advertisement
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव (assembly election results 2022) के परिणाम स्पष्ट हो गए हैं. उत्तरप्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में कई दिग्गज चुनावी रण में थे. इनमें कईयों को मुंह की खानी पड़ी है. आइए जानते हैं किन-किन दिग्गजों का मतदाताओं ने बुरा हाल कर दिया...
पंजाब के दो बार के मुख्यमंत्री रह चुके कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain amarinder singh) को जनता ने हार का स्वाद चखाया है. कुछ समय पहले कांग्रेस बगावत कर नई पार्टी बनाने वाले कैप्टन पटियाला सीट से बुरी तरह हारे हैं. अमरिंदर के लिए ये नतीजे किसी डरावने सपने से कम नहीं हैं.
कैप्टन अमरिंदर को आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अजीतपाल सिंह कोहली ने हराया है. अजीत को 48104 मत मिले जबकि कैप्टन ने 28231 वोट अपने नाम किए.
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर ईस्ट से चुनावी रण में थे. यहां उनका सामना शिरोमणि अकाली दल के विक्रम सिंह मजीठिया और आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी जीवन जोत कौर से था. इस पूरे मुकाबले में आम आदमी की उम्मीदवार हावी रहीं और सिद्धू व मजीठिया जैसे दिग्गजों को पछाड़ दिया. आम आदमी पार्टी को यहां 39679 वोट मिले, जबकि सिद्धू को 32929 मत मिले वहीं मजीठिया को 25188 वोटों से संतुष्ट होना पड़ा.
पंजाब में कांग्रेस के वर्तमान मुख्यमंत्री और भावी सीएम चेहरा रहे चरणजीत सिंह चन्नी ने दो सीटों पर अपनी किस्मत टटोली थी. लेकिन दोनों ही सीटों पर उन्हें मुंह की खानी पड़ी. दोनों ही सीटों पर उन्हें आम आदमी पार्टी के उम्मीदरवार ने हराया.
चमकौर साहिब और भदौर सीट से अपनी किस्मत अजमाने वाले चन्नी को बड़े अंतराल से हार का सामना करना पड़ा. एक ओर जहां चमकौर साहिब में उन्हें आप कैंडिडेट चरणजीत ने 70248 हासिल कर चन्नी (62306) को हराया वहीं दूसरी ओर भदौर में आप प्रत्याशी लभ सिंह उगोके ने 63967 वोट अपने नाम करते हुए चन्नी (26409) को मात दी.
शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल पंजाब के मुक्तसर जिले में अपनी पारंपरिक लम्बी सीट से आम आदमी पार्टी के गुरमीत सिंह खुडियां से चुनाव हार गए. 94 साल के बादल सबसे बुजुर्ग उम्मीदवार थे. आप के गुरमीत ने 66313 मत अपने नाम किए वहीं बादल के खाते में 54917 वोट पड़े थे.
जलालाबाद सीट से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के बेटे और पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल को हार का सामना करना पड़ा है. 2009 से जलालाबाद विधानसभा पर राज करने वाले दिग्गज नेता बादल को आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार जगदीप कंबोज ने हराया. सुखबीर बादल की यह बड़ी हार है क्योंकि वे 2009 से दो बार पंजाब के उप-मुख्यमंत्री रहे हैं.
उत्तराखंड के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत (Harish Rawat) ने बड़े अंतर से अपनी सीट गंवाई है. वे लालकुआं विधानसभा सीट से चुनावी मैदान पर थे. नैनीताल जिले में आने वाले इस सीट में रावत का मुकाबला बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट से था. मोहन सिंह बिष्ट ने रावत को 16 हजार से अधिक वोटों से हराया. मोहन सिंह को 44851 मत मिले जबकि रावत के पक्ष में 28251 वोट आए.
हरीश रावत पंजाब कांग्रेस प्रभारी थे, जिन्हें पिछले साल ही इस पद से मुक्त किया गया था. तब रावत ने खुद को इस पद से मुक्त करने के लिए आलाकमान से अपील की थी. उन्होंने तब कहा था कि पंजाब और उत्तराखंड दोनों जगह चुनाव आने वाले हैं ऐसे में दोनों जगह समय दने पर परिस्थितियां कठिन हो जाएंगी, इसलिए उन्हें इस पद से मुक्त किया जाए.
उत्तराखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा सीट से चुनावी मैदान पर थे. यहां से कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी ने उन्हें 6951 मतों से मात दी. इस बार के चुनाव में पुष्कर सिंह धामी को सिर्फ 33175 वोट मिले, वहीं कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी को 40175 वोट मिले.
कांग्रेस गढ़ माने जाने वाले रायबरेली में कमल खिल गया है, यहां कांग्रेस के डॉ. मनीष चौहान का सामना बीेजेपी की अदिति सिंह और सपा के राम प्रताप यादव से था. आदिति ने 93780 वोट अपने पाले में करते हुए जीत हासिल की, कांग्रेस के खाते में 14063 वोट आए तो वहीं सपा ने 86359 पर सेंध लगाने का काम किया.
इससे पहले, अदिति सिंह ने 2017 में पहली बार चुनाव लड़ा था, तब वो कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरी थीं और बीजेपी-मोदी की लहर के बावजूद जीत दर्ज की थी.
अजय कुमार लल्लू उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे, तमकुहीराज विधानसभा सीट से वे हैट्रिक लगाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन सिद्धू की तरह वे बोल्ड हो गए. मोदी लहर में जीत का स्वाद चखने वाले लल्लू को इस बार हार का घूंट पीना पड़ना. लल्लू को इस बार महज 33496 वोट मिले जबकि बेजेपी के असिम कुमार को 115123 मत मिले. वहीं सपा के उदय नाराणय ने 48651 वोटों पर सेंध लगाया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)