बिहार चुनाव नतीजे: 39 सीटों पर NDA को LJP से हुआ नुकसान

कई सीटों पर, LJP को, जीतने वाले उम्मीदवार और हारे हुए NDA उम्मीदवार के बीच के मार्जिन से ज्यादा वोट मिले हैं.

आदित्य मेनन
बिहार चुनाव
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(फोटो: क्विंट हिंदी)
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(फोटो: क्विंट हिंदी)

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भले ही चिराग पासवान (Chirag Paswan) की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने बिहार चुनाव (Bihar Elections 2020) में केवल एक सीट जीती हो, लेकिन ये विधानसभा चुनाव में एक बड़ी खिलाड़ी बनकर उभरी है. चुनाव प्रचार के दौरान LJP ने साफ कहा था कि वो नीतीश कुमार को हराना चाहते हैं. ऐसे में लग रहा है कि LJP ने JDU का कुछ सीटों पर तो नुकसान कर ही दिया है.

करीब 38 सीटों पर, LJP को, जीतने वाले उम्मीदवार और हारे हुए NDA उम्मीदवार के बीच के मार्जिन से ज्यादा वोट मिले हैं. इसका मतलब है कि अगर LJP, NDA गठबंधन का हिस्सा होती और इसके वोट ट्रांसफर होते, तो NDA मौजूदा नंबर से 38 सीटें ज्यादा जीतती.

33 सीटों पर LJP को ज्यादा वोट

LJP के ज्यादा मार्जिन ले जाने वाली सीटों में, 39 सीटें ऐसी थी, जहां JDU के उम्मीदवार खड़े हुए थे. इन 39 सीटों में, 33 सीट पर JDU को हार का सामना करना पड़ा. ये BJP के JDU पर मौजूदा बढ़त के लगभग बराबर ही है.

इससे उस थ्योरी को भी बढ़ावा मिलता है कि BJP ने ही नीतीश कुमार को कमजोर करने के लिए LJP को JDU के खिलाफ उम्मीदवार उतारने के लिए फोर्स किया.

JDU के बाद, जिस पार्टी पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है, वो है विकासशील इंसान पार्टी (VIP), जिसने ऐसी 4 सीटें गंवाई. जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) ने भी ऐसी ही एक सीट गंवाई. चौंकाने वाली बात है कि BJP ने भी ऐसी एक सीट गंवानी पड़ी. ये हैं वो सीटें जहां LJP ने जीतने वाले उम्मीदवार और हारे हुए NDA उम्मीदवार के बीच के मार्जिन से ज्यादा वोट हासिल किए.

JDU ने खोयी ये सीटें: अलौली, अतरी, बाजपट्टी, बड़हरिया, चकाई, चेनारी, दरभंगा ग्रामीण, धोरैया, दिनारा, एकमा, गायघाट, इस्लामपुर, जगदीशपुर, जमालपुर, करगहर, खगड़िया, लौकहा, महराजगंज, महनार, महुआ, मटिहानी, मीनापुर, मैरवा, नाथवा, नगवां, रघुनाथपुर, राजापाकर, साहेबपुर कमाल, समस्तीपुर, शेखपुरा, शेरघाटी, सिंघेश्वर, सूरजगढ़

VIP ने खोयी ये सीटें: बनियापुर, मधुबनी, सिमरी बख्तियारपुर, सुगौली

BJP ने खोयी ये सीटें: भागलपुर

HAM ने खोयी ये सीटें: कस्बा

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LJP की रणनीति

LJP ने ऐसे कई उम्मीदवारों को उतारा, जिनका बैकग्राउंड RSS या BJP का था, जैसे राजेंद्र प्रसाद, रमेश्वर चौरसिया और देव रंजन सिंह. साथ ही LJP ने कई अपर कास्ट उम्मीदवारों को भी उतारा. क्विंट ने पहले बताया था कि RSS से जुड़े कई लोग LJP के उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे थे.

इन दोनों को, उन सीटों पर BJP वोटरों को लुभाने की कोशिश की तरह देखा गया, जिसपर JDU या छोटी पार्टियों ने चुनाव लड़ा था. चिराग पासवान पर ये भी इल्जाम लगा की उन्होंने ऐसा BJP के कहने पर किया है.

LJP को बिहार में कुल वोटों के करीब 5.66% वोट मिले, लेकिन क्योंकि उसने कुल सीटों की संख्या की लगभग आधी सीटों पर चुनाव लड़ा था, इसलिए चुनाव लड़ी गई सीटों में उसका औसत वोट शेयर करीब 11% रहा होगा.

क्योंकि इसमें से अधिकतर NDA वोट थे, तो BJP से ज्यादा नुकसान पर यहां JDU और नॉन-BJP सहयोगियों को हुआ.

इससे साफ होता है कि भले BJP और JDU ने बराबर सीटों पर चुनाव लड़ा, दोनों के बीच 4 पर्सेन्टेज पॉइन्ट का अंतर है.

इससे किसे हुआ फायदा? जाहिर तौर पर महागठबंधन को

ऊपर बतायी गई 39 सीटों में से, RJD ने 28 सीटों पर, कांग्रेस ने 8 सीटों पर और निर्दलीय ने 1 सीट पर जीत दर्ज की.

इसलिए इस कैलकुलेशन से, अगर LJP, NDA गठबंधन का हिस्सा होती और वोट ट्रांसफर होते तो महागठबंधन के लिए 90 सीटों का आंकड़ा पार कर पाना भी मुश्किल हो जाता.

हालांकि, वोट ट्रांसफर होना इतना भी आसान नहीं है. ऐसा मुमकिन है कि कुछ सीटों पर LJP की वजह से महागठबंधन को नुकसान हुआ हो, खासकर उन सीटों पर जहां उसने मुस्लिम या पासवान उम्मीदवारों को उतारा.

यहां LJP फैक्टर के साथ-साथ नीतीश कुमार की एंटी-इनकमबेंसी और RJD के तेजस्वी यादव के प्रदर्शन को भी ध्यान रखना होगा.

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