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Disease X News: ब्रिटेन की एक हेल्थ एक्सपर्ट ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा दिया गया नाम डिजीज X, कोविड-19 से भी घातक महामारी का कारण बन सकता है.
यूके के वैक्सीन टास्कफोर्स की अध्यक्षता करने वाली डेम केट बिंघम ने एक गंभीर चेतावनी जारी की कि अगली महामारी (डिजीज X) कम से कम 50 मिलियन लोगों (5 करोड़) की जान ले सकती है, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया भाग्यशाली थी कि कोविड अधिक घातक नहीं था.
जानते हैं डिजीज X से जुड़ी जरूरी बातें.
डेली मेल को दिए एक इंटरव्यू में, केट बिंघम ने कहा कि नया वायरस 1919-1920 के विनाशकारी स्पेनिश फ्लू के समान प्रभाव डाल सकता है.
उन्होंने ये भी कहा कि अगर दुनिया को डिजीज X के खतरे से निपटना है, तो बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान के लिए तैयार होना होगा और रिकॉर्ड समय में खुराक देनी होगी.
WHO के चीफ डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने मई में जिनेवा में हुई वर्ल्ड हेल्थ असेंबली की मीटिंग में इसे लेकर चेतावनी दी थी. उन्होंने आगाह किया था कि यह कभी भी आ सकती है, जिससे भयंकर बीमारी फैल सकती और भारी संख्या में लोगों की मौत हो सकती है.
‘डिजीज X’ ग्लोबल हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की "प्राथमिकता वाली बीमारियों" की सूची में है. लेकिन क्या बीमारी मौजूद भी है? शायद हां-शायद नहीं.
WHO की वेबसाइट बताती है:
डिजीज X अभी तक कोई असली रोग नहीं है.
यह टर्म ऐसे संभावित रोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो भविष्य में तबाही मचा सकते हैं.
यह शब्द 2018 में गढ़ा गया था.
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन और विशेषज्ञ "संभावित महामारी एजेंटों" की खोज के लिए धन जुटाने और रिसर्च और निगरानी बढ़ाने में लगे हैं.
अब तक, रिसर्च से पता चला है कि पैथोजन घातक हो सकता है और मनुष्यों में रेस्पिरेटरी फेलियर का कारण बन सकता है.
WHO के महानिदेशक ने इसी साल मई महीने में कहा था कि हमें संभावित पैथोजन, जो एक और महामारी का कारण बन सकते हैं और जानमाल का नुकसान कर सकते हैं, के लिए तैयार रहने की जरूरत है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि पिछली महामारियों की तरह, 'डिजीज X' भी जूनोटिक हो सकती है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाले कीटाणुओं के कारण हो सकता है.
परेशानी की बात यह है कि फिलहाल डिजीज X के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि आगे चलकर इसकी रोकथाम में टीके ही सफल होंगे जिनकी तैयारी अभी से करनी चाहिए.
डेम केट बिंघम ने कहा कि वैज्ञानिक 25 वायरस परिवारों की निगरानी कर रहे हैं, जिनमें से हरेक में हजारों व्यक्तिगत वायरस शामिल हैं. इनमें से कोई भी एक गंभीर महामारी में बदल सकता है. यह निगरानी उन वायरस को ध्यान में नहीं रखती है, जो जानवरों से मनुष्यों में आ सकते हैं.
एक्सपर्ट ने आगे कहा कि वैज्ञानिकों ने 25 वायरस परिवारों की पहचान की है, लेकिन दस लाख से अधिक अनदेखे वेरिएंट हो सकते हैं, जो एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में जाने में सक्षम हो सकते हैं.
इस बीच, ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने अज्ञात 'डिजीज X' को लक्षित करने वाले टीके के विकास के प्रयास पहले ही शुरू कर दिए हैं. विल्टशायर में हाई सुरक्षा वाले पोर्टन डाउन प्रयोगशाला परिसर में किए गए शोध में 200 से अधिक वैज्ञानिक शामिल हैं.
'डिजीज X' के अलावा, WHO की "प्राथमिकता रोग" सूची में शामिल हैं:
COVID-19
क्रीमियन-कांगो हेमोरेजिक फीवर
इबोला
मारबर्ग
लस्सा फीवर
मिडल ईस्टर्न रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस (MERS-CoV)
सिवीयर अक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स)
निपाह और हेनिपा वायरल डिजीज
रिफ्ट वैली फीवर
जीका
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