच्छा हो सकती है. यात्रा चल पड़ी और देश मुझे लेता चला गया. मुझे भी आश्चर्य हो रहा है कि देश मुझे इतना प्यार क्यों दे रहा है. मन में सवाल पैदा करता था और जवाब खुद देता था और यहां पहुंच गया.
आम खाना मुझे खूब पसंद है. जब छोटा था तो खेतों में चले जाते थे तो पेड़ से पके हुए आम खाता था. खूब आम खाता था, लेकिन फिलहाल कंट्रोल करना पड़ता है.
अक्षय कुमार ने इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी से पूछा कि आप 3 या 4 घंटे ही सोते हैं, जबकि 7 घंटे नींद लेना जरूरी है. इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ओबामा जब मुझे मिले तो वो भी इसी बात पर उलझ गए. जब भी मिलते हैं तो पूछते हैं कि क्या आपने अपनी नींद बढ़ाई या नहीं.
अक्षय कुमार ने पीएम मोदी से पूछा है कि क्या उन्हें अपनी मां और परिवार के साथ रहने का मन नहीं करता है? इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने बचपन में ही परिवार को छोड़ दिया था. मां भी बोलती है कि मेरे पीछे क्यों समय खराब करता है.
अक्षय कुमार ने पीएम मोदी के साथ इंटरव्यू का टीजर ट्वीट किया है. कुछ सेकेंड के इस टीजर में अक्षय पीएम मोदी से पूछ रहे हैं कि क्या वो आम खाते हैं? इसके बाद अक्षय पीएम से पूछ रहे हैं क्या वो सच में गुजराती हैं? क्योंकि गुजराती लोग पैसे के लिए बहुत सही रहते हैं.
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Published: 24 Apr 2019,08:09 AM IST