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पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजे (Five Election Result) लगभग फाइनल स्थिति में पहुंच गए हैं. यूपी (UP), उत्तराखंड (Uttarakhand), मणिपुर और गोवा में बीजेपी सरकार बनाती दिख रही है और पंजाब में आम आदमी पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की है. लेकिन इस चुनाव की उठापटक में कई बड़े चेहरे हार गए हैं. जो चुनाव प्रचार में अपनी पार्टी के लिए उम्मीद थे या बड़े दावे कर रहे थे. इनमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कांग्रेस नेता हरीश रावत, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह भी अपनी सीट हार गए हैं.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा से चुनाव हार गए हैं. बीजेपी ने धामी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा था. उन्हें कांग्रेस के भूवन चंद्र कापड़ी ने हराया. पुष्कर सिंह धामी भी अब उत्तराखंड के उन मुख्यमंत्रियों में शामिल हो गए हैं जो अपना चुनाव नहीं जीत सके. इससे पहले भी कोई सीएम रहते उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाया है.
हरीश रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और कांग्रेस की पंजाब कलह के वक्त वो सरपट दौड़ रहे थे. उत्तराखंड में भी कांग्रेस की चुनावी कमान हरीश रावत के हाथ में थी अगर सरकार आती तो वो सीएम भी बनते. लेकिन फिलहाल हाल ये है कि वो अपनी ही सीट हार रहे हैं. हरीश रावत लालकुआ सीट से बीजेपी मोहन सिंह बिष्ट से 16 हजार वोटों से पीछे चल रहे हैं.
आम आदमी पार्टी की तरफ से सीएम उम्मीदवार घोषित किए गए अजय कोठियाल गंगोत्री सीट से अपनी चुनाव हार गए हैं. उनके ही कंधे पर आम आदमी पार्टी को उत्तराखंड में जिताने की भी जिम्मेदारी थी लेकिन वो अपनी ही सीट नहीं बचा पाए.
पंजाब के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी अपना चुनाव अमृतसर ईस्ट विधानसभा से हार गए हैं. उन्हें आम आदमी पार्टी की जीवनज्योत कौर ने हराया है. नवजोत सिंह सिद्धू की वजह से ही कांग्रेस में इतनी रार रही. वो अपनी ही सरकार के खिलाफ कई बार खड़े दिखाई दिए. कैप्टन अमरिंदर सिंह को उनकी वजह से निकलवाया गया. अंत में उनके कहने पर ही मेनिफेस्टो बनाया गया. मतलब चुनाव में कांग्रेस चन्नी से ज्यादा सिद्धू के भरोसे थी. लेकिन वो अपनी ही सीट नहीं बना सके. इसी सीट पर अकाली दल के बिक्रम मजीठिया भी चुनाव लड़ने आये थे और वो भी चुनाव हार गए.
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी पटियाला से अपनी सीट हार गए हैं. लंबे समय से इस सीट से जीतते आ रहे अमरिंदर सिंह को आम आदमी पार्टी के अजीत पाल सिंह कोहली ने हराया. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस से अलग होने के बाद अपनी पार्टी बनाई थी और बीजेपी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़े थे लेकिन अपनी सीट बचाने में भी नाकाम रहे.
स्वामी प्रसाद मौर्या चुनाव से ठीक पहले मंत्री पद छोड़कर बीजेपी से अलग होकर समाजवादी हो गए थे और पूर्वांचल में जमकर प्रचार किया था. हेलीकॉप्टर से प्रचार करने वाले, पूर्वांचल में ओबीसी वोटों का दम भर एसपी को जीत दिलाने का दावा करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी सीट ही बचाने में नाकाम रहे. उन्हें बीजेपी के सुरेंद्र कुमार कुशवाहा ने हराया.
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Published: 10 Mar 2022,05:56 PM IST